नैनीताल : उत्तराखंड के नैनीताल में 12 साल की नाबालिग बालिका से दुष्कर्म की घटना ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है। इस जघन्य अपराध के बाद स्थानीय लोगों और हिंदूवादी संगठनों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है। मंगलवार को भी नैनीताल में हिंदूवादी संगठनों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया, जुलूस निकाला और जमकर नारेबाजी की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच धक्कामुक्की भी हुई।
हिंदूवादी संगठनों का प्रदर्शन और जूलूस
मंगलवार को नैनीताल में हिंदूवादी संगठनों ने इस दुष्कर्म मामले के विरोध में बड़े पैमाने पर जुलूस निकाला। प्रदर्शनकारियों ने शहर के मुख्य बाजारों में मार्च किया और आरोपी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। इस दौरान नारेबाजी भी की गई, जिसमें लोग पीड़िता को न्याय दिलाने और अपराधियों को सजा देने के नारे लगा रहे थे। प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने शहर की कई दुकानों को बंद कराने की कोशिश की, जिससे पर्यटकों को भी असुविधा का सामना करना पड़ा। कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों और दुकानदारों के बीच तीखी नोकझोंक की खबरें भी सामने आईं।
पुलिस से धक्कामुक्की और तनाव
जुलूस के दौरान स्थिति तब और बिगड़ गई, जब प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच धक्कामुक्की की घटनाएं हुईं। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों की भारी संख्या और उनके आक्रोश के कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया और कोर्ट परिसर के आसपास भी हंगामा किया।
पुलिस ने क्षेत्र में भारी बल तैनात किया है ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे। नैनीताल के एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने मीडिया को बताया, “हम स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, और मामले की जांच तेजी से चल रही है। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की जाती है।”
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हिंदूवादी संगठनों और स्थानीय लोगों की मांग
- आरोपी को मृत्युदंड: प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि आरोपी को फांसी की सजा दी जाए ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सके।
- तेजी से जांच और सुनवाई: लोग चाहते हैं कि मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक कोर्ट में हो।
- सुरक्षा बढ़ाने की मांग: नैनीताल जैसे पर्यटन स्थल पर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए और कड़े कदम उठाए जाएं।
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नैनीताल में तनाव और पर्यटकों पर असर
नैनीताल, जो उत्तराखंड का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, इस घटना के बाद तनाव के माहौल में है। प्रदर्शनों और बाजार बंद होने के कारण कई पर्यटक होटलों में ही रहने को मजबूर हो गए। कुछ पर्यटकों ने सोशल मीडिया पर अपनी चिंता जाहिर की और शहर में शांति बहाल करने की मांग की। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं नैनीताल की छवि को नुकसान पहुंचा सकती हैं। एक स्थानीय होटल व्यवसायी ने कहा, “नैनीताल हमेशा से एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण जगह रही है। इस घटना ने हमें झकझोर दिया है, लेकिन हमें एकजुट होकर शांति बनाए रखनी होगी।”
नैनीताल दुष्कर्म मामला: क्या है पूरा घटनाक्रम?
नैनीताल में हाल ही में एक 12 साल की नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई। आरोपी, 76 वर्षीय मोहम्मद उस्मान, एक स्थानीय ठेकेदार बताया जा रहा है। यह घटना सामने आने के बाद शहर में तनाव का माहौल बन गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, और उसे हल्द्वानी कोर्ट में पेश किया गया। हालांकि, स्थानीय लोगों और संगठनों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
- आरोपी गिरफ्तार: 76 वर्षीय मोहम्मद उस्मान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
- कोर्ट में पेशी: आरोपी को हल्द्वानी कोर्ट में पेश किया गया, जहां वकीलों और पुलिस के बीच भी तनाव देखा गया।
- प्रदर्शन और जूलूस: हिंदूवादी संगठन और स्थानीय लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
- पुलिस की कार्रवाई: पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए भारी बल तैनात किया है और जांच तेज कर दी है।
- सामाजिक संगठनों की सक्रियता: महिला संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता पीड़िता के समर्थन में सामने आए हैं।
पिछले कुछ दिनों से नैनीताल में इस घटना के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। लोग आरोपी के खिलाफ कठोर सजा, विशेष रूप से मृत्युदंड, की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी यह मामला चर्चा का केंद्र बना हुआ है, जहां लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।
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सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद सोशल मीडिया, विशेष रूप से एक्स, पर लोगों का गुस्सा साफ देखा जा सकता है। कई यूजर्स ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की है। एक यूजर ने लिखा, “नैनीताल में 12 साल की बच्ची से दुष्कर्म का मामला बेहद शर्मनाक है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।”
वहीं, कुछ लोगों ने इस घटना का इस्तेमाल सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश की, जिसके खिलाफ नैनीताल के कुछ सामाजिक कार्यकर्ता और प्रोफेसर सड़कों पर उतरे। उन्होंने भारी बारिश के बीच प्रदर्शन कर शांति और एकता की अपील की।
सरकार और पुलिस का रुख
उत्तराखंड सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीड़िता को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, “इस तरह के जघन्य अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। हम पीड़िता और उनके परिवार के साथ हैं।” पुलिस ने मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया है और जांच को तेज कर दिया है। इसके अलावा, शहर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।


शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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