नोएडा : उत्तर प्रदेश के बहुप्रतीक्षित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) से पहली वाणिज्यिक उड़ान शुरू होने की समयसीमा एक बार फिर बढ़ गई है। निर्माण कार्य में देरी और आवश्यक बुनियादी ढांचे की अधूरी तैयारियों के कारण अब 30 जुलाई 2025 से पहले उड़ान संचालन शुरू होना संभव नहीं है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने निर्माण स्थल का दौरा कर प्रगति की समीक्षा की और विकासकर्ता एजेंसी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) को सभी लंबित कार्य तय समयसीमा में पूरे करने के सख्त निर्देश दिए हैं। यह एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र के रूप में उभरेगा।
DGCA की सुरक्षा जांच 10 मई को
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को वाणिज्यिक उड़ानों के लिए एयरोड्रोम लाइसेंस प्राप्त करने के लिए 10 मई 2025 को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) की संयुक्त टीम द्वारा सुरक्षा मानकों की गहन जांच की जाएगी। यदि जांच रिपोर्ट संतोषजनक रही, तो एयरपोर्ट को उड़ान संचालन की अनुमति मिल सकती है। यह जांच रनवे, नेविगेशन सिस्टम, और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की कार्यक्षमता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
यह भी पढ़ें : ललितपुर फार्मा पार्क में भूखंड योजना शुरू, ऐसे मिलेंगे प्लॉट
टर्मिनल बिल्डिंग और छत का कार्य अंतिम चरण में
एयरपोर्ट के निर्माण कार्य में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण अब अपने अंतिम चरण में है। एयरसाइड (रनवे, टैक्सीवे) और लैंडसाइड (पार्किंग, रोड) के कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं। टर्मिनल की पहली मंजिल पर छत की स्टील फ्रेमिंग और आंतरिक फिनिशिंग का कार्य तेजी से चल रहा है। दूसरी मंजिल पर फार्वेरिंक (विशेष सजावटी सामग्री) लगाने के लिए इटली से आयातित सामग्री की सिलाई मुंबई में की जा रही है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि 15 जून 2025 तक छत के नीचे तकनीकी फाइबर लगाने का कार्य पूरा कर लिया जाए।
वॉटर और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में देरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 मार्च 2025 को एयरपोर्ट का निरीक्षण किया था और वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (WTP) और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के अधूरे कार्यों पर नाराजगी जताई थी। मुख्य सचिव ने चेतावनी दी है कि यदि ये कार्य समय पर पूरे नहीं हुए, तो वैकल्पिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी। ये प्लांट एयरपोर्ट के संचालन के लिए आवश्यक हैं, क्योंकि ये पानी की आपूर्ति और अपशिष्ट प्रबंधन को सुनिश्चित करते हैं।
यह भी पढ़ें : यूपी के इस जिले में जमीन के नीचे निकला क्रूड ऑयल का खजाना
जलभराव और मेन एक्सेस रोड की समस्या
पिछले वर्ष मानसून के दौरान पथवाया नाले के कारण जलभराव की गंभीर समस्या सामने आई थी। इसे देखते हुए सिंचाई विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि मानसून शुरू होने से पहले जल निकासी की स्थायी व्यवस्था पूरी कर ली जाए। इसके अलावा, मेन एक्सेस रोड को टर्मिनल से जोड़ने का कार्य भी अभी तक अधूरा है, जो यात्रियों की सुविधा के लिए महत्वपूर्ण है।
तीसरी बार बढ़ी समयसीमा
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कार्य कई बार समयसीमा से चूक चुका है:
- शुरुआत में 30 सितंबर 2024 तक उड़ान शुरू करने का लक्ष्य था।
- इसके बाद समयसीमा को 31 दिसंबर 2024 तक बढ़ाया गया, और देरी के लिए 10 लाख रुपये प्रतिदिन के जुर्माने का प्रावधान रखा गया।
- तीसरी बार, 17 अप्रैल 2025 को 25 घरेलू, तीन अंतरराष्ट्रीय, और दो कार्गो उड़ानों के साथ संचालन शुरू करने की योजना थी, जो अब 30 जुलाई 2025 तक टल गई है।
इस देरी के कारण उत्तर प्रदेश सरकार ने YIAPL पर 21 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
यह भी पढ़ें : यूपी के 10 प्रमुख शहरों के लिए बनेगा ड्रेनेज मास्टर प्लान
85% कार्य पूरा, कुछ हिस्से अभी बाकी
YIAPL के अनुसार, एयरपोर्ट का 85% निर्माण कार्य अब तक पूरा हो चुका है। प्रमुख प्रगति में शामिल हैं:
- 10 एयरोब्रिज स्थापित किए जा चुके हैं।
- बैगेज हैंडलिंग सिस्टम चालू हो चुका है।
- रनवे पूरी तरह तैयार है।
- एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) बिल्डिंग में उपकरण स्थापित हो चुके हैं, हालांकि छह कमरों का कार्य बाकी है।
- जलभराव रोकने के लिए परिसर में दो तालाब बनाए गए हैं।
- टर्मिनल में एक मंजिल से दूसरी मंजिल तक जाने के लिए एक्सीलेटर चालू कर दिए गए हैं।
हालांकि, टर्मिनल की दूसरी मंजिल (अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए) का कार्य अभी भी पीछे चल रहा है, जो उड़ान संचालन शुरू होने में देरी का एक प्रमुख कारण है।
श्रमिकों की संख्या बढ़ाने की योजना
फसल कटाई के मौसम के कारण श्रमिकों की संख्या में कमी आई है। वर्तमान में 6,500 श्रमिक कार्यरत हैं, लेकिन YIAPL ने इसे बढ़ाकर 8,000 करने की योजना बनाई है ताकि निर्माण कार्य को गति दी जा सके। यह कदम समयसीमा को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 मार्च को निरीक्षण के दौरान अधूरे WTP और STP पर नाराजगी जताई थी। अब मुख्य सचिव ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि कार्य समय पर पूरा नहीं हुआ, तो वैकल्पिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट : क्षेत्रीय विकास का नया केंद्र
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जिसे जेवर एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र बनने जा रहा है। यह एयरपोर्ट इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) का विकल्प होगा, जो बढ़ते हवाई यातायात के कारण अपनी क्षमता की सीमा पर पहुंच रहा है। पहले चरण में यह एयरपोर्ट 1.2 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता रखेगा, और चार चरणों के पूरा होने पर यह 7 करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा।
एयरपोर्ट यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से आगरा, मथुरा, और वृंदावन जैसे पर्यटन स्थलों से जुड़ेगा। इसके अलावा, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, और प्रस्तावित रैपिड रेल और मेट्रो कनेक्टिविटी इसे यात्रियों के लिए और अधिक सुलभ बनाएंगे।
क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने से यमुना एक्सप्रेसवे और ग्रेटर नोएडा के आसपास के क्षेत्रों में रियल एस्टेट और व्यावसायिक गतिविधियों में तेजी आई है। निम्बस – द पाम विलेज और सिकका मॉल ऑफ एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट्स निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर बन रहे हैं। यह एयरपोर्ट क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।


Uncut Times हिंदी पत्रकारिता के अनुभवी मीडियाकर्मी। पिछले 30 सालों से प्रिंट और डिजिटल के विभिन्न माध्यमों के जरिए पत्रकारिता का लंबा अनुभव। हिंदी मीडिया की लेटेस्ट खबरें और सटीक जानकारियां। आप uncuttimesnews@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।
Discover more from Uncut Times - ब्रेकिंग न्यूज, फैक्ट चेक, विश्लेषण
Subscribe to get the latest posts sent to your email.