नई टोल पॉलिसी : गडकरी का ऐलान, 15 दिन में टोल प्लाजा से छुटकारा

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New Toll Policy 2025 : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देशभर के यात्रियों के लिए एक राहत भरी खबर दी है। उन्होंने ऐलान किया है कि केंद्र सरकार जल्द ही पूरे देश से टोल प्लाजा हटाने की दिशा में कदम उठाने जा रही है। इसके लिए एक नई टोल पॉलिसी तैयार की जा रही है, जिसकी घोषणा अगले 15 दिनों में हो सकती है। यह नई पॉलिसी लागू होने के बाद यात्रियों की टोल से जुड़ी सभी शिकायतें दूर होने की उम्मीद है। इसके साथ ही, गडकरी ने मुंबई-गोवा हाईवे के निर्माण कार्य की प्रगति पर भी अपडेट दिया और कहा कि यह हाईवे जून 2025 तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा।

नई टोल पॉलिसी: टोल प्लाजा से मुक्ति की राह

नितिन गडकरी ने मुंबई के दादर में एक हालिया कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए इस नई टोल पॉलिसी की घोषणा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार टोल प्लाजा को पूरी तरह खत्म करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इस नई पॉलिसी के तहत यात्रियों को टोल बूथ पर रुकने की जरूरत नहीं होगी, और टोल से संबंधित उनकी सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। हालांकि, गडकरी ने पॉलिसी के विस्तृत ब्योरे अभी साझा नहीं किए हैं, लेकिन उन्होंने भरोसा दिलाया कि यह पॉलिसी यात्रियों के लिए काफी सुविधाजनक होगी।

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समय और पैसे की बचत होगी

पिछले कुछ वर्षों में टोल प्लाजा पर लंबी कतारें, उच्च टोल शुल्क और तकनीकी खामियों जैसी समस्याओं ने यात्रियों को परेशान किया है। गडकरी ने कहा, “हमारी कोशिश है कि नई पॉलिसी के लागू होने के बाद टोल से जुड़ी कोई शिकायत न रहे। हम एक ऐसी व्यवस्था लाने जा रहे हैं, जो यात्रियों के लिए समय और पैसे की बचत करेगी।” माना जा रहा है कि यह पॉलिसी सैटेलाइट-आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम या ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) तकनीक पर आधारित हो सकती है, जिसके तहत टोल शुल्क सीधे बैंक खाते से कटेगा और यात्रियों को बिना रुके यात्रा करने की सुविधा मिलेगी।

मुंबई-गोवा हाईवे जून 2025 तक तैयार होगा

नितिन गडकरी ने कार्यक्रम में मुंबई-गोवा हाईवे के निर्माण कार्य की प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस हाईवे का काम तेजी से चल रहा है और इसे जून 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। यह हाईवे न केवल मुंबई और गोवा के बीच यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि कोंकण क्षेत्र के यात्रियों और पर्यटकों के लिए भी बड़ी राहत लेकर आएगा। गडकरी ने कहा, “इस हाईवे के निर्माण में कई चुनौतियां आईं, जैसे भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय मंजूरी, लेकिन अब सारी बाधाएं दूर हो चुकी हैं। काम पूरे जोर-शोर से चल रहा है।”

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यह हाईवे राष्ट्रीय राजमार्ग 66 (NH-66) का हिस्सा है, जो मुंबई को गोवा और दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों से जोड़ता है। इसके पूरा होने से यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा और ईंधन की बचत होगी। साथ ही, यह क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। गडकरी ने भरोसा जताया कि यह हाईवे यात्रियों के लिए एक शानदार अनुभव प्रदान करेगा।

रोड इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका से बेहतर होगा

नितिन गडकरी ने भारत के सड़क नेटवर्क के विकास पर गर्व जताते हुए कहा कि अगले दो सालों में भारत का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका से भी बेहतर होगा। उन्होंने बताया कि सरकार बड़े पैमाने पर चार-लेन और छह-लेन हाईवे, एक्सप्रेसवे, और पुलों का निर्माण कर रही है। उन्होंने असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर बन रहे कई पुलों का उदाहरण देते हुए कहा कि ये प्रोजेक्ट्स भारत की कनेक्टिविटी को नए आयाम देंगे।

