Earthquake Emergency Safety Measures : म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे भारी तबाही मची। भारत में भी अक्सर भूकंप आते हैं। ऐसी खबरें सुनते ही हमेशा दिमाग में सवाल आता है कि ऐसी स्थिति आए तो क्या करें और क्या न करें? क्या आप जानते हैं कि भूंकप आने पर बचाव के लिए क्या एक्शन लेना चाहिए।
सागाइंग फॉल्ट लाइन पर लगातार भूकंप
म्यांमार और थाईलैंड में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने एक बार फिर प्रकृति की ताकत को उजागर किया है। इस आपदा से निपटने के लिए सही जानकारी और तैयारी बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि सागाइंग फॉल्ट लाइन पर पहले भी कई बड़े भूकंप आ चुके हैं, और इस बार की तीव्रता ने नुकसान को और बढ़ा दिया। भूकंप के झटके भारत के पूर्वोत्तर राज्यों, बांग्लादेश और चीन के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए। म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्य जोरों पर हैं। म्यांमार में गृहयुद्ध के बीच यह आपदा स्थिति को और जटिल बना रही है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत मदद के लिए तैयार है।”
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म्यांमार में भूकंप से कितना नुकसान हुआ?
म्यांमार के मध्य क्षेत्र में आए इस भूकंप का केंद्र सागाइंग क्षेत्र के पास था, जो भूकंपीय रूप से सक्रिय सागाइंग फॉल्ट लाइन पर स्थित है। यूएसजीएस (संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण) के अनुसार, भूकंप की गहराई मात्र 10 किलोमीटर थी, जिसके कारण इसके झटके सैकड़ों किलोमीटर तक महसूस किए गए। म्यांमार के मांडले और नेपीडॉ जैसे शहरों में इमारतें ढह गईं, सड़कों में दरारें पड़ गईं और एक प्रमुख पुल, एवा ब्रिज, भी नष्ट हो गया।
थाईलैंड में भूकंप से कितना नुकसान हुआ?
वहीं, थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भूकंप के झटकों ने लोगों को दहशत में डाल दिया। एक निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत के गिरने से कम से कम दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 43 से अधिक लोग मलबे में फंसे बताए जा रहे हैं। बैंकॉक में आपातकाल घोषित कर दिया गया है और थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में इमारतों के हिलने और लोगों के सड़कों पर भागने के दृश्य देखे जा सकते हैं।
भूकंप के दौरान बचने के लिए क्या करना चाहिए?
भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जो बिना किसी चेतावनी के आती है। ऐसे में सही समय पर सही कदम उठाकर जान-माल की हानि को कम किया जा सकता है।
भूकंप के दौरान क्या करें
- ड्रॉप, कवर और होल्ड ऑन: अगर आप घर या किसी इमारत में हैं, तो तुरंत नीचे झुकें, किसी मजबूत मेज या फर्नीचर के नीचे छिपें और उसे कसकर पकड़ें। इससे सिर और शरीर को गिरने वाली चीजों से बचाया जा सकता है।
- खुले मैदान में जाएं: अगर आप बाहर हैं, तो इमारतों, पेड़ों, बिजली के खंभों और तारों से दूर खुले मैदान में चले जाएं।
- दीवारों से दूर रहें: इमारत की बाहरी दीवारें या कांच के पास न खड़े हों, क्योंकि ये आसानी से ढह सकते हैं।
- शांत रहें: घबराहट से बचें और दूसरों को भी शांत रहने के लिए प्रेरित करें।
भूकंप के दौरान क्या न करें
- लिफ्ट का इस्तेमाल न करें: भूकंप के दौरान लिफ्ट में फंसने का खतरा रहता है, इसलिए सीढ़ियों का प्रयोग करें।
- खिड़कियों के पास न जाएं: कांच टूटकर चोट पहुंचा सकता है।
- भागने की कोशिश न करें: अगर आप ऊंची इमारत में हैं, तो बाहर भागने की बजाय सुरक्षित जगह पर रुकें।
- बिजली के उपकरणों को न छुएं: बिजली के तार टूटने से करंट का खतरा हो सकता है।
आपात स्थिति में फंसने पर क्या करें
अगर भूकंप के बाद आप मलबे में फंस जाते हैं या किसी आपात स्थिति का सामना करते हैं, तो निम्नलिखित कदम उठाएं:
- शांत रहें और मदद मांगें: अपनी आवाज या किसी वस्तु को ठोककर आसपास के लोगों का ध्यान आकर्षित करें।
- हिलने से बचें: मलबे में हिलने से और नुकसान हो सकता है, इसलिए स्थिर रहें।
- मुंह को ढकें: धूल से बचने के लिए कपड़े या मास्क से मुंह और नाक को ढकें।
- बैटरी या टॉर्च का इस्तेमाल करें: अगर आपके पास मोबाइल या टॉर्च है, तो उसका प्रयोग संकेत देने के लिए करें।
- पानी और भोजन बचाएं: अगर लंबे समय तक फंसे रहने की आशंका हो, तो उपलब्ध संसाधनों का समझदारी से इस्तेमाल करें।
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