Facts and myths : सुबह की शुरुआत से लेकर शाम की चाय तक, हमारे दिनचर्या का एक अहम हिस्सा बन चुकी है। यह एक एनर्जी बूस्टर पेय है, लेकिन इसका संतुलित मात्रा में सेवन ही स्वास्थ्य के लिए ठीक है। हालांकि, अधिक मात्रा में चाय पीना (side effects of tea) सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। यहां हम चाय के बारे में हर बात वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर करेंगे।
सीमित मात्रा में चाय के फायदे (Benefits of Moderate Tea Consumption)
चाय का सीमित मात्रा में सेवन सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है, हालांकि दूध और ज्यादा शक्कर या चीनी वाली चाय नुकसान पहुंचाती है। चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। चाय में मौजूद कैटेचिन्स इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। चाय हृदय स्वास्थ्य और कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने में मदद करती है। अगर आप ग्रीन टी इस्तेमाल करते हैं तो यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर वजन घटाने में मदद करती है।
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आम मिथक और उनके वैज्ञानिक तथ्य
चाय से जुड़े कई मिथक प्रचलित हैं, जिनकी सच्चाई जानना जरूरी है। आइए कुछ प्रमुख मिथकों को समझते हैं:
मिथक 1: चाय पीने से थकान दूर होती है, ऊर्जा मिलती है और काम में मन लगता है।
तथ्य: चाय में मौजूद कैफीन एक प्राकृतिक स्टिमुलेंट है, जो तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है और सतर्कता बढ़ाता है। इससे आपको तुरंत ऊर्जा का अहसास होता है, लेकिन यह प्रभाव अस्थायी होता है। अधिक चाय पीने से कैफीन क्रैश हो सकता है, जिससे थकान और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है। इसलिए सीमित मात्रा में ही चाय का सेवन करें।
स्रोत: WHO Guidelines on Caffeine
मिथक 2: शक्कर डाली हुई ग्रीन टी हेल्दी होती है।
तथ्य: ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन (Catechins) और एंटीऑक्सीडेंट स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन शक्कर डालने से इसके लाभ कम हो सकते हैं। शक्कर से कैलोरी बढ़ती है, जिससे वजन बढ़ना और ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो सकता है। हेल्दी रहने के लिए ग्रीन टी को बिना शक्कर के या शहद की कुछ बूंदों के साथ लेना बेहतर है।
स्रोत: अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन
मिथक 3: चाय से डिहाइड्रेशन होता है।
तथ्य: चाय में मौजूद कैफीन हल्का मूत्रवर्धक (Diuretic) है, जो पेशाब के माध्यम से शरीर से अतिरिक्त पानी और मिनरल्स बाहर निकालता है। हालांकि, सामान्य मात्रा में चाय पीने से डिहाइड्रेशन नहीं होता। दिन में 2-3 कप चाय का सेवन सुरक्षित माना जाता है। लेकिन ज्यादा मात्रा में कैफीन लेने से इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन हो सकता है।
स्रोत: अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन
मिथक 4: चाय दिमाग को तेज करती है।
तथ्य: चाय में मौजूद कैफीन और एल-थीनिन (L-Theanine) का संयोजन दिमाग की सतर्कता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को अस्थायी रूप से बढ़ा सकता है। हालांकि, यह असर कुछ घंटों के लिए ही रहता है। अत्यधिक कैफीन का सेवन सिरदर्द, चिंता और घबराहट का कारण बन सकता है। मानसिक प्रदर्शन को बेहतर बनाए रखने के लिए कैफीन का सीमित मात्रा में सेवन जरूरी है।
स्रोत: नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI)
मिथक 5: खाना खाने के बाद चाय पीने से पाचन में मदद मिलती है।
