वक्फ संशोधन बिल पर हंगामा क्यों, दस सवालों में जानें सब कुछ

वक्फ संशोधन बिल पर हंगामा क्यों, दस सवालों में जानें सब कुछ

Waqf Amendment Bill 2024 : केंद्र सरकार संसद में वक्फ संशोधन बिल लेकर आई है। सरकार का दावा है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता को सुनिश्चित करेगा। हालांकि, इस विधेयक का देशभर में विरोध शुरू हो चुका है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय की स्वायत्तता को कमजोर करेगा और वक्फ पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाएगा। ऐसे में वक्फ बोर्ड को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। आखिर वक्फ क्या है? वक्फ बोर्ड कितनी संपत्तियों का मालिक है? सरकार को संशोधन की जरूरत क्यों पड़ी? आइए, दस सवालों से वक्फ बोर्ड के बारे में विस्तार से समझते हैं।

1. वक्फ क्या होता है?

वक्फ इस्लामिक परंपरा में एक दान प्रणाली है, जिसमें कोई भी मुस्लिम अपनी चल या अचल संपत्ति को धार्मिक, सामाजिक या परोपकारी कार्यों के लिए दान कर सकता है। इस संपत्ति का मालिक अल्लाह को माना जाता है, और यह किसी व्यक्ति या परिवार की निजी संपत्ति नहीं रह जाती। मस्जिदें, कब्रिस्तान, स्कूल और अस्पताल जैसी सुविधाएं वक्फ संपत्तियों से संचालित होती हैं। यह व्यवस्था भारत में सदियों से चली आ रही है।

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2. वक्फ संशोधन बिल क्या है?

केंद्र सरकार ने 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 पेश किया था, जिसे बाद में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया। यह विधेयक वक्फ अधिनियम 1995 में बदलाव का प्रस्ताव करता है। इसमें वक्फ बोर्ड में मुस्लिम महिलाओं का प्रतिनिधित्व, गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति और संपत्तियों के डिजिटलीकरण जैसे प्रावधान शामिल हैं। सरकार इसे पारदर्शिता बढ़ाने वाला कदम बता रही है।

3. वक्फ बोर्ड के पास कितनी संपत्ति है?

भारतीय वक्फ परिसंपत्ति प्रबंधन प्रणाली (वामसी) के अनुसार, देश में 8,72,324 अचल संपत्तियां और 16,713 चल संपत्तियां वक्फ के पास हैं। कुल मिलाकर 3,56,047 वक्फ संपदाएं दर्ज हैं। ये 9.4 लाख एकड़ जमीन पर फैली हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये है। भारतीय रेलवे और सशस्त्र बलों के बाद वक्फ बोर्ड देश का तीसरा सबसे बड़ा भूस्वामी है।

4. वक्फ संपत्ति का संचालन कौन करता है?

वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन वक्फ बोर्ड करते हैं। ये बोर्ड राज्य और स्थानीय स्तर पर काम करते हैं। भारत में 30 वक्फ बोर्ड हैं, जिनमें से ज्यादातर की कमान राज्यों की राजधानियों से संचालित होती है। उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड अलग-अलग हैं। केंद्रीय स्तर पर सेंट्रल वक्फ काउंसिल इन बोर्ड्स को दिशानिर्देश देती है। ये बोर्ड संपत्तियों के रखरखाव, आय और उपयोग की देखरेख करते हैं।

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5. वक्फ कैसे किया जा सकता है?

कोई भी मुस्लिम, जो 18 साल से अधिक उम्र का हो, अपनी संपत्ति को वक्फ के लिए दान कर सकता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी के पास दो मकान हैं, तो वह अपनी वसीयत में एक मकान को वक्फ के लिए नामित कर सकता है। उसकी मृत्यु के बाद यह संपत्ति परिवार के उपयोग में नहीं आएगी, बल्कि वक्फ बोर्ड इसे सामाजिक कार्यों के लिए इस्तेमाल करेगा। संपत्ति में मकान, जमीन, शेयर, किताबें या नकदी तक शामिल हो सकती है। वक्फ की गई संपत्ति पर कोई दावा नहीं किया जा सकता।

6. वक्फ की शुरुआत भारत में कैसे हुई?

