देहरादून : उत्तराखंड के देहरादून में महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में एक दशक से बंद पड़े आइस स्केटिंग रिंक का भव्य लोकार्पण हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और खेल मंत्री रेखा आर्या ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के आइस स्केटिंग रिंक के जीर्णोद्धार कार्यों का उद्घाटन किया। यह आइस रिंक दक्षिण पूर्व एशिया और भारत का एकमात्र आइस रिंक माना जाता है, जिसे 6 करोड़ रुपये की लागत से पुर्नविकास किया गया है।
आइस स्केटिंग रिंक से उत्तराखंड की पहचान बनेगी
महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, रायपुर, देहरादून में स्थित यह आइस रिंक वर्ष 2011 में बनाया गया था, जब यहां साउथ-इस्टर्न एशियन विंटर गेम्स का आयोजन हुआ था। इस प्रतियोगिता में भारत, भूटान, नेपाल, मालदीव और श्रीलंका जैसे देशों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। हालांकि, रखरखाव के अभाव और सरकारी उदासीनता के कारण यह रिंक पिछले 12 वर्षों से बंद पड़ा था। इसके साथ ही, 599 लाख रुपये की लागत से निर्मित इक्वेस्ट्रीअन (घुड़सवारी) मैदान का भी लोकार्पण किया गया, जो इस आयोजन को और भी खास बनाता है।
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आइस स्केटिंग रिंक का महत्व और सुविधाएं
महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में स्थित यह आइस रिंक अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया गया है। यह आइस स्केटिंग, आइस हॉकी, और फिगर स्केटिंग जैसे खेलों के लिए उपयुक्त है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह भारत का ही नहीं, दक्षिण पूर्व एशिया का एकमात्र आइस रिंक है, जो इसे क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर एक अनूठा केंद्र बनाता है।
इस रिंक के जीर्णोद्धार में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है, जिसमें शामिल हैं:
- उन्नत कूलिंग सिस्टम ताकि बर्फ की सतह पूरे वर्ष स्थिर रहे।
- आधुनिक लाइटिंग और साउंड सिस्टम ताकि बड़े आयोजनों को बेहतर ढंग से संचालित किया जा सके।
- खिलाड़ियों के लिए बेहतर ड्रेसिंग रूम और प्रशिक्षण सुविधाएं।
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महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज का इतिहास
महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, जिसकी स्थापना 16 जुलाई 1993 को हुई थी, उत्तराखंड सरकार द्वारा संचालित एक आवासीय विद्यालय है। यह कॉलेज कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को निःशुल्क खेल प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करता है। यहां एथलेटिक्स, फुटबॉल, वॉलीबॉल, बॉक्सिंग, क्रिकेट और हॉकी जैसे खेलों में प्रशिक्षण दिया जाता है। कॉलेज का उद्देश्य खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान देना है, जिसमें उनकी शिक्षा, व्यक्तित्व और नैतिक मूल्यों का विकास शामिल है। यह कॉलेज राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीतकर उत्तराखंड का नाम रोशन कर चुका है।
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सीएम ने क्या कहा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस रिंक को पुनर्जनन करने का संकल्प लिया, और लगभग 6 करोड़ रुपये की लागत से इसका जीर्णोद्धार पूरा किया गया। लोकार्पण समारोह के दौरान सीएम धामी ने इसे उत्तराखंड और भारत के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि करार दिया। उन्होंने कहा, “यह आइस स्केटिंग रिंक न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हमारी सरकार ने इसे पुनर्जनन कर खेल के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू किया है।” लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा की कि इस आइस रिंक में जल्द ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की आइस स्केटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा, “वर्ष 2011 में इस रिंक ने साउथ-इस्टर्न एशियन विंटर गेम्स की मेजबानी की थी। अब हम इसे फिर से सक्रिय कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आइस स्केटिंग, आइस हॉकी और अन्य खेलों के लिए एक प्रमुख केंद्र बनाएंगे।”
अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की योजना
खेल मंत्री रेखा आर्या ने इस अवसर को “खेल इतिहास में एक आइस-ब्रेकिंग मूवमेंट” करार दिया। उन्होंने कहा, “आइस रिंक का जीर्णोद्धार उत्तराखंड की खेल विरासत को और समृद्ध करता है। आइस स्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने पहले ही इस रिंक में प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए प्रस्ताव भेजा है।” समारोह के दौरान एक प्रदर्शनी आइस हॉकी मैच भी आयोजित किया गया, जिसने दर्शकों का उत्साह बढ़ाया।
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उत्तराखंड को ‘खेल भूमि’ बनाने का संकल्प
सीएम धामी ने इस अवसर पर उत्तराखंड को ‘खेल भूमि’ के रूप में स्थापित करने के अपने मिशन को दोहराया। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस आइस रिंक का पुनर्जनन और घुड़सवारी मैदान का निर्माण इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। यह रिंक युवा खिलाड़ियों को अपने कौशल को निखारने और वैश्विक मंच पर चमकने का अवसर देगा।” उन्होंने यह भी बताया कि 38वें राष्ट्रीय खेल, जो उत्तराखंड में पहली बार आयोजित हो रहे हैं, इस रिंक और अन्य खेल सुविधाओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का एक बड़ा अवसर होंगे। 28 जनवरी से 14 फरवरी 2025 तक देहरादून, हरिद्वार, पिथौरागढ़, हल्द्वानी और टिहरी जैसे शहरों में ये खेल आयोजित होंगे।
सोशल मीडिया पर उत्साह और प्रतिक्रियाएं
आइस रिंक के लोकार्पण के बाद सोशल मीडिया, विशेष रूप से एक्स, पर लोगों ने इस पहल की जमकर सराहना की है। एक यूजर ने लिखा, “महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में आइस रिंक का फिर से शुरू होना उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है। सीएम धामी और उनकी टीम को बधाई!” खेल मंत्री रेखा आर्या ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “यह उत्तराखंड के खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। दक्षिण पूर्व एशिया का एकमात्र आइस रिंक फिर से शुरू हो गया है।”
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आइस स्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने रुचि दिखाई
इस आइस रिंक के पुनर्जनन से उत्तराखंड में आइस स्केटिंग और आइस हॉकी जैसे खेलों को बढ़ावा मिलेगा। आइस स्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने पहले ही इस रिंक में प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए अपनी रुचि दिखाई है। यह रिंक न केवल स्थानीय खिलाड़ियों को प्रशिक्षण का अवसर देगा, बल्कि 38वें राष्ट्रीय खेलों और अन्य अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए भी एक प्रमुख केंद्र बनेगा। इसके अलावा, यह रिंक देहरादून को खेल पर्यटन के नक्शे पर लाने में मदद करेगा। पर्यटक और खेल प्रेमी इस रिंक को देखने और यहां आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए आकर्षित होंगे।


मनीषा हिंदी पत्रकारिेता में 20 वर्षों का गहन अनुभव रखती हैं। हिंदी पत्रकारिेता के विभिन्न संस्थानों के लिए काम करने का अनुभव। खेल, इंटरटेनमेंट और सेलीब्रिटी न्यूज पर गहरी पकड़। Uncut Times के साथ सफर आगे बढ़ा रही हैं। इनसे manisha.media@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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