Big News : भारत ने दागी सुदर्शन मिसाइलें, लाहौर का एयर डिफेंस सिस्टम तबाह

Big News भारत ने दागी सुदर्शन मिसाइलें, लाहौर का एयर डिफेंस सिस्टम हार्पी ड्रोन से तबाह

नई दिल्ली : भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई करते हुए लाहौर में स्थित एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई, जिसमें भारत ने सुदर्शन मिसाइलों और हार्पी ड्रोन का इस्तेमाल किया। इस ऑपरेशन ने न केवल पाकिस्तान की हवाई रक्षा प्रणाली को निष्क्रिय किया, बल्कि भारत की उन्नत सैन्य तकनीक और रणनीति को भी दुनिया के सामने प्रदर्शित किया।

ऑपरेशन सिंदूर : जवाबी कार्रवाई का हिस्सा

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया। लाहौर का एयर डिफेंस सिस्टम, जिसमें चीन निर्मित HQ-9 सिस्टम शामिल था, इस ऑपरेशन का एक प्रमुख लक्ष्य था। भारतीय सेना ने इस सिस्टम को नष्ट करने के लिए सुदर्शन मिसाइलों और हार्पी ड्रोन का उपयोग किया, जिसने पाकिस्तान की हवाई रक्षा को पूरी तरह बेकार साबित कर दिया।

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सुदर्शन मिसाइल और हार्पी ड्रोन की ताकत

सुदर्शन मिसाइल भारत की स्वदेशी तकनीक का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह मिसाइल अत्यधिक सटीक और तेज है, जो दुश्मन के रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट करने में सक्षम है। दूसरी ओर, हार्पी ड्रोन एक ‘सुसाइड ड्रोन’ है, जो दुश्मन के रडार सिस्टम को खोजकर स्वयं को टकराकर विस्फोट करता है। इस ऑपरेशन में हार्पी ड्रोन ने लाहौर के एयर डिफेंस सिस्टम के रडार और कमांड सेंटर को निशाना बनाया, जिससे पाकिस्तान की हवाई रक्षा प्रणाली पूरी तरह चरमरा गई।

पाकिस्तान का चीनी HQ-9 सिस्टम नाकाम

पाकिस्तान ने अपनी हवाई रक्षा को मजबूत करने के लिए चीन से खरीदे गए HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम पर बहुत भरोसा किया था। हालांकि, भारत की सुदर्शन मिसाइलों और हार्पी ड्रोन के सामने यह सिस्टम पूरी तरह विफल रहा। भारतीय सेना ने अपनी सप्रेशन ऑफ एनिमी एयर डिफेंस (SEAD) रणनीति के तहत इस सिस्टम को नष्ट किया, जिसमें सुखोई-30 MKI फाइटर जेट्स और स्वदेशी रुद्रम-1 मिसाइलों का भी उपयोग किया गया। यह कार्रवाई न केवल पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका थी, बल्कि चीनी हथियारों की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े करती है।

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भारत की S-400 प्रणाली का पहला उपयोग

इस ऑपरेशन में भारत ने पहली बार अपनी S-400 मिसाइल डिफेंस प्रणाली का उपयोग किया। S-400, जिसे ‘सुदर्शन चक्र’ के नाम से भी जाना जाता है, ने पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को नाकाम करते हुए भारतीय सीमाओं की रक्षा की। इस प्रणाली ने पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोनों को हवा में ही नष्ट कर दिया, जिससे भारत की रक्षा क्षमता और मजबूत हुई। लाहौर, गुजरांवाला और सियालकोट में हुए धमाकों और सायरनों की आवाज ने वहां के स्थानीय लोगों में दहशत पैदा कर दी।

रक्षा मंत्रालय का बयान

भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा, “हमारी सेनाओं ने लाहौर के एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह नष्ट कर दिया है। यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हमने केवल आतंकी ठिकानों और उनकी सहायता करने वाली सुविधाओं को निशाना बनाया है।” मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को लक्षित नहीं थी, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक सुनियोजित जवाबी हमला था।

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पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तानी सेना ने इस हमले में बड़े नुकसान की बात स्वीकार की है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने दावा किया कि उन्होंने भारतीय विमानों और ड्रोनों को मार गिराया, लेकिन इस दावे की कोई पुष्टि नहीं हुई। लाहौर के पास मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय को भी निशाना बनाया गया, जो 26/11 मुंबई हमलों से जुड़ा था। इस हमले ने पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीतियों को फिर से उजागर किया।

भारत की रणनीति और भविष्य

इस ऑपरेशन ने भारत की सैन्य रणनीति और तकनीकी श्रेष्ठता को दुनिया के सामने ला दिया। भारतीय सेना के तीनों अंगों—थल सेना, वायु सेना और नौसेना—ने इस कार्रवाई में समन्वय के साथ काम किया। भविष्य में भी भारत आतंकवाद के खिलाफ ऐसी ही कठोर कार्रवाई करने के लिए तैयार है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस हमले ने न केवल पाकिस्तान को चेतावनी दी है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी एक मजबूत संदेश दिया है।

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‘सुदर्शन’ मिसाइल यानी सटीक निशाने की गारंटी

भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित सुदर्शन मिसाइल एक लेजर-गाइडेड बम है, जिसे उच्च-सटीकता वाले हमलों के लिए जाना जाता है। इस मिसाइल को लड़ाकू विमानों से लॉन्च किया गया और इसके ज़रिए दुश्मन के एयर डिफेंस लोकेशन को सफलतापूर्वक नष्ट किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार, इस मिसाइल की मारक क्षमता और दिशा-नियंत्रण प्रणाली बेहद उन्नत है।

हार्पी ड्रोन साइबर-इलेक्ट्रॉनिक हमले में मददगार

इस सैन्य ऑपरेशन में हार्पी ड्रोन की भी अहम भूमिका रही, जो एक ‘लोइटरिंग म्युनिशन’ (Loitering Munition) के तौर पर दुश्मन के रडार सिस्टम को निष्क्रिय करने में सक्षम है। हार्पी ड्रोन ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस नेटवर्क को जाम कर दिया, जिससे भारतीय मिसाइलों को टारगेट पर बिना किसी रुकावट के पहुंचने में मदद मिली।

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