यूपी का सबसे बड़ा टेक्सटाइल पार्क यहां बनेगा, ये होंगी खासियतें

यूपी का सबसे बड़ा टेक्सटाइल पार्क मलिहाबाद में बनेगा

Uttar Pradesh News : यूपी का सबसे बड़ा टेक्सटाइल पार्क औद्योगिक विकास में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। इसे स्थापित करने की योजना को मूर्त रूप मिलने वाला है। 10 अप्रैल 2025 को इस पार्क के लिए मास्टर डेवलपर कंपनियों का चयन किया जाएगा। यह परियोजना न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी, बल्कि करीब एक लाख लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी। अनुमानित 10,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ यह टेक्सटाइल पार्क लखनऊ के मलिहाबाद को औद्योगिक नक्शे पर एक नई पहचान दिलाएगा। आइए, इस पार्क की खासियतों और इसके महत्व को विस्तार से समझते हैं।

यूपी का सबसे बड़ा टेक्सटाइल पार्क

मलिहाबाद, जो मशहूर दशहरी आम की वजह से जाना जाता है, अब टेक्सटाइल उद्योग का हब बनने की राह पर है। यह टेक्सटाइल पार्क अटारी गांव में लगभग 1,000 एकड़ क्षेत्र में प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री मित्र टेक्सटाइल पार्क योजना के तहत शुरू की गई इस परियोजना का लक्ष्य टेक्सटाइल उत्पादन को बढ़ावा देना और निर्यात में योगदान करना है। यह पार्क मलिहाबाद रेलवे स्टेशन से 16 किलोमीटर और लखनऊ रेलवे स्टेशन से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जबकि चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से इसकी दूरी करीब 45 किलोमीटर है। इसे फोर-लेन सड़क से जोड़ा जाएगा, जिससे कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।

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निवेश और रोजगार के अवसर

इस टेक्सटाइल पार्क में 10,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद जताई जा रही है। इससे पहले ही 700 करोड़ रुपये के दो एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) पर हस्ताक्षर हो चुके हैं, जो इस परियोजना के प्रति उद्योग जगत के भरोसे को दर्शाते हैं। पार्क के निर्माण से करीब एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। यह खासकर स्थानीय युवाओं और महिलाओं के लिए कौशल विकास और नौकरी के अवसरों का बड़ा स्रोत बनेगा। उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य इस पार्क के जरिए राज्य को टेक्सटाइल क्षेत्र में अग्रणी बनाना है।

टेक्सटाइल पार्क की खासियतें

मलिहाबाद टेक्सटाइल पार्क कई आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा, जो इसे देश के अन्य टेक्सटाइल पार्कों से अलग बनाएगा।
1. आधुनिक बुनियादी ढांचा: पार्क में अत्याधुनिक मशीनरी, वेयरहाउसिंग, और लॉजिस्टिक्स की सुविधा होगी, जिससे उत्पादन लागत कम होगी।
2. पर्यावरण अनुकूल तकनीक: यह पार्क हरित ऊर्जा और जल संरक्षण पर ध्यान देगा। सौर ऊर्जा और वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम यहाँ की खासियत होंगे।
3. कनेक्टिविटी: फोर-लेन सड़क और रेल-हवाई मार्गों से बेहतर संपर्क इसे निर्यात के लिए आदर्श बनाएगा।
4. कौशल विकास केंद्र: स्थानीय लोगों को टेक्सटाइल उद्योग के लिए प्रशिक्षित करने के लिए ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
5. विविध उत्पादन: कपड़ा निर्माण से लेकर अपैरल, तकनीकी टेक्सटाइल और हैंडलूम तक, यह पार्क सभी क्षेत्रों को कवर करेगा।

बड़ी कंपनियों का रुझान

इस परियोजना में देश की नामी कंपनियां जैसे वर्धमान, रिलायंस, और अरविंद मिल्स हिस्सा लेने के लिए आगे आई हैं। 10 अप्रैल को मास्टर डेवलपर के चयन के बाद निर्माण कार्य तेजी से शुरू होने की उम्मीद है। यह पार्क मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देगा और टेक्सटाइल मशीनों के आयात पर निर्भरता को कम करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे उत्पादन लागत में 30-40% की कमी आएगी।

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यूपी में टेक्सटाइल उद्योग का भविष्य

उत्तर प्रदेश पहले से ही टेक्सटाइल सेक्टर में तेजी से उभर रहा है। लखनऊ के पास पीएम मित्र पार्क और प्रदेश के 10 जिलों में प्रस्तावित अन्य टेक्सटाइल पार्क इस दिशा में बड़े कदम हैं। वैश्विक टेक्सटाइल बाजार के 2030 तक 350 बिलियन डॉलर तक पहुँचने के अनुमान के साथ, मलिहाबाद टेक्सटाइल पार्क भारत के निर्यात में अहम योगदान दे सकता है। टेक्सटाइल मंत्रालय के अनुसार, भारत को इस मांग को पूरा करने के लिए 4 लाख करोड़ रुपये की मशीनों की जरूरत होगी, और मलिहाबाद का यह पार्क इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा।

जमीन अधिग्रहण का काम पूरा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना को लेकर कहा, “मलिहाबाद टेक्सटाइल पार्क उत्तर प्रदेश को औद्योगिक विकास के नए शिखर पर ले जाएगा। यह न केवल रोजगार सृजन करेगा, बल्कि राज्य को आत्मनिर्भर भारत का मजबूत स्तंभ भी बनाएगा।” अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग ने इस पार्क के लिए जमीन अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया है और अब निर्माण की प्रक्रिया तेज करने पर जोर दिया जा रहा है।

स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

मलिहाबाद में बनने वाला यह टेक्सटाइल पार्क उत्तर प्रदेश के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। 10 अप्रैल को होने वाला कंपनी चयन इस दिशा में पहला बड़ा कदम होगा। यह परियोजना न केवल आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि लाखों लोगों के जीवन में समृद्धि भी लाएगी। मलिहाबाद, जो अब तक मुख्य रूप से कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था पर निर्भर था, इस टेक्सटाइल पार्क के साथ औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ेगा। यहाँ के किसानों और छोटे व्यापारियों को भी इससे लाभ मिलेगा, क्योंकि पार्क में हैंडलूम और स्थानीय कारीगरों को बढ़ावा देने की योजना है। इससे मलिहाबाद का दशहरी आम के साथ-साथ टेक्सटाइल उद्योग भी दुनिया भर में अपनी पहचान बनाएगा।

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