Who is Hindu Miyan Rajput : देहरादून के मियांवाला का नाम बदलकर रामजीवाला करने का फैसला सरकार के लिए उल्टा पड़ गया। स्थानीय राजपूत समुदाय ने इस बदलाव पर कड़ा ऐतराज जताया है और इसे अपनी पहचान पर हमला बताया है। आखिर ये हिंदू मियां कौन हैं, और मियांवाला का नाम बदलने से इतना विवाद क्यों हो रहा है? आइए, विस्तार से जानते हैं।
मियांवाला का नाम बदलने पर विवाद क्यों?
31 मार्च 2025 को उत्तराखंड सरकार ने देहरादून के मियांवाला सहित कई स्थानों के नाम बदले। नाम बदलने का फैसला चर्चा का विषय बना हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के चार जिलों – हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और उधम सिंह नगर में 17 स्थानों के नाम बदलने की घोषणा की थी।
- मियांवाला → रामजीवाला
- पीरवाला → केसरी नगर
- चांदपुर खुर्द → पृथ्वीराज नगर
- अब्दुल्लापुर → दक्ष नगर
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मियांवाला के अलावा, उत्तराखंड में कई अन्य स्थानों के नाम बदले गए, जिनमें शामिल हैं:
- हरिद्वार: औरंगजेबपुर → शिवाजी नगर, गाजीवाली → आर्य नगर
- नैनीताल: नवाबी रोड → अटल मार्ग, पनचक्की → आईटीआई मार्ग → गुरु गोवलकर मार्ग
- उधम सिंह नगर: सुल्तानपुर पट्टी → कौशल्यापुरी
सरकार का कहना था कि ये नाम भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक महापुरुषों के सम्मान में बदले गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे देवभूमि उत्तराखंड की मूल पहचान को संरक्षित करने का प्रयास बताया। हालांकि, कुछ स्थानीय लोग मानते हैं कि ये फैसले जल्दबाजी में लिए गए हैं, जिससे ऐतिहासिक संदर्भ और समुदायों की भावनाएं प्रभावित हुई हैं। मियांवाला का नाम बदलने के बाद विरोध शुरू हो गया, जिससे सरकार के फैसले पर सवाल खड़े हो गए।
मियांवाला का ऐतिहासिक महत्व
मियांवाला देहरादून तहसील में स्थित एक बड़ा गांव है।
- 2011 की जनगणना के अनुसार यहां 3598 लोग रहते हैं।
- यह गांव अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और राजपूत इतिहास के लिए जाना जाता है।
- स्थानीय लोगों का कहना है कि नाम बदलने से पहले सरकार को उनकी राय लेनी चाहिए थी।
- यह गांव देहरादून से मात्र 9 किलोमीटर दूर है और पर्यटन के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है।
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हिंदू मियां कौन हैं? (Who is Hindu Miyan Rajput?)
मियांवाला का नाम सुनते ही कई लोगों ने इसे मुस्लिम प्रभाव से जोड़ लिया, लेकिन स्थानीय इतिहास कुछ और ही कहता है।
- मियांवाला, देहरादून का एक गांव है, जिसका नाम वहां बसे राजपूत समुदाय के “मियां” कबीले से जुड़ा है।
- “मियां” शब्द उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में राजपूतों के एक सम्मानित वर्ग के लिए इस्तेमाल होता था।
- मुगल काल में यह सम्मानसूचक शब्द था, जिसे बाद में हिंदू राजपूतों ने अपनाया।
- इतिहासकारों के अनुसार, गढ़वाल के राजाओं ने मियांवाला को जागीर के रूप में अपने खास राजपूत योद्धाओं को दिया था।
इस तरह, मियांवाला का संबंध मुस्लिम संस्कृति से नहीं, बल्कि हिंदू राजपूत परंपरा से है।
राजपूत समुदाय का विरोध
मियांवाला का नाम बदलने से राजपूत समुदाय नाराज हो गया। राजपूत समुदाय ने सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
- उनका कहना है कि यह नाम उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा था।
- मियांवाला के निवासियों और राजपूत संगठनों ने इसे अपनी विरासत पर हमला करार दिया।
- वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने कहा, “मियां राजपूत अपनी सैन्य वीरता के लिए जाने जाते हैं। मियांवाला का नाम उनकी पहचान से जुड़ा था, न कि किसी मुस्लिम प्रभाव से।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस विवाद ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है।
- कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने सरकार पर निशाना साधा।
- कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा, “यह सरकार की नाकामी छिपाने की कोशिश है। नाम बदलने से असली समस्याएं हल नहीं होंगी।”
- सपा नेता अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा, “उत्तराखंड का नाम भी उत्तर प्रदेश-2 कर दीजिए।”
- वहीं, बीजेपी ने इसे “जनता की भावनाओं से जुड़ा फैसला” बताया।
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सोशल मीडिया पर बहस
मियांवाला का नाम बदलने का मुद्दा सोशल मीडिया पर भी छाया हुआ है। कई यूजर्स ने सरकार के इस कदम की आलोचना की और इसे जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया। एक यूजर ने लिखा, “मियांवाला उत्तराखंड के हिंदू इतिहास का हिस्सा था, इसे मुस्लिम नाम समझकर बदल देना गलत है।” वहीं, कुछ लोगों ने सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि यह सांस्कृतिक सुधार का हिस्सा है। इस बहस ने मियांवाला को ट्रेंडिंग टॉपिक बना दिया और लोगों में अपने स्थानीय इतिहास के प्रति जागरूकता बढ़ी।
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