Rana Sanga Controversy : हाल ही में उत्तर प्रदेश की सियासत में एक नया विवाद सुर्खियों में आया है। राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी के नेता शेर सिंह राणा ने समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन को धमकी दी है कि अगर उन्होंने माफी नहीं मांगी, तो उन्हें अफगानिस्तान के काबुल में बाबर की कब्र वाले कमरे में बंद कर दिया जाएगा। यह धमकी राणा सांगा को लेकर सुमन के एक विवादित बयान के बाद सामने आई है, जिसने पहले से ही राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तनाव पैदा कर रखा है। आखिर कौन हैं शेर सिंह राणा, और क्यों उनकी यह धमकी चर्चा का विषय बनी हुई है?
शेर सिंह राणा कौन हैं?
शेर सिंह राणा का असली नाम पंकज सिंह है। उनका जन्म 17 मई 1976 को उत्तराखंड के रुड़की में हुआ था। यह नाम सबसे पहले तब सुर्खियों में आया जब उन पर 25 जुलाई 2001 को सपा सांसद और पूर्व डकैत फूलन देवी की हत्या का आरोप लगा। राणा ने दावा किया था कि उन्होंने यह हत्या 1981 के बेहमई कांड का बदला लेने के लिए की, जिसमें फूलन देवी के गैंग ने कानपुर देहात के बेहमई गांव में 20 लोगों को गोली मार दी थी। हत्या के दो दिन बाद राणा ने देहरादून में आत्मसमर्पण कर दिया था, लेकिन उनकी कहानी यहीं खत्म नहीं हुई।
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तिहाड़ से काबुल पहुंचे शेर सिंह राणा
2004 में शेर सिंह राणा तिहाड़ जेल से फरार हो गए और अफगानिस्तान के काबुल पहुंचे। वहां से उन्होंने मध्यकालीन सम्राट पृथ्वीराज चौहान की समाधि से मिट्टी लाने का दावा किया, जिसके बाद उनकी छवि एक राष्ट्रवादी नेता के रूप में उभरी। बाद में उनकी गिरफ्तारी हुई और वह जमानत पर रिहा हुए। वर्तमान में वह राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी के संयोजक हैं और अपने बयानों व गतिविधियों के चलते अक्सर चर्चा में रहते हैं।
रामजीलाल सुमन को धमकी
शेर सिंह राणा एक बार फिर सुर्खियों में तब आए जब उन्होंने सपा सांसद रामजीलाल सुमन को धमकी दी। यह विवाद तब शुरू हुआ जब सुमन ने राज्यसभा में मेवाड़ के शासक राणा सांगा को लेकर एक बयान दिया। उन्होंने कहा था कि राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को भारत बुलाया था, और इस संदर्भ में उन्हें “गद्दार” करार दिया। इस बयान से क्षत्रिय समाज और विभिन्न संगठनों में आक्रोश फैल गया। करणी सेना सहित कई संगठनों ने सुमन के खिलाफ प्रदर्शन किए और उनके आगरा स्थित घर पर हमला भी किया।
इसी बीच, शेर सिंह राणा ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए सुमन को चेतावनी दी। एक वायरल वीडियो में राणा ने कहा, “मैं तिहाड़ जेल से फरार होकर काबुल गया था और पृथ्वीराज चौहान की मिट्टी लाया था। मुझे काबुल का रास्ता पता है। अगर रामजीलाल सुमन ने राणा सांगा के लिए माफी नहीं मांगी, तो मैं उन्हें बाबर की कब्र वाले कमरे में बंद कर दूंगा।” राणा ने यह भी कहा कि सुमन का बयान राष्ट्रवीर राणा सांगा का अपमान है, और वह इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
राणा सांगा विवाद पर सियासत
राणा सांगा पर सुमन के बयान और उसके बाद शेर सिंह राणा की धमकी ने उत्तर प्रदेश में सियासी माहौल को गरमा दिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने सांसद का बचाव करते हुए कहा कि उनका इरादा किसी समाज का अपमान करना नहीं था, बल्कि वे इतिहास के एक पहलू को सामने लाना चाहते थे। दूसरी ओर, करणी सेना और क्षत्रिय संगठनों ने सुमन से माफी की मांग की है और उनके खिलाफ प्रदर्शन तेज कर दिए हैं।
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26 मार्च 2025 को आगरा में सुमन के घर पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की, जिसके बाद सपा कार्यकर्ताओं में भी गुस्सा भड़क उठा। इस घटना के बाद सुमन ने अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है और पुलिस से शिकायत की है कि उन्हें सोशल मीडिया पर धमकियां मिल रही हैं। शेर सिंह राणा की धमकी ने इस विवाद को और हवा दी है, जिससे यह मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।
दो दशक से चर्चा में शेर सिंह राणा
शेर सिंह राणा का नाम पिछले दो दशकों से अलग-अलग कारणों से चर्चा में रहा है। फूलन देवी की हत्या से लेकर रामजीलाल सुमन को धमकी तक, उनकी जिंदगी के हर पहलू ने विवाद और उत्सुकता पैदा की है।
