सनस्क्रीन ने धूप से बचाया लेकिन हड्डी टूटी: विटामिन D की कमी का चौंकाने वाला मामला

सनस्क्रीन और विटामिन D की कमी: एक महिला की हड्डी करवट लेते ही क्यों टूट गई?

नई दिल्ली (सुभाष भट्ट) : सनस्क्रीन का बेतहाशा इस्तेमाल और धूप से परहेज कितना नुकसानदायक हो सकता है, इसका एक चौंकाने वाला उदाहरण एक महिला के मामले में देखने को मिला। 48 वर्षीय इस महिला की हड्डी सोते समय करवट लेते ही टूट गई। जांच में सामने आया कि यह महिला धूप से बचने के लिए हमेशा हाई SPF सनस्क्रीन और पूरे कपड़े पहनकर बाहर निकलती थी। उसके शरीर में विटामिन D की गंभीर कमी थी, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियां कमजोर) हो गया था। इस घटना ने सनस्क्रीन के अत्यधिक उपयोग और विटामिन D की कमी के बीच संबंध पर सवाल उठाए हैं।

मामला क्या है?

चीन की एक 48 वर्षीय महिला की हड्डी सोते समय करवट लेते ही टूट गई। जांच में पता चला कि इसका मुख्य कारण विटामिन D की कमी थी, जिसके परिणामस्वरूप उनकी हड्डियाँ इतनी कमजोर हो गई थीं कि मामूली दबाव से भी टूट गईं। इस महिला की दिनचर्या में धूप से बचने की आदत शामिल थी। वह हमेशा हाई SPF सनस्क्रीन लगाती थी और पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनती थी, जिसके कारण उनके शरीर को पर्याप्त धूप नहीं मिल पाई। यह घटना उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो सनस्क्रीन का अत्यधिक उपयोग करते हैं और विटामिन D युक्त आहार पर ध्यान नहीं देते।

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सनस्क्रीन और विटामिन D: क्या है संबंध?

डॉ. अनुराग अग्रवाल, (हेड, ऑर्थोपेडिक्स, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, फरीदाबाद) के अनुसार, विटामिन D शरीर में मुख्य रूप से सूरज की UVB किरणों से बनता है। सनस्क्रीन UVB किरणों को ब्लॉक कर देता है, जिससे शरीर खुद विटामिन D नहीं बना पाता। यानी, हर रोज सनस्क्रीन लगाने और धूप से पूरी तरह बचने वाले व्यक्ति में विटामिन D की गंभीर कमी हो सकती है – अगर वह इसे भोजन या सप्लीमेंट से नहीं लेता।

SPF लेवलUVB किरणों की ब्लॉकिंग
SPF 15~93%
SPF 30~97%
SPF 50~98%
  1. ऑस्टियोपोरोसिस: हड्डियाँ कमजोर और भंगुर हो जाती हैं, जिससे मामूली चोट या दबाव से भी फ्रैक्चर हो सकता है, जैसा कि उक्त महिला के साथ हुआ।
  2. कैल्शियम का अवशोषण न होना: विटामिन D के बिना शरीर कैल्शियम को प्रभावी ढंग से अवशोषित नहीं कर पाता, जिसके कारण हड्डियाँ और कमजोर हो जाती हैं।
  3. कमजोर इम्यूनिटी: विटामिन D इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से बार-बार बीमार होने का खतरा बढ़ता है।
  4. मांसपेशियों में कमजोरी: इससे दैनिक गतिविधियों में कठिनाई और चोट का जोखिम बढ़ता है।
  5. मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: विटामिन D की कमी डिप्रेशन और अन्य मानसिक समस्याओं से भी जुड़ी हुई है।

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विटामिन D की कमी कैसे दूर करें?

