8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कितनी बढ़ेगी

8वें वेतन आयोग के बारे में Goldman Sachs ने रिपोर्ट जारी की

8th Pay Commission Salary Hike : केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी है। 8वें वेतन आयोग के तहत सैलरी में बढ़ोतरी को लेकर मशहूर फाइनेंशियल फर्म Goldman Sachs ने रिपोर्ट जारी की है। इसमें अनुमान लगाया गया है कि 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की औसत मासिक सैलरी में 14,000 रुपये से 19,000 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। यह खबर 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के लिए राहत की बात है। आइए जानते हैं कि इस वेतन वृद्धि का पूरा गणित क्या है और यह कब से लागू हो सकता है।

8th Pay Commission Salary Hike : कितनी बढ़ोतरी होगी?

Goldman Sachs ने अपनी रिपोर्ट में सैलरी बढ़ोतरी के तीन संभावित परिदृश्य पेश किए हैं, जो सरकार के बजट आवंटन पर निर्भर करते हैं। वर्तमान में मिड-लेवल केंद्रीय कर्मचारियों की औसत मासिक सैलरी करीब 1 लाख रुपये है। 8वें वेतन आयोग के बाद इसमें निम्नलिखित बढ़ोतरी संभव है:

  • 1.75 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटन: सैलरी बढ़कर 1,14,600 रुपये प्रति माह हो सकती है।
  • 2 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटन: औसत सैलरी 1,16,700 रुपये प्रति माह तक पहुंच सकती है।
  • 2.25 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटन: सैलरी 1,18,800 रुपये प्रति माह तक हो सकती है।

इसके अलावा, न्यूनतम मूल वेतन (Basic Pay) में भी बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 तय किया जाता है, तो न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकता है। वहीं, अगर फिटमेंट फैक्टर 2.57 रहता है, तो न्यूनतम वेतन 46,260 रुपये होगा। यदि फिटमेंट फैक्टर 1.92 तय होता है, जैसा कि पूर्व वित्त सचिव सुबाष गर्ग का अनुमान है, तो न्यूनतम सैलरी 34,560 होगी। इसी तरह, पेंशनभोगियों के लिए न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 23,130 रुपये से 25,740 रुपये तक पहुंच सकती है।

8वां वेतन आयोग कब लागू होगा?

केंद्र सरकार ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी। हालांकि, अभी तक आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के नाम तय नहीं हुए हैं। Goldman Sachs की रिपोर्ट के अनुसार, इस आयोग का गठन अप्रैल 2025 में हो सकता है, और इसकी सिफारिशें 2026 या 2027 में लागू होने की संभावना है। वर्तमान में 7वां वेतन आयोग लागू है, जिसका कार्यकाल दिसंबर 2025 में खत्म हो रहा है। ऐसे में कर्मचारी और पेंशनभोगी नए वेतन आयोग की सिफारिशों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

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कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की उम्मीदें

8वां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। Goldman Sachs की रिपोर्ट ने सैलरी बढ़ोतरी को लेकर उत्साह बढ़ा दिया है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ, तो 2026 या 2027 से केंद्रीय कर्मचारियों को बढ़ी हुई सैलरी मिलनी शुरू हो सकती है। कर्मचारी यूनियनों ने संकेत दिया है कि वे 2.57 से अधिक फिटमेंट फैक्टर की मांग करेंगे। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार 1.92 के आसपास फिटमेंट फैक्टर तय कर सकती है। अंतिम निर्णय आयोग के गठन और सिफारिशों के बाद ही स्पष्ट होगा। कर्मचारी और पेंशनभोगी उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार उनकी मांगों को ध्यान में रखते हुए उदार रवैया अपनाएगी।

फिटमेंट फैक्टर का क्या मतलब है?

फिटमेंट फैक्टर वेतन और पेंशन बढ़ोतरी को तय करने का एक अहम मापदंड है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसके आधार पर सैलरी में करीब 23% की बढ़ोतरी हुई थी। 8वें वेतन आयोग में विशेषज्ञों का अनुमान है कि फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच हो सकता है। अगर ऊपरी सीमा (2.86) लागू होती है, तो सैलरी में 40-50% तक की वृद्धि संभव है। यह फैक्टर महंगाई, कर्मचारियों की जरूरतों और सरकार की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर तय किया जाता है।

वेतन आयोग की ऑफशियल जानकारी के लिए क्लिक करें – Central Pay Commission

8वां वेतन आयोग क्यों जरूरी है?

पिछले कुछ सालों में महंगाई में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिसके कारण सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी लगातार 8वें वेतन आयोग की मांग कर रहे थे। यह आयोग न केवल वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी करेगा, बल्कि विभिन्न भत्तों जैसे महंगाई भत्ता (DA), हाउस रेंट अलाउंस (HRA), और ट्रैवल अलाउंस (TA) में भी संशोधन करेगा। इससे कर्मचारियों का जीवन स्तर बेहतर होगा और उनकी आर्थिक सुरक्षा बढ़ेगी।

सरकारी खर्च और अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा?

8वें वेतन आयोग के लागू होने से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। 7वें वेतन आयोग के दौरान सरकार ने 1.02 लाख करोड़ रुपये का खर्च उठाया था। इस बार अनुमान है कि यह राशि 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। हालांकि, यह बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था को भी गति देगी, क्योंकि कर्मचारियों की बढ़ी हुई आय से खपत बढ़ेगी, जो बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है।

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Pankaj Joshi senior Jounalist

पंकज जोशी हिंदी पत्रकारिता का जाना पहचाना नाम हैं। बिजनेस, ऑटो, टेक और आर्थिक मामलों के जानकार है। लगभग 25 वर्षों से विभिन्न संस्थानों में सेवाएं दे चुके हें। विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें प्रकाशित। कई मीडिया शो और इंटरव्यू के जरिए दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुके हैं। UNCUT TIMES के वरिष्ठ सहयोगी के रूप में टीम का मार्गदर्शन कर रहे हैं। इनसे pankajjoshi@uncuttimes.com पर संपर्क किया जा सकता है।


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