Kainchi Dham traffic : उत्तराखंड के प्रसिद्ध कैंची धाम (Kainchi Dham) में आने वाले भक्तों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। आज से धाम प्रशासन ने नई सेवा शुरू की है, जिससे श्रद्धालुओं को लंबे ट्रैफिक जाम में समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। गर्मी के मौसम और अवकाश के दिनों में कैंची धाम के मार्ग पर भारी भीड़ उमड़ती है, जिससे कई घंटों तक जाम की स्थिति बनी रहती थी। नई सुविधा से अब इस समस्या का समाधान हो सकेगा।
कैंची धाम में ट्रैफिक नियंत्रण के लिए नया प्लान
कैंची धाम में आने वाले भक्तों की बढ़ती भीड़ के कारण उत्पन्न जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए पुलिस ने नया यातायात प्लान तैयार किया है। इसके तहत अब बाबा के भक्त शटल सेवाओं के जरिए कैंची धाम पहुंचेंगे। कैंची धाम में हर रोज भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने के दृष्टिगत स्थानीय जनता व पर्यटकों को जाम की समस्या से राहत देने के लिए पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं रिधिम अग्रवाल और एसएसपी नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा ने भवाली क्षेत्र की यातायात व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
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स्थलीय निरीक्षण के दौरान नैनीताल पुलिस ने सभी वाहनों के सुगम आवागमन हेतु नए पार्किंग स्थलों का चिह्नीकरण किया। इसके तहत बुधवार से सभी श्रद्धालुओं के लिए शटल सेवा संचालित होगी और पार्किंग की समुचित व्यवस्था भी की गई है।
- सामान्य दिनों में शटल सेवा: प्रातः 08 बजे से दोपहर 2 बजे तक प्रभावी रहेगी।
- वीकेंड और त्योहारों के दौरान: यह सेवा प्रातः 7 बजे से रात्रि 8 बजे तक उपलब्ध होगी।
- भारी वाहनों पर प्रतिबंध: वीकेंड या त्योहारों पर प्रातः 8 बजे से रात्रि 9 बजे तक भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा।
शटल सेवा का विवरण
- भीमताल मार्ग से आने वाले पर्यटक: वाहन इंडस्ट्रियल एरिया भीमताल पार्किंग स्थल में पार्क होंगे, और वहां से श्रद्धालु शटल सेवा के माध्यम से कैंची धाम पहुंचेंगे।
- ज्योलीकोट-भवाली मार्ग से आने वाले पर्यटक: वाहन भवाली सेनिटोरियम के पास स्थित कैची बाईपास पर 1.5 किमी दूरी पर बने पार्किंग स्थल में पार्क होंगे, और वहां से वे शटल सेवा से मंदिर पहुंचेंगे।
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कैंची धाम क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तराखंड में स्थित कैंची धाम आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र माना जाता है। यह आश्रम नीम करौली बाबा द्वारा स्थापित किया गया था, जो नैनीताल जिले में भवाली से करीब 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नीम करौली बाबा को हनुमान भक्त और सिद्ध पुरुष के रूप में जाना जाता है। उनकी आध्यात्मिक शक्ति और चमत्कारों की कहानियां आज भी भक्तों को यहां खींच लाती हैं। देश-विदेश से लोग यहां मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा की तलाश में आते हैं। भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली, एपल फाउंडर स्टीव जॉब्स, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक कई हस्तियों ने इस धाम का दौरा किया है और यहां से आध्यात्मिक प्रेरणा ली है। यही वजह है कि हर साल यहां श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है।
कैंची धाम में मेला कब है?
नीम करौली बाबा (Neem Karoli Baba) की समाधि और आश्रम के रूप में प्रसिद्ध कैंची धाम हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। खासतौर पर 11 जून को लगने वाले वार्षिक मेले और छुट्टियों के दौरान यहां भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। नैनीताल-अल्मोड़ा हाईवे पर स्थित इस धाम तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को घंटों ट्रैफिक में फंसे रहना पड़ता था। पिछले कुछ वर्षों में धाम की लोकप्रियता सोशल मीडिया और भक्तों की बढ़ती संख्या के कारण कई गुना बढ़ गई है।
कैंची धाम कैसे पहुंचें?
- दिल्ली से दूरी: दिल्ली से कैंची धाम लगभग 324 किलोमीटर दूर है।
- नजदीकी रेलवे स्टेशन: काठगोदाम (38 किमी)।
- सड़क मार्ग: नैनीताल से कैंची धाम की दूरी 17 किमी है, जहां से शटल सेवा आसानी से उपलब्ध होगी।
कैंची धाम में शुरू की गई नई यातायात योजना भक्तों के लिए राहत लेकर आई है। अब ट्रैफिक जाम में समय बर्बाद नहीं करना पड़ेगा और वे आसानी से दर्शन कर सकेंगे। प्रशासन की यह पहल भक्तों की सुविधा के लिए एक बड़ा कदम है। अगर आप भी कैची धाम जाने का प्लान बना रहे हैं, तो शटल सेवा और नई पार्किंग व्यवस्था का लाभ जरूर उठाएं और अपनी यात्रा को आसान बनाएं।


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