उत्तराखंड का नया नक्शा : 17 साल बाद स्टेट मैप जारी

उत्तराखंड का नया नक्शा 17 साल बाद स्टेट मैप जारी

Uttarakhand map 2025 : सर्वे ऑफ इंडिया ने 17 साल बाद उत्तराखंड का नया नक्शा जारी किया है, जो राज्य के भौगोलिक, प्रशासनिक और सांस्कृतिक पहलुओं को और अधिक सटीकता के साथ दर्शाता है। यह नक्शा न केवल प्रशासनिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटन, विकास परियोजनाओं और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए भी उपयोगी साबित हो सकता है।

उत्तराखंड का नया नक्शा

देश में अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लेकर राज्यों का नक्शा तैयार करने वाली एकमात्र अधिकृत एजेंसी, सर्वे ऑफ इंडिया, ने उत्तराखंड का स्टेट मैप का तृतीय संस्करण तैयार किया है। यह नक्शा पूरी तरह अपडेटेड और 1:500000 (एक अनुपात पांच लाख) के स्केल पर बनाया गया है। इसका मतलब है कि नक्शे का 1 सेंटीमीटर धरातल पर 5 किलोमीटर की दूरी को दर्शाता है।

पहले के संस्करण:

  • पहला संस्करण: 2003 (राज्य गठन के बाद)
  • दूसरा संस्करण: 2008
  • तीसरा और नवीनतम संस्करण: 2025

इस बीच राज्य में कई भौगोलिक और बुनियादी ढांचे से जुड़े बदलाव हुए हैं, लेकिन नक्शे का अपडेट नहीं किया गया था। अब यह नया संस्करण इन सभी बदलावों को दर्शाता है।

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नया नक्शा क्यों है महत्वपूर्ण?

उत्तराखंड का नया नक्शा 9 अप्रैल 2025 को सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा जारी किया गया, जो 2008 के बाद पहला अपडेटेड संस्करण है। यह नक्शा राज्य के 13 जिलों, दो मंडलों (गढ़वाल और कुमाऊं), और अन्य भौगोलिक विशेषताओं को सटीक रूप से प्रदर्शित करता है। सर्वे ऑफ इंडिया, जो भारत की सबसे पुरानी वैज्ञानिक संस्था (1767 में स्थापित) है, ने आधुनिक तकनीकों जैसे जियोस्पेशियल डेटा, उच्च-रिज़ॉल्यूशन टोपोग्राफिकल सर्वे, और सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग करके इस नक्शे को तैयार किया है।

  • प्रशासनिक सटीकता: नई प्रशासनिक सीमाओं और जिला विभाजनों को स्पष्ट करता है।

  • पर्यटन को बढ़ावा: पर्यटक स्थलों, सड़कों, और रेल मार्गों की जानकारी यात्रियों के लिए उपयोगी।

  • विकास परियोजनाएं: सड़क, रेल, और जलविद्युत परियोजनाओं की योजना में सहायता।

  • शैक्षिक उपयोग: स्कूलों और कॉलेजों में भौगोलिक अध्ययन के लिए आदर्श।

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नक्शे की खास विशेषताएं
    1. आधुनिक तकनीक का उपयोग: सर्वे ऑफ इंडिया ने 1:50,000 स्केल पर ओपन सीरीज मैप (OSM) तैयार किया है, जो उच्च रिज़ॉल्यूशन और सटीकता प्रदान करता है।
    2. प्रशासनिक सीमाएं: उत्तराखंड के 13 जिलों (अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, देहरादून, गढ़वाल, हरिद्वार, नैनीताल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी, और यमुनोत्री) की सटीक सीमाएं दर्शाई गई हैं। 
    3. पर्यटक स्थल: चारधाम (यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ), राष्ट्रीय उद्यान (जिम कॉर्बेट, राजाजी), और अन्य आकर्षणों को हाइलाइट किया गया है।
    4. परिवहन नेटवर्क: प्रमुख सड़कें, राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे स्टेशन, और हेलीपैड की जानकारी।
    5. भौगोलिक विशेषताएं: गंगा और यमुना नदियों के उद्गम स्थल, हिमालयी चोटियां, और वन क्षेत्रों को दर्शाया गया है।
    6. डिजिटल उपलब्धता: नक्शा डिजिटल प्रारूप में सर्वे ऑफ इंडिया के पोर्टल पर उपलब्ध है।

नक्शे की निर्माण प्रक्रिया

सर्वे ऑफ इंडिया ने इस नक्शे को तैयार करने के लिए जियोडेटिक कंट्रोल नेटवर्क, हाई प्रिसिजन सर्वे, और सैटेलाइट डेटा का उपयोग किया। देहरादून में स्थित सर्वे ऑफ इंडिया के मुख्यालय और इसकी 18 जियोस्पेशियल डिवीजनों ने इस प्रोजेक्ट में योगदान दिया। इसके अलावा, 2021 में भारत सरकार द्वारा घोषित नई जियोस्पेशियल नीति ने निजी क्षेत्र और स्टार्टअप्स को मैपिंग में भाग लेने की अनुमति दी, जिससे डेटा की गुणवत्ता में सुधार हुआ।

  • टोपोग्राफिकल सर्वे: भौगोलिक विशेषताओं का सटीक मापन।

  • फोटोग्रामेट्री: हवाई सर्वेक्षण और ड्रोन का उपयोग।

  • जियोडेटिक डेटा: उच्च परिशुद्धता के साथ ऊंचाई और दूरी मापन।

  • डिजिटल मैपिंग: डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डेटा एकीकरण।

इस नक्शे को भारत के महासर्वेक्षक (Surveyor General) हितेश कुमार एस. मकवाना की निगरानी में तैयार किया गया है।

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कहां से डाउनलोड करें?

  • ऑनलाइन: सर्वे ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर डिजिटल प्रारूप में।

  • फिजिकल कॉपी: देहरादून में सर्वे ऑफ इंडिया के मैप आर्काइव एंड डिसेमिनेशन सेंटर से खरीदा जा सकता है।

  • वाणिज्यिक बिक्री: अमेज़न जैसे प्लेटफॉर्म पर 70×100 सेमी के लेमिनेटेड संस्करण उपलब्ध हैं।

नोट: टोपोग्राफिकल मैप्स की खरीद केवल भारतीय नागरिकों के लिए है और इन्हें निर्यात नहीं किया जा सकता।

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SD Pandey

शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।


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