सबसे गर्म साल : गर्मी तोड़ेगी सारे रिकॉर्ड, IMD का अलर्ट

आईएमडी ने इस साल भारत में भीषण गर्मी का अलर्ट जारी किया।

IMD heatwave warning 2025 : भारत में इस साल मार्च में ही अप्रैल जैसी गर्मी महसूस की जा रही है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 देश के इतिहास में सबसे गर्म वर्षों में से एक हो सकता है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तर-पश्चिमी राज्यों के लिए हीटवेव (लू) को लेकर चेतावनी जारी की है। इस रिपोर्ट में जानिए हीटवेव की स्थिति, संभावित प्रभाव को विस्तार से जानिए।

हीटवेव के बढ़ते खतरे

IMD की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और दिल्ली में हीटवेव के दिनों की संख्या दोगुनी हो सकती है। आमतौर पर अप्रैल से जून के बीच लगातार 5-6 दिनों तक लू चलती है, लेकिन इस बार 10-12 दिनों तक हीटवेव का असर बना रह सकता है।

हीटवेव कब मानी जाती है?

हीटवेव तब घोषित की जाती है जब किसी स्थान का अधिकतम तापमान सामान्य से 5°C या अधिक हो जाता है। IMD के मानकों के अनुसार:

  • मैदानी इलाकों में: तापमान 40°C से ऊपर हो।
  • तटीय क्षेत्रों में: तापमान 37°C से ऊपर हो।
  • पहाड़ी क्षेत्रों में: तापमान 30°C से ऊपर हो।

यदि तापमान सामान्य से 6.5°C या अधिक बढ़ जाता है, तो इसे “गंभीर हीटवेव” के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। IMD का अनुमान है कि इस साल भारत के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रहेगा।

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पिछले साल से तुलना

2024 भारत के सबसे गर्म वर्षों में से एक था। उस साल देशभर में 554 हीटवेव दिनों का रिकॉर्ड दर्ज किया गया। यह संख्या इस साल बढ़ने की संभावना है। IMD के अनुसार, 2025 की गर्मी अब तक की सबसे तीव्र हो सकती है। IMD के मुताबिक, देश के 8 राज्यों में तापमान पहले ही 40°C से ज्यादा पहुंच चुका है। दिल्ली, राजस्थान, यूपी, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। अगले कुछ दिनों में उत्तर भारत में तापमान और बढ़ने की संभावना है।

हीटवेव बढ़ने की वजहें

  1. अल-नीनो प्रभाव: प्रशांत महासागर के पानी का असामान्य रूप से गर्म होना अल-नीनो को जन्म देता है, जिससे भारत में बारिश कम होती है और गर्मी अधिक पड़ती है। इस साल जून तक अल-नीनो का प्रभाव बने रहने की संभावना है।
  2. जलवायु परिवर्तन: ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के कारण धरती का तापमान बढ़ रहा है, जिससे लू की अवधि और तीव्रता बढ़ रही है।

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देश में गर्मी के चरण

भारत में गर्मी को तीन चरणों में बांटा जा सकता है:

  1. प्री-समर (मार्च-अप्रैल): इस दौरान गर्मी की शुरुआत होती है और अप्रैल से हीटवेव के प्रभाव दिखने लगते हैं।
  2. पीक समर (मई-मध्य जून): यह सबसे गर्म समय होता है जब सूर्य कर्क रेखा की ओर बढ़ता है और हीटवेव चरम पर होती है।
  3. पोस्ट-समर (जून-अंत-जुलाई): मानसून के आगमन के साथ गर्मी धीरे-धीरे कम होने लगती है।

हीटवेव से बचाव के लिए सरकार का प्लान

गर्मी के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों में हीटस्ट्रोक के मरीजों के लिए हेल्पडेस्क, ORS, दवाइयां और IV फ्लूइड्स की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। सभी मेडिकल संस्थानों को हीटवेव से संबंधित बीमारियों का डेटा ऑनलाइन अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं। डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को हीटवेव से निपटने की विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है।

यह भी देखें : स्वास्थ्य मंत्रालय – हीटवेव से बचाव

हीटवेव से बचने के उपाय 

2025 भारत के लिए सबसे गर्म वर्षों में से एक साबित हो सकता है। IMD ने हीटवेव को लेकर चेतावनी जारी की है और सरकार ने भी इससे बचाव के लिए उपाय लागू किए हैं। इस स्थिति में लोगों को सतर्क रहना चाहिए और गर्मी से बचाव के सभी उपाय अपनाने चाहिए।

  1. पानी ज्यादा पिएं: दिन में कम से कम 3-4 लीटर पानी पीने की कोशिश करें।
  2. हल्के और ढीले कपड़े पहनें: सूती कपड़े पहनें और धूप में जाने से बचें।
  3. धूप में बाहर निकलने से बचें: दोपहर 12 से 4 बजे के बीच बाहर न निकलें।
  4. छाता या टोपी का इस्तेमाल करें: सिर को ढककर रखें और आंखों की सुरक्षा के लिए सनग्लास पहनें।
  5. ORS और इलेक्ट्रोलाइट्स लें: डिहाइड्रेशन से बचने के लिए ओआरएस या नमक-चीनी का घोल पिएं।
  6. घर को ठंडा रखें: पर्दे और खिड़कियां बंद रखें ताकि घर के अंदर गर्मी कम आए।
  7. बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें: ये सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, इसलिए इनका खास ख्याल रखें।

ज्यादा जानकारी के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) हीटवेव गाइडलाइन देखें।

Vishesh senior researcher

डॉ. विशेष रिसर्च और स्वास्थ्य के मामलों पर पकड़ रखते हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता के गुर सीखने के बाद देश-दुनिया के कई नामचीन संस्थानों से जुड़े रहे हैं। पिछले 18 साल से रिसर्च से जुड़े संस्थानों की कार्यप्रणाली पर उनकी गहरी नजर रहती है। शोध, इंटरव्यू और सर्वे में महारत। इन दिनों Uncut Times की रिसर्च टीम काे समृद्ध कर रहे हैं। इनसे vishesh@uncuttimes.com पर जुड़ सकते हैं।


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