BJP national president top contenders : भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा, इस पर अटकलें तेज हो गई हैं। मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 में समाप्त होने के बाद से ही यह सवाल उठ रहा है कि भारतीय जनता पार्टी का अगला नेतृत्व कौन संभालेगा। जेपी नड्डा को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए छह महीने का विस्तार दिया गया था, लेकिन अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनने और पार्टी के ‘एक व्यक्ति-एक पद’ नियम के चलते नए अध्यक्ष की तलाश तेज हो गई है। संगठनात्मक चुनावों की प्रक्रिया जनवरी 2025 तक पूरी होने के बाद अब अप्रैल में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा होने की संभावना है। साथ ही, पार्टी अगले हफ्ते से प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा शुरू करने की योजना बना रही है। आइए, इस पद के लिए प्रमुख दावेदारों, संगठनात्मक प्रक्रिया और नए अपडेट पर विस्तार से नजर डालते हैं।
भाजपा अध्यक्ष पद क्यों महत्वपूर्ण
भाजपा, जो भारत की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है, अपने संगठनात्मक ढांचे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ मजबूत समन्वय के लिए जानी जाती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद पार्टी की नीतियों को लागू करने और संगठन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी ने पिछले एक दशक में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है, और अब अगला अध्यक्ष इस विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी संभालेगा।
छह साल से राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं नड्डा
वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा को जून 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। इसके करीब छह महीने बाद जनवरी 2020 में उन्हें अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद जनवरी 2023 में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उनका कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ा दिया गया। इसके बाद सितंबर 2024 में शुरू हुए सदस्यता अभियान के साथ ही नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई। हालांकि, विधानसभा चुनाव, महाकुंभ और संसद के बजट सत्र के कारण यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई थी। अब यह गति पकड़ रही है।
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संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया
भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तब होता है जब कम से कम 50% राज्यों में संगठन चुनाव पूरे हो जाएँ। दिसंबर 2024 में पार्टी ने इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए राज्यसभा सांसद के. लक्ष्मण को राष्ट्रीय चुनाव अधि कारी नियुक्त किया था। जनवरी 2025 तक अधिकांश राज्यों में जिला और राज्य स्तरीय चुनाव पूरे हो चुके हैं। गौरतलब है कि 37 संगठनात्मक राज्यों में से 19 राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति अनिवार्य है। अब तक 14 राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष घोषित हो चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, पहले विधानसभा चुनावों, महाकुंभ के आयोजन और संसद के बजट सत्र के कारण यह प्रक्रिया रुकी थी। हालांकि, इस दौरान ज्यादातर राज्यों में विमर्श का काम पूरा हो गया।
प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा जल्द
पार्टी की योजना अगले हफ्ते से क्रमवार प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा करने की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में बैंकॉक और श्रीलंका की यात्रा से लौटने के बाद तमिलनाडु का दौरा कर चुके हैं। अब प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा के लिए अंतिम विमर्श होगा। इस प्रक्रिया में आरएसएस सहित अन्य वैचारिक सहयोगियों को विश्वास में लिया जाएगा। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से प्रदेश अध्यक्षों के नाम घोषित किए जाएँगे। सूत्रों का कहना है कि कर्नाटक को छोड़कर सभी राज्यों में नए चेहरों को मौका मिलेगा। एक सूत्र ने बताया कि प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष पर विचार होगा।
भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष : प्रमुख दावेदार कौन हैं?
भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कई बड़े नाम चर्चा में हैं। यहाँ कुछ प्रमुख दावेदारों और उनकी संभावनाओं का विश्लेषण है:
1. शिवराज सिंह चौहान
– पृष्ठभूमि: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री।
– मजबूती: चार बार मुख्यमंत्री रह चुके शिवराज की संगठन में गहरी पकड़ है। ओबीसी समुदाय से आने के कारण सामाजिक समीकरणों में फायदा मिल सकता है। आरएसएस के साथ उनके अच्छे रिश्ते और जमीनी लोकप्रियता उनकी दावेदारी को मजबूत करती है।
– चुनौती: केंद्रीय मंत्री के रूप में व्यस्तता और मध्य प्रदेश में हालिया हार।
2. मनोहर लाल खट्टर
– पृष्ठभूमि: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री।
– मजबूती: मोदी और शाह के करीबी माने जाने वाले खट्टर की आरएसएस में मजबूत पैठ है। उनकी साफ छवि और अनुशासित कार्यशैली पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकती है।
– चुनौती: क्षेत्रीय नेता के रूप में सीमित पहचान और हरियाणा में हालिया प्रदर्शन।
3. धर्मेंद्र प्रधान
– पृष्ठभूमि: केंद्रीय शिक्षा मंत्री और ओडिशा से प्रमुख नेता।
– मजबूती: ओडिशा में भाजपा की बढ़त में अहम भूमिका। ओबीसी समुदाय से होने और 40 साल का अनुभव उनके पक्ष में।
– चुनौती: राष्ट्रीय स्तर पर पहचान की कमी।
4. भूपेंद्र यादव
– पृष्ठभूमि: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री और राजस्थान से नेता।
– मजबूती: संगठन में लंबा अनुभव और मोदी-शाह के विश्वासपात्र।
– चुनौती: राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता की कमी।
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5. अनुराग ठाकुर
– पृष्ठभूमि: हिमाचल प्रदेश से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री।
– मजबूती: युवा चेहरा और संगठन का अनुभव।
– चुनौती: केंद्रीय मंत्रिमंडल में नहीं होना और सीमित पहचान।
6. स्मृति ईरानी
– पृष्ठभूमि: पूर्व केंद्रीय मंत्री और अमेठी से सांसद रह चुकीं।
– मजबूती: महिलाओं में लोकप्रियता और मजबूत वक्ता।
– चुनौती: 2024 में अमेठी से हार और संगठन में कम अनुभव।
ये भी रेस में शामिल
विनोद तावड़े, प्रह्लाद जोशी या जी. किशन रेड्डी जैसे अप्रत्याशित नाम भी सामने आ सकते हैं। कुछ रिपोर्ट्स में दावा है कि दक्षिण भारत से अध्यक्ष चुनकर क्षेत्रीय विस्तार को बढ़ावा दिया जा सकता है। जी. किशन रेड्डी (तेलंगाना) और के. अन्नामलाई (तमिलनाडु) चर्चा में हैं, लेकिन उनकी राष्ट्रीय पहचान कमजोर है।
मोदी-शाह और आरएसएस की भूमिका
भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, यह अभी अनसुलझा है। पहले प्रदेश अध्यक्षों के नाम अगले हफ्ते से घोषित होंगे, जिसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की तस्वीर साफ होगी। मोदी और शाह की जोड़ी अध्यक्ष चयन में निर्णायक रही है। वे ऐसा नेता चाहते हैं जो उनकी नीतियों को बिना बदलाव लागू करे। नागपुर में हाल ही में मोदी और मोहन भागवत की मुलाकात के बाद दावेदारों की सूची पर चर्चा होने की खबरें हैं। शिवराज और खट्टर मजबूत दावेदार हैं, लेकिन प्रधान और यादव भी पीछे नहीं हैं। अप्रैल 2025 के अंत तक इसकी घोषणा संभावित है।
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पंकज जोशी हिंदी पत्रकारिता का जाना पहचाना नाम हैं। बिजनेस, ऑटो, टेक और आर्थिक मामलों के जानकार है। लगभग 25 वर्षों से विभिन्न संस्थानों में सेवाएं दे चुके हें। विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें प्रकाशित। कई मीडिया शो और इंटरव्यू के जरिए दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुके हैं। UNCUT TIMES के वरिष्ठ सहयोगी के रूप में टीम का मार्गदर्शन कर रहे हैं। इनसे pankajjoshi@uncuttimes.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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