मुख्य सचिव के निर्देश : उत्तराखंड में 1 मई से बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य

उत्तराखंड में 1 मई 2025 से सभी विभागों में बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य

देहरादून : उत्तराखंड के सरकारी कार्यालयों में 1 मई से बायोमैट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था लागू कर दी गई है। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सभी विभागों के अधिकारियों को इसे अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं। यह निर्देश सचिव समिति की बैठक के दौरान जारी किए गए, जिसमें कार्यकुशलता, डिजिटलीकरण और जनहित में योजनाओं को लागू करने पर विशेष जोर दिया गया। इसके साथ ही, मुख्य सचिव ने विभागों को जनहित और राज्यहित में 10-10 प्रस्तावों की सूची तैयार करने, ई-ऑफिस लागू करने और क्षेत्रीय भ्रमण को अनिवार्य करने जैसे कई अन्य महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए।

सरकारी कार्यालयों में बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य

मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि 01 मई 2025 से स्वयं और अपने अधीनस्थ विभागों में बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य हो गया है। यह कदम सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति की पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कर्मचारियों की जवाबदेही बढ़ाने के लिए उठाया गया है। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक विभाग को 5 से 10 महत्वपूर्ण आउटकम निर्धारित करने और उनकी योजनाबद्ध तरीके से कार्यान्वयन करने के लिए कहा गया है।

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विभागाध्यक्ष अनिवार्य रूप से करें क्षेत्रीय भ्रमण

मुख्य सचिव ने सभी सचिवों, अपर सचिवों और विभागाध्यक्षों को क्षेत्रीय भ्रमण को अनिवार्य करने के निर्देश दिए। अधिकारियों को भ्रमण के दौरान जनपदों में चल रही परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करने और अपने भ्रमण कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एक समय में केवल एक वरिष्ठ अधिकारी भ्रमण पर हो, ताकि मुख्यालय में राजकीय कार्यों में कोई बाधा न आए। इसके साथ ही, सभी विभागों को अपने वार्षिक कार्य कैलेंडर (Annual Work Calendar) तैयार करने के लिए कहा गया है, ताकि कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे हो सकें।

सभी कार्यालयों में ई-ऑफिस को शीघ्र किया जाए लागू

प्रशासनिक प्रक्रियाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए मुख्य सचिव ने सभी विभागों में ई-ऑफिस को शीघ्र लागू करने के निर्देश दिए। जिन विभागों में अभी तक ई-ऑफिस शुरू नहीं हुआ है, उन्हें तत्काल इसे लागू करना होगा। सचिव और विभागाध्यक्ष स्वयं इसकी समीक्षा करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि शासनादेश संबंधित पोर्टल पर अपलोड किए जाएं। ई-ऑफिस के माध्यम से कार्यप्रणाली को और अधिक कुशल और समयबद्ध बनाने पर जोर दिया गया है।

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जनहित में 10-10 योजनाओं की सूची तैयार करने के निर्देश

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को जनहित और राज्यहित में 10-10 महत्वपूर्ण प्रस्तावों या योजनाओं की सूची (Shelf of Projects) तैयार करने का निर्देश दिया। इन प्रस्तावों में Plinth Area Rates के आधार पर अनुमानित लागत का विवरण शामिल करना होगा। यह सूची नियोजन विभाग को भेजी जाएगी, साथ ही इसकी एक प्रति मुख्य सचिव कार्यालय को भी उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल नीतिगत, अंतर्विभागीय, या कई विभागों से संबंधित मामलों में ही मुख्य सचिव स्तर पर बैठक प्रस्तावित की जाए। सामान्य मामलों में विभाग स्वयं निर्णय लेंगे।

डिजिटल उत्तराखंड पोर्टल की हुई प्रस्तुति

बैठक में सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी ने डिजिटल उत्तराखंड पोर्टल के बारे में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। इस पोर्टल के माध्यम से अधिकारियों को विभिन्न पोर्टल्स और एप्लिकेशन्स के लिए सिंगल साइन-इन की सुविधा मिलेगी, जबकि नागरिकों को एक ही पोर्टल से विभिन्न विभागों की सेवाओं तक पहुंच प्राप्त होगी। यह पोर्टल राज्य को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने और समावेशी सेवा वितरण सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। निदेशक ने बताया कि Digital Uttarakhand Portal के माध्यम से सचिव एवं विभागाध्यक्ष फाइनेंस, सीएम हेल्पलाइन, सीएम डैशबोर्ड, कोर्ट केस, ई-कैबिनेट आदि सेवाओं की रियल टाइम मॉनिटरिंग कर सकते हैं, जिससे शासन व्यवस्था में पारदर्शिता और गति लाई जा सकेगी।

पीएम गतिशक्ति पोर्टल से होगी मॉनिटरिंग

निदेशक, आईटीडीए ने पीएम गतिशक्ति पोर्टल की प्रगति पर प्रकाश डाला। यह पोर्टल वर्तमान में 1 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली परियोजनाओं की भौतिक और वित्तीय प्रगति की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग कर रहा है। भविष्य में इसे IFMS, ई-ऑफिस, और अन्य पोर्टल्स के साथ एकीकृत किया जाएगा, ताकि सभी परियोजनाओं की प्रगति का एकीकृत अवलोकन संभव हो सके। डिजिटल उत्तराखंड पोर्टल में अपणी सरकार पोर्टल, IFMS, ई-ऑफिस, मुख्यमंत्री घोषणा, ई-मंत्रिमंडल, सीएम हेल्पलाइन, पीएम गतिशक्ति, कोर्ट केस, ई-डीपीआर, और सीएम डैशबोर्ड (दर्पण) जैसे पोर्टल्स को एकीकृत किया गया है।

विभागीय परिसंपत्तियों को पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपनी परिसंपत्तियों की सूची Government Assets Inventory Portal पर अपलोड करने के निर्देश दिए। यह कदम सरकारी परिसंपत्तियों के प्रबंधन और उपयोग को और अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने में मदद करेगा। बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांश, श्री एल. फैनई, श्री प्रदीप पंत, विशेष प्रमुख सचिव श्री अमित कुमार सिन्हा, सचिव श्री नितेश कुमार झा, श्री रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. वी. षणमुगम, डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. नीरज खैरवाल, श्री दीपेंद्र कुमार चौधरी, श्री विनोद कुमार सुमन, श्री दीपक कुमार, श्री सी. रविशंकर, श्री युगल किशोर पंत, श्री रणवीर सिंह चौहान, श्री धीराज सिंह गर्ब्याल, और अपर सचिव श्री विजय कुमार जोगदंडे सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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SD Pandey

शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।


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