क्या है पूरी घटना?
दादरपुर गांव में भागवत कथा के लिए पहुंचे कथावाचक मुकुट मणि के साथ कुछ लोगों ने न केवल बदसलूकी की, बल्कि उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाने की सारी हदें पार कर दीं। वायरल वीडियो के अनुसार, कुछ लोगों ने कथावाचक के सिर के बाल और चोटी काट दी। इतना ही नहीं, उनके हारमोनियम और अन्य वाद्ययंत्रों को भी तोड़ दिया गया। वीडियो में यह भी देखा गया कि कुछ लोग कथावाचक पर दबाव बनाते हुए एक महिला के पैर छूने के लिए मजबूर कर रहे थे। यह घटना उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के बकेवर इलाके में स्थित दादरपुर गांव की बताई जा रही है। आरोप है कि उनके सहयोगियों के साथ भी बदसलूकी की गई।
In UP’s Etawah, a video of people tonsuring a “Kathavachak” (narrator of holy text) at a religious event has surfaced. It is being alleged, the Kathavachak identified as Mukut Mani Yadav and his aides were subjected to inhumane treatment and humiliation by locals purportedly from… pic.twitter.com/Ey4o8rY7T7
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) June 23, 2025
क्यों हुई यह घटना?
सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट्स के अनुसार, इस घटना के पीछे जातिगत भेदभाव का मामला सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि कथावाचक मुकुट मणि यादव के यादव समुदाय से होने के कारण कुछ लोगों ने उनकी जाति को लेकर आपत्ति जताई। जब उन्हें पता चला कि कथावाचक यादव समुदाय से हैं, तो उन्होंने इस तरह का अमानवीय व्यवहार किया। एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में पांच लोगों को नामजद किया गया है, जिनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम आशीष तिवारी, उत्तम अवस्थी, प्रथम दुबे उर्फ मनु दुबे, सयश कुमार दुबे, और निक्की अवस्थी हैं।
सांसद, विधायक ने उठाई आवाज
घटना के वायरल होने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जितेंद्र दोहरे और विधायक राघवेंद्र गौतम ने पीड़ित कथावाचक के साथ मिलकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से मुलाकात की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के अध्यक्ष डॉ. शिवराज सिंह यादव ने भी एसएसपी को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले में पांच लोग नामजद हैं, जिनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम आशीष तिवारी, उत्तम अवस्थी, प्रथम दुबे उर्फ मनु दुबे, सयश कुमार दुबे, और निक्की अवस्थी हैं। -बृजेश कुमार श्रीवास्तव, एसएसपी
Held captive, tortured, head tonsured & sprinkled with “Brahmin” urine to purify: Sant Singh Yadav, a Kathavachak narrated his ordeal of being humiliated, abused and assaulted at a religious event in Etawah district of UP. pic.twitter.com/UI6D7EVJwW
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) June 23, 2025
सामाजिक समरसता पर दाग
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर लोगों में गुस्सा और निराशा देखने को मिल रही है। कई यूजर्स ने इसे सामाजिक समरसता के खिलाफ एक बड़ा अपराध बताया है। कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि क्या अब धार्मिक मंचों पर भी जाति के आधार पर भेदभाव किया जाएगा? वहीं, कुछ ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है। इटावा उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जिला है। यह यमुना और चंबल नदियों के संगम के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, यह जिला 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का भी महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। ऐसे में, इस तरह की घटना इस क्षेत्र की सामाजिक एकता और धार्मिक सहिष्णुता पर दाग लगाने वाली है।
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