Crude oil reserve found in Ballia : उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां सागरपाली गांव के पास कच्चे तेल का खजाना होने के संकेत मिले हैं। इस खोज के बाद ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) ने खुदाई का काम शुरू कर दिया है। यह खोज न केवल बलिया के लिए, बल्कि पूरे गंगा बेसिन क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है।
300 किलोमीटर तक फैला है कच्चा तेल का भंडार
विशेषज्ञों के अनुसार, यह कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का भंडार बलिया के सागरपाली गांव से लेकर प्रयागराज के फाफामऊ तक फैला हुआ है। यह क्षेत्र लगभग 300 किलोमीटर लंबा है। यदि यह भंडार पूरी तरह से विकसित हो जाता है, तो भारत अपनी ईंधन जरूरतों को काफी हद तक पूरा करने में सक्षम हो सकता है। इससे देश की तेल आयात पर निर्भरता कम होगी और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
बलिया में कच्चे तेल की खोज कैसे हुई?
बलिया जिले के सागरपाली गांव में स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडेय के परिवार की जमीन पर तेल भंडार मिलने की संभावना है। ONGC ने तीन महीने तक गंगा बेसिन का सर्वेक्षण करने के बाद इस स्थान को चिन्हित किया। सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, 3,000 मीटर की गहराई में तेल का विशाल भंडार हो सकता है। ONGC ने इस खुदाई के लिए सेनानी परिवार से साढ़े छह एकड़ जमीन को तीन साल के लिए पट्टे पर लिया है। इसके बदले में ONGC हर साल 10 लाख रुपये का भुगतान कर रही है।
तेल निकालने की प्रक्रिया और चुनौतियां
ONGC के अधिकारियों के अनुसार, इस क्षेत्र में तेल का भंडार मौजूद तो है, लेकिन यह बहुत गहराई में स्थित है। इसे निकालने के लिए 3,001 मीटर तक की बोरिंग की जा रही है। खुदाई के लिए प्रतिदिन 25,000 लीटर पानी का उपयोग किया जा रहा है।
बलिया में कब तक जमीन के नीचे से तेल निकलने लगेगा?
तेल की खुदाई का काम तेजी से चल रहा है और उम्मीद की जा रही है कि अप्रैल 2025 के अंत तक तेल सतह तक पहुंच सकता है। यदि यह खुदाई सफल रहती है, तो गंगा बेसिन के अन्य चिन्हित स्थानों पर भी इसी तरह की खुदाई शुरू की जाएगी।
भारत के लिए क्या होगा फायदा?
भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए बड़े पैमाने पर आयातित कच्चे तेल पर निर्भर है। बलिया और गंगा बेसिन में कच्चे तेल के इस भंडार की खोज से देश की ऊर्जा नीति में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है।
- विदेशी मुद्रा भंडार की बचत
- रोजगार के नए अवसर
- औद्योगिक विकास को बढ़ावा
- देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता में वृद्धि
स्थानीय लोगों के लिए बड़ा अवसर
बलिया के किसानों और जमीन मालिकों के लिए यह खोज आर्थिक समृद्धि का अवसर ला सकती है। जमीन की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है, जिससे किसानों को अच्छा लाभ मिल सकता है। जमीन के मालिक नील पांडेय ने बताया कि ONGC ने उनकी जमीन को तीन साल के लिए 10 लाख रुपये प्रति वर्ष की दर से पट्टे पर लिया है, जिसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
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