25 जुलाई 2001: फूलन देवी की हत्या
शेर सिंह राणा पहली बार तब राष्ट्रीय सुर्खियों में आए जब उन्होंने दिल्ली में सपा सांसद और पूर्व डकैत फूलन देवी की उनके सरकारी आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी। राणा ने दावा किया कि यह हत्या 1981 के बेहमई कांड का बदला थी, जिसमें फूलन देवी और उनके गैंग ने 20 से ज्यादा लोगों को मार डाला था। हत्या के दो दिन बाद उन्होंने देहरादून में आत्मसमर्पण कर दिया, जिससे उनकी छवि एक साहसी लेकिन विवादित शख्स के रूप में उभरी।
17 फरवरी 2004: तिहाड़ जेल से फरारी
फूलन देवी हत्याकांड के बाद तिहाड़ जेल में बंद राणा ने एक सनसनीखेज कदम उठाया। वह अपने दोस्त संदीप की मदद से जेल से फरार हो गए। संदीप ने पुलिसकर्मी का वेश धारण कर राणा को हरिद्वार कोर्ट ले जाने का नाटक किया, और इस तरह वह सुरक्षा व्यवस्था को चकमा देने में कामयाब रहे। यह घटना उनकी नाटकीयता और साहस को दर्शाती है, जिसने उन्हें फिर से चर्चा में ला दिया।
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2004-2006: अफगानिस्तान से पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां लाने का दावा
जेल से फरार होने के बाद राणा कथित तौर पर बांग्लादेश, दुबई और अफगानिस्तान पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि वह काबुल में मध्यकालीन सम्राट पृथ्वीराज चौहान की समाधि से उनकी अस्थियां लेकर भारत लौटे। इस दावे ने उन्हें क्षत्रिय समाज और राष्ट्रवादी संगठनों में हीरो बना दिया, हालांकि इसकी सत्यता पर सवाल उठते रहे। 17 मई 2006 को कोलकाता से उनकी गिरफ्तारी हुई, लेकिन यह घटना उनकी छवि को और मजबूत करने वाली साबित हुई।
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अगस्त 2014: उम्रकैद की सजा
फूलन देवी हत्याकांड में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद दिल्ली की एक अदालत ने शेर सिंह राणा को उम्रकैद और 1 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। इस फैसले ने एक बार फिर उनके नाम को सुर्खियों में ला दिया। सजा के बावजूद, उनके समर्थकों ने उन्हें एक नायक के रूप में देखना जारी रखा, जिससे उनकी विवादास्पद छवि और चर्चा में बनी रही।
2016: जमानत पर रिहाई
2016 में राणा को जमानत मिली, जिसके बाद वह जेल से बाहर आए। इस दौरान उन्होंने अपनी राजनीतिक गतिविधियां तेज कीं और राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी की स्थापना की। जमानत के बाद उनकी सक्रियता ने उन्हें फिर से मीडिया और जनता के बीच चर्चा का विषय बना दिया।
20 फरवरी 2018: हाई-प्रोफाइल शादी
राणा ने मध्य प्रदेश के एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली प्रतिमा सिंह से शादी की। इस शादी में उन्होंने दहेज के रूप में 10 करोड़ की संपत्ति और 31 लाख रुपये नकद लेने से इनकार कर सिर्फ एक चांदी का सिक्का स्वीकार किया। इस कदम ने उन्हें नई छवि दी और वह फिर से चर्चा में आए।
2019: राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी का गठन और राजनीतिक एंट्री
जेल से बाहर आने के बाद राणा ने राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी बनाई और हरियाणा के करनाल में हेलीकॉप्टर से ग्रैंड एंट्री के साथ अपनी राजनीतिक पारी शुरू की। इस आयोजन में करीब 40 लाख रुपये खर्च होने की बात सामने आई, जिसने उनकी छवि को एक प्रभावशाली नेता के रूप में पेश किया और चर्चा को हवा दी।
2022: बायोपिक की घोषणा
बॉलीवुड अभिनेता विद्युत जामवाल ने शेर सिंह राणा की जिंदगी पर आधारित एक बायोपिक की घोषणा की। इस फिल्म की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई कि एक हत्यारे पर फिल्म क्यों बनाई जा रही है। इस विवाद ने राणा को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया। बाद में यह प्रोजेक्ट रणदीप हुड्डा के साथ आगे बढ़ा।
अप्रैल 2025: रामजीलाल सुमन को धमकी
हाल ही में राणा ने सपा सांसद रामजीलाल सुमन को धमकी दी, जब सुमन ने राणा सांगा को “गद्दार” कहकर एक विवादित बयान दिया। राणा ने कहा कि वह सुमन को काबुल में बाबर की कब्र वाले कमरे में बंद कर देंगे। इस धमकी ने क्षत्रिय समाज और राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी, और राणा एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन गए।


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