नैनीताल : कैंची धाम में मेले की तैयारियां पूरी हो गई हैं। 15 जून को बाबा नीम करौली महाराज के दिव्य धाम का 61वां स्थापना वर्ष होगा। इस अवसर पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। बाबा को कल रविवार सुबह पांच बजे की आारती के साथ मालपुआ का भोग लगेगा और इसके बाद भक्तों को प्रसाद बंटना शुरू हो जाएगा। प्रसाद वितरण सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक चलेगा।
मथुरा के कारीगर बनाएंगे मालपुए
हर वर्ष की तरह इस बार भी 15 जून को कैंची धाम का स्थापना दिवस पूरे भव्यता और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। लेकिन इस आयोजन की सबसे अनूठी बात है – मालपुआ प्रसाद, जो सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि बाबा नीम करौली महाराज की कृपा, आस्था, और चमत्कार का प्रतीक माना जाता है। मंदिर समिति के अनुसार, इस वर्ष भी करीब 5 लाख मालपुए बनाए जाएंगे, जिन्हें देशी घी, आटा, मेवा और चीनी से तैयार किया जाएगा। मथुरा के 50 अनुभवी रसोइयों की टीम इसे बनाएगी। प्रसाद वितरण सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक चलेगा। अखंड हनुमान चालीसा पाठ 15 जून तक प्रतिदिन सुबह-शाम होगा।
यह भी पढ़ें : कैंची धाम में नए नियम लागू, ये किया तो एंट्री बैन
क्यों बाबा को चढ़ता है सिर्फ मालपुआ?
कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल जनपद में स्थित एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक केंद्र है, जिसकी स्थापना बाबा नीम करौली महाराज ने 1964 में की थी। बाबा के भक्तों में एप्पल के पूर्व सीईओ स्टीव जॉब्स, फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग और हॉलिवुड हस्तियां भी शामिल हैं। हर साल 15 जून को बाबा का स्थापना दिवस एक भव्य मेले और विशाल भंडारे के रूप में मनाया जाता है। भक्तों की मान्यता है कि बाबा नीम करौली महाराज को मालपुआ अत्यंत प्रिय था। कैंची धाम ट्रस्ट से जुड़े एमपी सिंह बताते हैं कि बाबा ने स्वयं इसे प्रसाद के रूप में निर्धारित किया था। तभी से हर वर्ष 15 जून को लाखों मालपुए बनाकर भक्तों में वितरित किए जाते हैं।
यह भी पढ़ें : कैंची धाम के लिए दो लेन की नई सड़क बनेगी
मालपुआ बनाने की विशेष विधि और नियम
कैंची धाम में प्रसाद बनाने के लिए विशेष धार्मिक अनुशासन का पालन किया जाता है। केवल वे ही श्रद्धालु मालपुआ बना सकते हैं जो व्रतधारी हों और धोती-कुर्ता पहनकर लगातार हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हों। मालपुआ तैयार करने के लिए शुद्ध देशी घी, सौंफ, काली मिर्च, गुड़ और आटा का प्रयोग होता है। यह प्रक्रिया एक आध्यात्मिक साधना का हिस्सा मानी जाती है, न कि केवल रसोई कार्य।
भंडारे का आयोजन और अखंड पाठ
इस शुभ अवसर पर अखंड हनुमान चालीसा पाठ सुबह-शाम नियमित रूप से किया जा रहा है, जो 15 जून तक जारी रहेगा। मालपुआ और आलू की सब्जी का भंडारा हजारों श्रद्धालुओं को वितरित किया जाएगा। बाबा के भक्त देश-विदेश से इस प्रसाद को ग्रहण करने पहुंचते हैं, और जो नहीं आ पाते, वे इसे डाक या मित्रों के माध्यम से मंगवाते हैं। कैंची धाम का मालपुआ केवल मिठाई नहीं, बल्कि एक जीवंत परंपरा, आध्यात्मिक अनुभव और श्रद्धा का प्रतीक बन चुका है। यह प्रसाद न केवल बाबा के चमत्कारों की गवाही देता है, बल्कि श्रद्धालुओं के जीवन में उम्मीद, शक्ति और आशीर्वाद का संदेश भी देता है।
यह भी पढ़ें : नैनीताल, भवाली और कैंचीधाम रोपवे से जुड़ेंगे, जाम से मिलेगी राहत
आस्था के आगे कोई तर्क नहीं
यह केवल एक मीठा व्यंजन नहीं, बल्कि कई भक्त इसे चमत्कारी प्रसाद मानते हैं। कई श्रद्धालु मानते हैं कि जब यह प्रसाद श्रद्धा से किसी रोगी को दिया जाता है, तो उसे चमत्कारिक राहत मिलती है। देशी घी में बना यह प्रसाद जल्दी खराब नहीं होता। भक्तों के अनुसार यह प्रसाद शारीरिक ऊर्जा और मानसिक शांति का स्रोत है। कहा जाता है कि स्थापना दिवस के दौरान एक वर्ष ऐसा भी आया जब मालपुआ बनाने के लिए घी कम पड़ गया। भक्तों ने बाबा से पूछा तो उन्होंने कहा, “नदी से एक बाल्टी पानी लाओ और कढ़ाई में डाल दो।” जैसे ही वह पानी कढ़ाई में डाला गया, वह घी में परिवर्तित हो गया। तभी से मालपुए को प्रसाद में देने की परंपरा शुरू हुई।
यह भी पढ़ें : कैंची धाम बाईपास को केंद्र सरकार की मंजूरी
भक्तों के लिए सलाह
प्रसाद का सम्मान करें: मालपुआ को श्रद्धा के साथ ग्रहण करें और इसे घर ले जाकर सुरक्षित रखें।
नियमों का पालन करें: मंदिर में फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, धूम्रपान, और प्लास्टिक पर प्रतिबंध है।
यात्रा की योजना बनाएं: भीड़ से बचने के लिए शटल सेवा का उपयोग करें और समय से पहले पहुंचें।
आस्था बनाए रखें: मालपुआ को केवल प्रसाद नहीं, बल्कि बाबा का आशीर्वाद मानकर ग्रहण करें।
उत्तराखंड की लेटेस्ट अपडेट न्यूज के लिए जुड़े रहें Uncuttimes.com से!


शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
Discover more from Uncut Times - ब्रेकिंग न्यूज, फैक्ट चेक, विश्लेषण
Subscribe to get the latest posts sent to your email.