उत्तराखंड में तबादलों पर सवाल : एक डॉक्टर लाचार, दूसरी जबरन ट्रांसफर की शिकार

उत्तराखंड में तबादलों पर सवाल एक डॉक्टर लाचार, दूसरी जबरन ट्रांसफर की शिकार

Uttarakhand News : उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। दो अलग-अलग डॉक्टरों के स्थानांतरण मामलों ने विभाग की पारदर्शिता और जनहित के दावों की पोल खोल दी है। एक ओर डॉ. अश्वनी चौहान अपनी विशेषज्ञता के अनुरूप स्थानांतरण की मांग को अनसुना किए जाने से परेशान हैं, तो दूसरी ओर डॉ. सोनाली जोशी का अल्मोड़ा से पौड़ी जबरन ट्रांसफर कर दिया गया है। इन मामलों ने स्वास्थ्य सेवाओं में व्यावहारिकता और मानवीयता की कमी को उजागर किया है।

डॉ. सलोनी जोशी का अल्मोड़ा से जबरन ट्रांसफर

अल्मोड़ा जिला अस्पताल में ईएनटी विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत डॉ. सोनाली जोशी की सेवाएं स्थानीय लोगों के बीच लोकप्रिय थीं। उनकी मेहनत और मरीजों के प्रति समर्पण ने उन्हें अल्मोड़ा में एक जाना-माना नाम बनाया था। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग ने बिना किसी स्पष्ट कारण के उनका पौड़ी स्थानांतरण कर दिया। यह निर्णय अल्मोड़ा के मरीजों के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि जिले में पहले से ही ईएनटी सेवाएं संकट में हैं। वर्तमान में डॉ. जोशी अवकाश पर हैं, लेकिन उनके स्थानांतरण के आदेश ने अल्मोड़ा जिला अस्पताल में ईएनटी सेवाओं के भविष्य को अधर में लटका दिया है।

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अल्मोड़ा में ईएनटी सेवाओं का संकट

अल्मोड़ा जिला अस्पताल में ईएनटी विशेषज्ञ के लिए दो पद स्वीकृत हैं। एक पद पर डॉ. हरीश चंद्र गड़कोटी कार्यरत हैं, जो मुख्य चिकित्सा अधीक्षक भी हैं और केवल सामान्य ओपीडी मरीजों का इलाज करते हैं। दूसरा पद, जिस पर डॉ. सोनाली जोशी कार्यरत थीं, अब उनके स्थानांतरण के बाद रिक्त हो गया है। परिणामस्वरूप, अस्पताल में कोई स्थायी ईएनटी विशेषज्ञ नहीं बचा है। डॉ. जोशी के ट्रांसफर से ये सेवाएं फिर से ठप होने की कगार पर हैं।

डॉ. अश्वनी चौहान का केस भी पढ़िए

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) थलीसैंण में तैनात डॉ. अश्वनी चौहान, जो एक ईएनटी सर्जन (एम.एस. ईएनटी) हैं, पिछले दो वर्षों से जनरल सर्जन के पद पर कार्य करने को मजबूर हैं। हैरानी की बात यह है कि थलीसैंण सीएचसी में ईएनटी सर्जन का कोई स्वीकृत पद ही नहीं है। इसके बावजूद, डॉ. चौहान को वहां तैनात किया गया है।

डॉ. चौहान ने जिला अस्पताल पौड़ी में स्थानांतरण की मांग की है, जहां ईएनटी सर्जन की सख्त आवश्यकता है। उनकी यह मांग न केवल उनकी विशेषज्ञता के उपयोग के लिए उचित है, बल्कि उनके बीमार माता-पिता की देखभाल के लिए भी जरूरी है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने उनकी इस मांग को अब तक अनसुना किया है। यह स्थिति न केवल डॉ. चौहान के लिए निराशाजनक है, बल्कि पौड़ी के मरीजों के लिए भी हानिकारक है, जो विशेषज्ञ सेवाओं से वंचित हैं।

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स्वास्थ्य विभाग के दावों की हकीकत

स्वास्थ्य विभाग दावा करता है कि सभी स्थानांतरण पारदर्शिता और जनहित को ध्यान में रखकर किए जाते हैं। लेकिन, डॉ. अश्वनी चौहान और डॉ. सोनाली जोशी के मामले इन दावों की पोल खोलते हैं। एक ओर डॉ. चौहान की उचित मांग को नजरअंदाज किया जा रहा है, तो दूसरी ओर डॉ. जोशी का ट्रांसफर बिना किसी ठोस कारण के कर दिया गया। ये मामले यह सवाल उठाते हैं कि क्या स्वास्थ्य विभाग वास्तव में मरीजों की जरूरतों और डॉक्टरों की विशेषज्ञता को प्राथमिकता देता है?

अल्मोड़ा जैसे पर्वतीय क्षेत्रों में, जहां स्वास्थ्य सेवाएं पहले से ही सीमित हैं, ऐसे निर्णय मरीजों के मौलिक स्वास्थ्य अधिकारों का हनन करते हैं। ऐसे में डॉ. सलोनी जोशी के स्थानांतरण को रद्द करने और डॉ. अश्वनी चौहान को उनकी विशेषज्ञता के अनुरूप पौड़ी में नियुक्त करने की मांग तेज हो रही है।

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स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर आक्रोश

सामाजिक कार्यकर्ता संजय कुमार पाण्डे ने स्वास्थ्य विभाग के इस रवैये की कड़ी निंदा की है। उन्होंने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अल्मोड़ा को डॉ. जोशी के स्थानांतरण के बारे में कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी गई, जो विभागीय समन्वय की कमी को दर्शाता है। पाण्डे ने इस निर्णय को अल्मोड़ा के स्वास्थ्य सेवाओं के लिए खतरे की घंटी करार दिया।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि स्वास्थ्य विभाग इस स्थानांतरण आदेश को तत्काल रद्द नहीं करता, तो वे जन आंदोलन शुरू करने को बाध्य होंगे। पाण्डे ने स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री, और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य से आग्रह किया कि डॉ. सलोनी जोशी को अल्मोड़ा में स्थायी नियुक्ति दी जाए ताकि मरीजों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।

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SD Pandey

शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।


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