तथ्य: चाय में मौजूद टैनिन्स और कैफीन पाचन एंजाइम्स के कार्य में बाधा डालते हैं। भोजन के तुरंत बाद चाय पीने से आयरन अवशोषण में कमी हो सकती है, जिससे एनीमिया का खतरा बढ़ सकता है। पाचन को बेहतर बनाने के लिए खाने के कम से कम 30-40 मिनट बाद ही चाय पीना चाहिए।
स्रोत: अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन
चाय का स्वास्थ्य पर असर (side effects of tea)
दिन में 2-3 कप चाय पीना सुरक्षित माना जाता है। अगर आप अनिद्रा, पेट दर्द या हृदय संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो चाय का सेवन सीमित करें। हेल्दी विकल्प के रूप में कैमोमाइल टी, ग्रीन टी और हर्बल टी का सेवन किया जा सकता है। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, अत्यधिक चाय का सेवन शरीर में पोषक तत्वों की कमी, मानसिक तनाव और शारीरिक असंतुलन का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं कि ज्यादा चाय पीने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
कैफीन की ओवरडोज (Caffeine Overdose)
चाय में मौजूद कैफीन (Caffeine) एक प्राकृतिक स्टिमुलेंट है, जो मस्तिष्क को सतर्क रखता है और ऊर्जा बढ़ाता है। हालांकि, अधिक कैफीन का सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए प्रति दिन 400 mg से अधिक कैफीन का सेवन नुकसानदेह हो सकता है। एक कप चाय में लगभग 40-70 mg कैफीन होता है। अगर आप दिन में 5-6 कप से ज्यादा चाय पीते हैं, तो यह सीमा पार हो सकती है, जिससे घबराहट (Anxiety), दिल की धड़कन तेज होना (Increased Heart Rate) और नींद में बाधा (Sleep Disturbance) जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
पाचन तंत्र पर असर (Digestive Problems)
चाय में मौजूद टैनिन्स (Tannins) और कैफीन का अधिक सेवन पेट के लिए नुकसानदायक हो सकता है। टैनिन्स पाचन एंजाइम्स के कार्य को प्रभावित करते हैं, जिससे खाना सही से नहीं पचता। इससे एसिडिटी (Acidity), गैस (Gas), कब्ज (Constipation) और पेट दर्द (Stomach Pain) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। खाली पेट चाय पीना गैस्ट्रिक म्यूकोसा को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे पेट में जलन और अल्सर (Ulcer) का खतरा बढ़ जाता है।
आयरन की कमी (Iron Deficiency) और एनीमिया
चाय में मौजूद टैनिन्स आंतों में आयरन के अवशोषण को रोकते हैं, जिससे शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। खासतौर पर प्लांट-बेस्ड फूड्स से मिलने वाले नॉन-हीम आयरन का अवशोषण 70% तक कम हो सकता है। इससे एनीमिया (Anemia), थकान (Fatigue), चक्कर (Dizziness) और कमजोरी (Weakness) जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
नींद में खलल (Insomnia) और मानसिक तनाव
कैफीन मस्तिष्क में मौजूद एडेनोसिन (Adenosine) रिसेप्टर्स को ब्लॉक करता है, जिससे नींद नहीं आती। शाम या रात के समय ज्यादा चाय पीने से नींद की गुणवत्ता (Sleep Quality) प्रभावित हो सकती है। इससे थकान (Fatigue), ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई (Lack of Focus) और डिप्रेशन (Depression) की समस्या हो सकती है।
दांतों और ओरल हेल्थ पर प्रभाव
चाय में मौजूद टैनिन दांतों के इनेमल को कमजोर कर सकते हैं, जिससे दांतों का रंग पीला हो सकता है। अधिक चाय पीने से प्लाक (Plaque) और कैविटी (Cavity) बनने का खतरा बढ़ जाता है। कुछ स्टडीज के अनुसार, चाय का अधिक सेवन मुंह के pH लेवल को असंतुलित कर सकता है, जिससे दांतों और मसूड़ों की समस्याएं बढ़ सकती हैं।


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