कोविड-19 की चूक अब भारी : यूएस, यूके, भारत में बढ़े केस

कोविड-19 में टीकाकरण कम होने से मीजल्स का प्रकोप

Measles Outbreak US UK India : दुनियाभर में मीजल्स (खसरा) के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सरकारों को चिंता में डाल दिया है। अमेरिका (यूएस), यूनाइटेड किंगडम (यूके) सहित कई विकसित देशों में जहां यह बीमारी लगभग खत्म मानी जा रही थी, वहां इसके मामले फिर से उभर रहे हैं। भारत में भी मीजल्स के बढ़ते मामले स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने इसे कोविड-19 महामारी के दौरान टीकाकरण में आई कमी से जोड़ा है। आइए जानते हैं कि यह गंभीर संक्रमण क्यों बढ़ रहा है और इससे बचाव के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

कोविड-19 के दौर में टीकाकरण की कमी

दिसंबर 2019 के आखिरी महीनों से शुरू हुई कोविड-19 महामारी ने दुनियाभर में स्वास्थ्य सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया। लॉकडाउन, संसाधनों की कमी और स्वास्थ्य कर्मियों पर बढ़ते दबाव के कारण कई बीमारियों से बचाव के लिए होने वाले नियमित टीकाकरण अभियान ठप हो गए। मीजल्स, मम्प्स और रूबेला (MMR) वैक्सीन, जो मीजल्स से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है, लाखों बच्चों तक नहीं पहुंच पाई। WHO के अनुसार, 2022 में भारत में करीब 11 लाख बच्चों को मीजल्स की पहली खुराक नहीं मिली। अब इन गलतियों के दुष्प्रभाव साफ दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि मीजल्स जैसी रोकथाम योग्य बीमारी फिर से जोर पकड़ रही है।

Measles Outbreak : यूएस और यूके में प्रकोप

पिछले छह महीनों के आंकड़े बताते हैं कि यूएस और यूके में मीजल्स के मामलों में खतरनाक वृद्धि हुई है। अमेरिका में 27 मार्च 2025 तक मीजल्स के 483 पुष्ट मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें दो लोगों की मौत भी हुई है। CDC ने इसे पिछले दो दशकों में सबसे गंभीर प्रकोपों में से एक बताया है। यह बीमारी 20 से अधिक राज्यों में फैल चुकी है, और विशेषज्ञ इसे टीकाकरण की कम दर और वैक्सीनेशन के प्रति बढ़ते संदेह से जोड़ रहे हैं। यूके में भी 2024 में मीजल्स के मामले पिछले साल की तुलना में दोगुने हो गए हैं। WHO ने यात्रियों को अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि अमेरिका जाने से पहले मीजल्स का टीकाकरण जरूरी है।

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भारत में मीजल्स के नए मामले

भारत में मीजल्स के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। हाल के दिनों में देश के कई हिस्सों, खासकर ग्रामीण इलाकों और शहरी स्लम्स में बच्चों में मीजल्स के मामले सामने आए हैं। 2023 में भारत उन 57 देशों में शामिल था जहां मीजल्स का बड़े पैमाने पर प्रकोप देखा गया। WHO और CDC की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 2023 में मीजल्स के 10.3 मिलियन मामले दर्ज किए गए, जिनमें भारत का योगदान उल्लेखनीय रहा। हालांकि, भारत ने 2017 से 2021 के बीच मीजल्स के मामलों में 62% की कमी हासिल की थी, जब प्रति दस लाख जनसंख्या पर मामले 10.4 से घटकर 4 हो गए थे। लेकिन कोविड के दौरान राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान प्रभावित होने से यह प्रगति अब खतरे में है।

मीजल्स क्या है और क्यों खतरनाक है?

मीजल्स एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है जो हवा के माध्यम से फैलती है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, नाक बहना, लाल आंखें और शरीर पर लाल चकत्ते शामिल हैं। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, लेकिन 5 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा जोखिम में होते हैं। जिन लोगों को टीका नहीं लगा है या जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, उनमें निमोनिया, मस्तिष्क में सूजन (एन्सेफलाइटिस) और मृत्यु जैसी जटिलताएं हो सकती हैं। अमेरिका में हाल की मौतें इस बात का सबूत हैं कि यह बीमारी कितनी जानलेवा हो सकती है।

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पूरी दुनिया में 2023 से मीजल्स का प्रकोप

साल 2023 से मीजल्स के मामले दुनियाभर में बढ़ रहे हैं। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर मीजल्स के मामलों में 20% की वृद्धि हुई है। यूरोप में 2024 में 1,27,350 मामले दर्ज किए गए, जो 1997 के बाद सबसे ज्यादा हैं। भारत में भी 2022 में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में मीजल्स के प्रकोप ने कई बच्चों की जान ली थी। विशेषज्ञों का कहना है कि टीकाकरण में हुई चूक और जागरूकता की कमी इसके लिए जिम्मेदार है।

Measles Outbreak पर विशेषज्ञों की राय

स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे एक “स्वास्थ्य आपातकाल” मान रहे हैं। CDC ने अमेरिका में स्वास्थ्य विशेषज्ञों को वैक्सीनेशन स्टॉक तैयार रखने की सलाह दी है, ताकि मीजल्स के प्रकोप को रोका जा सके। WHO ने भी सभी देशों से टीकाकरण दर बढ़ाने की अपील की है। भारत में विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच और टीकाकरण के प्रति गलत धारणाएं इस समस्या को बढ़ा रही हैं। भारत सरकार ने मीजल्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए टीकाकरण अभियानों को तेज किया है। ग्रामीण और स्लम क्षेत्रों में विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि समाज को भी टीकाकरण के प्रति भरोसा बढ़ाने और जागरूकता फैलाने में योगदान देना होगा। अमेरिका में यात्रियों के लिए जारी अलर्ट और वैक्सीनेशन स्टॉक की सलाह भी अन्य देशों के लिए सबक है।

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मीजल्स से बचाव के उपाय

मीजल्स से बचने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. टीकाकरण: बच्चों को 9 महीने और 15 महीने की उम्र में MMR वैक्सीनेशन की दो खुराक जरूर लगवाएं।
  2. जागरूकता: माता-पिता को मीजल्स के लक्षणों और खतरों की जानकारी होनी चाहिए।
  3. स्वच्छता: हाथ धोना और मास्क का उपयोग संक्रमण को रोक सकता है।
  4. तुरंत इलाज: लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता और सूचना के उद्देश्य से है। यह चिकित्सा या स्वास्थ्य सलाह नहीं है। मीजल्स या किसी अन्य स्वास्थ्य संबंधित मुद्दे के बारे में अधिक जानकारी या सलाह के लिए कृपया अपने चिकित्सक या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें। Uncut Times किसी भी स्वास्थ्य समस्या के उपचार या निदान के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।

Vishesh senior researcher

डॉ. विशेष रिसर्च और स्वास्थ्य के मामलों पर पकड़ रखते हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता के गुर सीखने के बाद देश-दुनिया के कई नामचीन संस्थानों से जुड़े रहे हैं। पिछले 18 साल से रिसर्च से जुड़े संस्थानों की कार्यप्रणाली पर उनकी गहरी नजर रहती है। शोध, इंटरव्यू और सर्वे में महारत। इन दिनों Uncut Times की रिसर्च टीम काे समृद्ध कर रहे हैं। इनसे vishesh@uncuttimes.com पर जुड़ सकते हैं।


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