Waqf Amendment Bill 2024 क्या है? क्यों जरूरत? जानें सबकुछ

वक्फ बिल क्या है क्यों जरूरत वक्फ बोर्ड के बारे में जानें सबकुछ

Waqf Amendment Bill : भारत की संसद में एक बार फिर से वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर हलचल तेज हो गई है। यह महत्वपूर्ण विधेयक 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश किया जा रहा है। इस विधेयक को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और विपक्षी दलों के बीच तीखी बहस की संभावना जताई जा रही है। सरकार ने इस बिल पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया है, जबकि विपक्ष ने इसे 12 घंटे तक विस्तारित करने की मांग की है। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि वक्फ संशोधन विधेयक क्या है और यह क्यों चर्चा में है।

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 क्या है?

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 एक महत्वपूर्ण प्रस्तावित कानून है, जो वक्फ अधिनियम 1995 में बदलाव करने के लिए पेश किया गया है। इसका उद्देश्य वक्फ बोर्ड के प्रबंधन और संचालन में सुधार लाना है। इस विधेयक के तहत, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता, अतिक्रमण की रोकथाम, और महिलाओं एवं अन्य वंचित वर्गों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

विधेयक के प्रमुख उद्देश्य:

  • वक्फ संपत्तियों का केंद्रीय पोर्टल पर पंजीकरण
  • गैर-मुस्लिम और महिलाओं का बोर्ड में प्रतिनिधित्व
  • संपत्तियों से जुड़े विवादों का समाधान

लोकसभा में Waqf Amendment Bill पेश होने की तैयारी

सूत्रों के अनुसार, यह विधेयक 2 अप्रैल 2025 को दोपहर 12 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा। सरकार ने इस विधेयक पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया है, जबकि विपक्ष ने इसे 12 घंटे तक बढ़ाने की मांग की है।

  • बीजेपी ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है।
  • विपक्षी दलों ने इसे संविधान के खिलाफ बताते हुए विरोध किया है।

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विधेयक के प्रमुख प्रावधान

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 में कई महत्वपूर्ण प्रावधान प्रस्तावित किए गए हैं।

  1. पारदर्शिता और जवाबदेही: वक्फ संपत्तियों का केंद्रीय पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य। छह महीने के भीतर सभी संपत्तियों का विवरण अपलोड करना होगा।
  2. गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति: वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति।
  3. महिला प्रतिनिधित्व: वक्फ बोर्ड में कम से कम दो महिलाओं की नियुक्ति।
  4. संपत्ति विवाद का समाधान: विवादित संपत्तियों के स्वामित्व का निर्धारण जिला कलेक्टर या नामित अधिकारी द्वारा।
  5. इस्लाम का पालन: वक्फ बनाने वाले व्यक्ति को कम से कम पांच साल तक इस्लाम का पालन करने की शर्त जोड़ी गई है।

विपक्ष का विरोध और सरकार का जवाब

विपक्षी दलों ने इस विधेयक को संविधान के खिलाफ बताया है। AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है, जबकि कांग्रेस ने इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का हनन बताया है।

वहीं, सरकार का कहना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए आवश्यक है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू का कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के हित में है और इससे किसी के अधिकारों पर आंच नहीं आएगी।

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आगे क्या होगा?

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 एक विवादास्पद मुद्दा बन चुका है, जो न केवल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को प्रभावित करेगा, बल्कि देश की राजनीति पर भी गहरा असर डाल सकता है। 2 अप्रैल को लोकसभा में होने वाली चर्चा पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं। क्या यह विधेयक पारित होगा या विपक्ष इसे रोक पाएगा? यह आने वाला समय ही बताएगा। अगर यह विधेयक लोकसभा से पारित हो जाता है, तो इसे राज्यसभा में भेजा जाएगा। मौजूदा बजट सत्र 4 अप्रैल को समाप्त हो रहा है, इसलिए सरकार की कोशिश होगी कि इसे इसी सत्र में पारित कराया जाए। हालांकि, विपक्ष के विरोध के चलते यह आसान नहीं होगा।

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Vishesh senior researcher

डॉ. विशेष रिसर्च और स्वास्थ्य के मामलों पर पकड़ रखते हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता के गुर सीखने के बाद देश-दुनिया के कई नामचीन संस्थानों से जुड़े रहे हैं। पिछले 18 साल से रिसर्च से जुड़े संस्थानों की कार्यप्रणाली पर उनकी गहरी नजर रहती है। शोध, इंटरव्यू और सर्वे में महारत। इन दिनों Uncut Times की रिसर्च टीम काे समृद्ध कर रहे हैं। इनसे vishesh@uncuttimes.com पर जुड़ सकते हैं।


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