देहरादून/नई दिल्ली। उत्तराखंड की आधारभूत संरचना को मजबूत करने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ हुई बैठक में एलिवेटेड रोड परियोजनाओं, रिंग रोड, और राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण सहित कई अहम फैसलों पर मुहर लगी। इन परियोजनाओं से राज्य में यातायात व्यवस्था सुगम होगी और पर्यटकों व आम लोगों को राहत मिलेगी। इसमें देहरादून में बिंदाल और रिस्पना नदियों पर प्रस्तावित 6164 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 26 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड, खटीमा रिंग रोड, और ऋषिकेश बाईपास जैसी परियोजनाएं शामिल हैं।
देहरादून : बिंदाल-रिस्पना एलिवेटेड रोड
देहरादून शहर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए बिंदाल और रिस्पना नदियों के ऊपर प्रस्तावित 26 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 6164 करोड़ रुपये है, और इसे राष्ट्रीय राजमार्ग-7 (एनएच-7) के लूप के रूप में विकसित किया जाएगा। यह रोड शहर के मध्य भाग में ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करने और आवागमन को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री धामी ने इस परियोजना को प्राथमिकता देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भूमि अधिग्रहण और वनभूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाए। राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए एसजीएसटी और रायल्टी में छूट देने का भी फैसला किया है, ताकि निर्माण कार्य में तेजी लाई जा सके।
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ऊधम सिंह नगर : खटीमा रिंग रोड
ऊधम सिंह नगर जिले में खटीमा रिंग रोड के निर्माण को भी केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है। इस परियोजना को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के माध्यम से लागू किया जाएगा। इसके अलावा, पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-109 के संशोधित संरेखण में होने वाले 183 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च को भी केंद्र सरकार वहन करेगी। राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए एसजीएसटी में छूट देने का ऐलान किया है। खटीमा रिंग रोड क्षेत्र में यातायात को सुचारू बनाने और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित होगी। यह परियोजना ऊधम सिंह नगर के औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
पंतनगर एयरपोर्ट के लिए NH-109 पर ₹183 करोड़ का खर्च केंद्र उठाएगा
पंतनगर एयरपोर्ट विस्तार परियोजना के चलते NH-109 के संशोधित रूट में आने वाले ₹183 करोड़ के अतिरिक्त खर्च को केंद्र सरकार वहन करेगी। राज्य सरकार इस परियोजना में SGST और रॉयल्टी में छूट देगी ताकि कार्य शीघ्र प्रारंभ हो सके। बैठक में यह भी तय हुआ कि केंद्र सरकार उत्तराखंड को केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि (CRIF) के तहत ₹110 करोड़ की धनराशि प्रदान करेगी। इसके तहत कई राज्यीय सड़क परियोजनाओं को गति मिलेगी।
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ऋषिकेश बाईपास: पर्यटन में लाभ
ऋषिकेश बाईपास परियोजना के पहले चरण, जो नेपाली फार्म से ढालवाला तक 10.88 किलोमीटर लंबा है, के लिए वनभूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया अगले तीन महीनों में पूरी की जाएगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1546 करोड़ रुपये है। यह बाईपास चारधाम यात्रा और अन्य पर्यटकों के लिए ऋषिकेश में यातायात को सुगम बनाएगा, जो हर साल लाखों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करता है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “हाल के वर्षों में चारधाम यात्रा के दौरान पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है, जिससे सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ा है। ऋषिकेश बाईपास इस समस्या का समाधान करेगा।”
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अन्य सड़क परियोजनाओं को भी हरी झंडी
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड की अन्य महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं से उत्तराखंड के ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे पर्यटन, व्यापार, और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
- एनएच-507 पर बाड़वाला-कटापत्थर-जुड्डो-लखवाड़ बैंड: 28 किलोमीटर लंबे इस मार्ग के चौड़ीकरण कार्य को शीघ्र स्वीकृति दी जाएगी।
- एनएच-534 पर दुगड्डा-गुमखाल: 18.10 किलोमीटर लंबे इस मार्ग का चौड़ीकरण भी जल्द शुरू होगा।
- मानसखंड परियोजना: पौराणिक मंदिरों से जुड़ी 508 किलोमीटर लंबी 20 सड़कों के अपग्रेडेशन के लिए 8000 करोड़ रुपये की परियोजना के पहले चरण के लिए 1000 करोड़ रुपये की स्वीकृति का अनुरोध किया गया।
- बिहारीगढ़-रोशनाबाद मार्ग: 33 किलोमीटर लंबे इस राज्य मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा देने और काठगोदाम-पंचेश्वर मार्ग (189 किलोमीटर) को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का प्रस्ताव।
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केंद्र और राज्य सरकार का सहयोग
बैठक में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सभी प्रस्तावों पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए परियोजनाओं को त्वरित स्वीकृति देने की बात कही। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “केंद्र सरकार का सहयोग उत्तराखंड के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इन सड़क परियोजनाओं से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि पर्यटन और आर्थिक विकास को भी नई दिशा मिलेगी।” राज्य सरकार ने परियोजनाओं के लिए एसजीएसटी और रायल्टी में छूट देने का फैसला किया है, ताकि निर्माण लागत को कम किया जा सके और कार्य में तेजी लाई जा सके।
यातायात प्रबंधन में सुधार की उम्मीद
इन एलिवेटेड रोड और बाईपास परियोजनाओं से न केवल स्थानीय निवासियों को राहत मिलेगी, बल्कि पर्यटकों के लिए भी यात्रा अधिक सुगम और सुरक्षित होगी। इन परियोजनाओं से देहरादून, ऋषिकेश, और खटीमा जैसे प्रमुख शहरों में यातायात प्रबंधन में सुधार होगा। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क चौड़ीकरण और बाईपास निर्माण से स्थानीय व्यापार और कृषि को बढ़ावा मिलेगा। इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, उत्तराखंड के प्रमुख सचिव आरके सुधांश, आर मीनाक्षी सुंदरम, और सचिव पंकज कुमार पांडेय मौजूद रहे। इन अधिकारियों ने परियोजनाओं के तकनीकी और प्रशासनिक पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की।


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