1. रोज़ाना 15-20 मिनट धूप में समय बिताएं

  • सुबह की धूप सर्वोत्तम: सुबह 7 से 10 बजे के बीच की धूप में UVB किरणें सबसे प्रभावी होती हैं।
  • बिना सनस्क्रीन या कम SPF: चेहरे पर कम SPF सनस्क्रीन का उपयोग करें, लेकिन हाथ, पैर और पीठ को धूप के संपर्क में आने दें।
  • पतले कपड़े: हल्के और पतले कपड़े पहनें ताकि त्वचा धूप को अवशोषित कर सके।
  • भारतीय त्वचा के लिए: मध्यम त्वचा टोन वाले लोगों के लिए 15-20 मिनट की धूप पर्याप्त है। गहरे रंग की त्वचा वालों को थोड़ा अधिक समय चाहिए हो सकता है।

2. विटामिन D युक्त आहार

विटामिन D से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें:

  • दूध और डेयरी उत्पाद: दूध, दही, पनीर।
  • मछली: सैल्मन, मैकेरल, टूना जैसी फैटी मछलियाँ।
  • अंडे की जर्दी: प्राकृतिक रूप से विटामिन D का अच्छा स्रोत।
  • मशरूम: विशेष रूप से वे मशरूम जो धूप में उगाए गए हों।
  • रागी: भारतीय आहार में शामिल एक पौष्टिक अनाज।
  • फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ: फोर्टिफाइड दूध, ऑरेंज जूस, और अनाज।

3. सप्लीमेंट्स

  • यदि धूप और आहार से पर्याप्त विटामिन D नहीं मिल रहा, तो डॉक्टर की सलाह से विटामिन D सप्लीमेंट्स लिए जा सकते हैं।
  • सामान्य तौर पर, वयस्कों के लिए 600-800 IU (15-20 माइक्रोग्राम) प्रतिदिन की आवश्यकता होती है, लेकिन कमी होने पर डॉक्टर उच्च खुराक सुझा सकते हैं।
  • बिना चिकित्सीय सलाह के सप्लीमेंट्स लेने से बचें, क्योंकि अधिक मात्रा में विटामिन D विषाक्त (टॉक्सिक) हो सकता है।

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सनस्क्रीन का संतुलित उपयोग

सनस्क्रीन त्वचा को सूरज की हानिकारक UVA और UVB किरणों से बचाने के लिए जरूरी है, खासकर त्वचा कैंसर और समय से पहले बूढ़ा होने (एजिंग) से बचाव के लिए। हालांकि, इसका अत्यधिक उपयोग विटामिन D की कमी का कारण बन सकता है। संतुलित उपयोग के लिए निम्नलिखित सुझाव अपनाएँ:

  • कम SPF का उपयोग: रोजमर्रा के लिए SPF 15 या SPF 30 पर्याप्त है। हाई SPF (50+) का उपयोग केवल लंबे समय तक धूप में रहने के लिए करें।
  • धूप का समय चुनें: सुबह की हल्की धूप में बिना सनस्क्रीन के थोड़ा समय बिताएँ, लेकिन दोपहर की तेज धूप में सनस्क्रीन जरूर लगाएँ।
  • त्वचा का प्रकार: अपनी त्वचा के प्रकार के अनुसार सनस्क्रीन चुनें। संवेदनशील त्वचा वालों को नॉन-कॉमेडोजेनिक सनस्क्रीन चुनना चाहिए।

ये सावधानियां जरूरी

  • अधिक धूप से बचें: लंबे समय तक धूप में रहने से त्वचा को नुकसान (सनबर्न, त्वचा कैंसर) हो सकता है। 20 मिनट से ज्यादा धूप में न रहें।
  • डॉक्टर की सलाह: विटामिन D की कमी का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट (25-hydroxy vitamin D) करवाएँ और डॉक्टर की सलाह से उपचार शुरू करें।
  • आयु और स्वास्थ्य स्थिति: बच्चों, गर्भवती महिलाओं, और बुजुर्गों को विटामिन D की विशेष आवश्यकता होती है। उनकी जरूरतों के अनुसार उपाय अपनाएँ।

डिस्क्लेमर : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। कृपया किसी भी उपचार या आहार परिवर्तन से पहले किसी योग्य चिकित्सक या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करें।

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