देहरादून : उत्तराखंड की प्रतिष्ठित चार धाम यात्रा 2025 का शनिवार को भव्य शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजधानी देहरादून से यात्रा की औपचारिक शुरुआत करते हुए तीर्थयात्रियों की बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना के बाद ट्रांजिट कैंप में आयोजित कार्यक्रम में यात्रियों का स्वागत गढ़ भोज के साथ किया गया।
यात्रियों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि चार धाम यात्रा के सफल आयोजन के लिए राज्य सरकार ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि,“श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।” उन्होंने बताया कि यात्रा मार्गों पर आवश्यक सुरक्षा, स्वास्थ्य, सफाई और आपदा प्रबंधन की सुविधाओं को मजबूत किया गया है। इसके साथ ही ट्रैफिक कंट्रोल, मौसम अलर्ट और आपातकालीन सेवाएं भी पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं।
पीएम की अपील – स्थानीय उत्पादों को दें प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अनुरोध किया है कि वे यात्रा पर आने के दौरान अपने कुल बजट का 5 प्रतिशत राज्य के स्थानीय उत्पादों की खरीद में व्यय करें। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और उत्तराखंड के हस्तशिल्प, जैविक उत्पाद, पारंपरिक वस्त्र और स्थानीय खानपान को बढ़ावा मिलेगा।
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बद्रीनाथ धाम के कपाट कल खुलेंगे
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि बद्रीनाथ धाम के कपाट कल, 4 मई 2025 को खुलेंगे, और इसके लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने यात्रा मार्गों पर बेहतर सड़कें, स्वच्छता, और अन्य सुविधाएं सुनिश्चित की हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। इसमें स्वास्थ्य सुविधाएं, आपातकालीन सेवाएं, और पुलिस बल की तैनाती शामिल है। इसके अलावा, यात्रा मार्गों पर पेयजल, शौचालय, और विश्राम स्थलों की व्यवस्था भी की गई है।
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गढ़ भोज में झलकी उत्तराखंड की संस्कृति
उद्घाटन समारोह के दौरान ट्रांजिट कैंप में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में तीर्थयात्रियों ने गढ़ भोज का स्वाद चखा। गढ़ भोज उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों का एक अनूठा संग्रह है, जिसमें काले भट्ट की दाल, झंगोरा की खीर, और मंडुआ की रोटी जैसे व्यंजन शामिल हैं। यह आयोजन तीर्थयात्रियों को उत्तराखंड की समृद्ध खाद्य संस्कृति से परिचित कराने का एक शानदार अवसर था।
चार धाम यात्रा 2025 : तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाएं
चार धाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने कई कदम उठाए हैं:
- ऑनलाइन पंजीकरण: तीर्थयात्रियों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है, जिससे यात्रा की योजना बनाना आसान हो गया है।
- हेल्थ चेकअप कैंप: यात्रा मार्गों पर मेडिकल कैंप स्थापित किए गए हैं, जहां तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य जांच की जाती है।
- यात्रा मार्गों का रखरखाव: सड़कों की मरम्मत और सुरक्षा उपायों को मजबूत किया गया है।
- पर्यावरण संरक्षण: यात्रा के दौरान स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।
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चार धाम यात्रा: आस्था, रोजगार और अर्थव्यवस्था का संगम
चार धाम यात्रा न केवल एक आध्यात्मिक यात्रा है, बल्कि यह उत्तराखंड की आर्थिक रीढ़ भी है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आते हैं, जिससे स्थानीय व्यापार, परिवहन, होटल उद्योग, हस्तशिल्प और पर्यटन से जुड़े हजारों लोगों को रोज़गार मिलता है। चार धाम यात्रा उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह यात्रा स्थानीय व्यापारियों, होटल व्यवसायियों, और परिवहन सेवाओं को बढ़ावा देती है। इसके अलावा, यह पर्यटन उद्योग को मजबूती प्रदान करती है, जिससे हजारों लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं।
चार धाम यात्रा का महत्व
चार धाम यात्रा, जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ धाम शामिल हैं, हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है। हर साल लाखों श्रद्धालु इन पवित्र स्थानों के दर्शन के लिए उत्तराखंड पहुंचते हैं। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है, बल्कि पर्यटकों को उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करने का अवसर भी देती है।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा, “चार धाम यात्रा उत्तराखंड की पहचान है। यह यात्रा हमारे राज्य की संस्कृति, परंपराओं और आतिथ्य को दुनिया के सामने प्रस्तुत करती है। हम सभी तीर्थयात्रियों का स्वागत करते हैं और उनकी सुविधा व सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।”


शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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