भारत में वक्फ का इतिहास दिल्ली सल्तनत से शुरू होता है। सुल्तान मुइज़ुद्दीन सैम ग़ौर ने मुल्तान की जामा मस्जिद के लिए दो गांव दान किए थे। बाद में मुगल काल में वक्फ संपत्तियां बढ़ीं। 19वीं सदी में ब्रिटिश शासन के दौरान प्रिवी काउंसिल ने वक्फ को अवैध घोषित किया था, लेकिन 1913 के मुसलमान वक्फ वैधीकरण अधिनियम ने इसे बचाया। तब से वक्फ भारत में एक मजबूत संस्था बन गया।

7. क्या सभी इस्लामिक देशों में वक्फ है?

नहीं, तुर्की, मिस्र, लीबिया, सीरिया जैसे कई इस्लामिक देशों में वक्फ व्यवस्था नहीं है। भारत में वक्फ न केवल मौजूद है, बल्कि यह दुनिया की सबसे बड़ी वक्फ होल्डिंग वाला देश है। यहां वक्फ अधिनियम 1995 इसे कानूनी संरक्षण देता है।

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8. वक्फ से जुड़ी शिकायतें क्या हैं?

केंद्र सरकार को अप्रैल 2023 से 148 शिकायतें मिली हैं, जिनमें ज्यादातर अतिक्रमण, अवैध बिक्री, और कुप्रबंधन से जुड़ी हैं। अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक 566 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें 194 अतिक्रमण और 93 वक्फ बोर्ड अधिकारियों के खिलाफ थीं। सांसदों ने भी पंजीकरण में देरी, कम किराया, और डिजिटलीकरण की धीमी प्रगति जैसे मुद्दे उठाए हैं। इसके अलावा, 40,951 मामले वक्फ न्यायाधिकरणों में लंबित हैं।

9. वक्फ से जुड़े चर्चित विवाद क्या हैं?

  • तमिलनाडु का थिरुचेंथुरई गांव: वक्फ बोर्ड ने पूरे गांव को अपनी संपत्ति घोषित कर दिया, जिससे किसानों को जमीन बेचने में दिक्कत हुई।
  • बेंगलुरु ईदगाह मैदान: वक्फ ने इसे 1850 से अपनी संपत्ति बताया, जबकि सरकार के पास कोई दस्तावेज नहीं।
  • सूरत नगर निगम: वक्फ ने नगर निगम की इमारत पर दावा किया, जो मुगल काल में सराय थी।
  • भेंट द्वारका: वक्फ ने दो द्वीपों पर दावा किया, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज किया।
  • शिव शक्ति सोसाइटी, सूरत: एक प्लॉट को वक्फ में दान कर मस्जिद बना दिया गया, जिससे विवाद हुआ।

10. सरकार का विधेयक पर क्या कहना है?

वक्फ बोर्ड की विशाल संपत्ति और इसके प्रबंधन में खामियां इसे जटिल बनाती हैं। सरकार इसे सुधार का कदम बता रही है, जबकि विपक्ष इसे धार्मिक स्वायत्तता पर हमला करार दे रहा है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का कहना है कि यह विधेयक सच्चर कमेटी की सिफारिशों पर आधारित है, जिसमें वक्फ बोर्ड में दो महिलाओं की नियुक्ति की बात थी। उनका दावा है कि इसका मकसद उन लोगों को अधिकार देना है, जिन्हें अब तक उनका हक नहीं मिला। रिजिजू ने कहा कि वक्फ बोर्ड पर कुछ लोगों का कब्जा है और यह विधेयक आम मुसलमानों को न्याय दिलाने के लिए है।

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Pankaj Joshi senior Jounalist

पंकज जोशी हिंदी पत्रकारिता का जाना पहचाना नाम हैं। बिजनेस, ऑटो, टेक और आर्थिक मामलों के जानकार है। लगभग 25 वर्षों से विभिन्न संस्थानों में सेवाएं दे चुके हें। विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें प्रकाशित। कई मीडिया शो और इंटरव्यू के जरिए दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुके हैं। UNCUT TIMES के वरिष्ठ सहयोगी के रूप में टीम का मार्गदर्शन कर रहे हैं। इनसे pankajjoshi@uncuttimes.com पर संपर्क किया जा सकता है।


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