गडकरी ने यह भी कहा कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता और टिकाऊपन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। “हमारी सड़कें न केवल तेज यात्रा सुनिश्चित करेंगी, बल्कि ईंधन की बचत और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देंगी।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि टोल शुल्क सड़क निर्माण और रखरखाव के लिए जरूरी है, लेकिन नई पॉलिसी के तहत यात्रियों को उचित रियायतें दी जाएंगी।

नई टोल पॉलिसी के फायदे

नई टोल पॉलिसी के लागू होने से यात्रियों को कई तरह के लाभ मिलने की उम्मीद है:

  1. समय की बचत: टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत खत्म होने से यात्रा का समय बचेगा।
  2. पारदर्शी टोल शुल्क: सैटेलाइट या ANPR आधारित सिस्टम में टोल शुल्क दूरी के आधार पर लिया जाएगा, जिससे यात्रियों को केवल उतना ही भुगतान करना होगा, जितना वे यात्रा करते हैं।
  3. कम भीड़भाड़: टोल बूथ पर लंबी कतारों की समस्या खत्म होगी, जिससे हाईवे पर ट्रैफिक जाम कम होगा।
  4. ईंधन की बचत: रुकने और बार-बार गति बढ़ाने की जरूरत न होने से वाहनों का ईंधन खर्च कम होगा।
  5. डिजिटल सुविधा: टोल शुल्क का भुगतान पूरी तरह डिजिटल होगा, जिससे लेनदेन आसान और सुरक्षित होगा।

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टोल पॉलिसी में पहले किए गए बदलाव

गौरतलब है कि नितिन गडकरी ने पहले भी टोल सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। साल 2021 में फास्टैग को अनिवार्य किया गया, जिससे टोल प्लाजा पर औसत प्रतीक्षा समय 8 मिनट से घटकर 47 सेकंड हो गया। इसके बाद, गडकरी ने सैटेलाइट-आधारित टोल सिस्टम की बात कही थी, जिसका पायलट प्रोजेक्ट बेंगलुरु-मैसूर और पानीपत-हिसार हाईवे पर चलाया गया। अब नई पॉलिसी के साथ सरकार इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है।

चुनौतियां भी कम नहीं

नई टोल पॉलिसी लागू करने में कुछ चुनौतियां भी हैं। सैटेलाइट-आधारित सिस्टम के लिए सभी वाहनों में जीपीएस-सक्षम नंबर प्लेट या उपकरण लगाने की जरूरत होगी। इसके अलावा, डेटा गोपनीयता और साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी ध्यान देना होगा। गडकरी ने पहले कहा था कि सरकार नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन (NavIC) तकनीक का उपयोग कर सकती है, लेकिन इसके लिए अतिरिक्त सैटेलाइट और रिसीवर की जरूरत होगी। फिलहाल, सरकार ने कुछ हाईवे पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) आधारित बैरियर-मुक्त टोलिंग की शुरुआत की है, जिसे चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा। यह तकनीक टोल कलेक्शन को और आसान बनाएगी।

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Pankaj Joshi senior Jounalist

पंकज जोशी हिंदी पत्रकारिता का जाना पहचाना नाम हैं। बिजनेस, ऑटो, टेक और आर्थिक मामलों के जानकार है। लगभग 25 वर्षों से विभिन्न संस्थानों में सेवाएं दे चुके हें। विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें प्रकाशित। कई मीडिया शो और इंटरव्यू के जरिए दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुके हैं। UNCUT TIMES के वरिष्ठ सहयोगी के रूप में टीम का मार्गदर्शन कर रहे हैं। इनसे pankajjoshi@uncuttimes.com पर संपर्क किया जा सकता है।


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