देहरादून/नई दिल्ली : उत्तराखंड के प्रसिद्ध कैंची धाम से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। 19 किलोमीटर लंबे कैंची धाम बाईपास मोटर मार्ग को केंद्र सरकार से सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। यह निर्णय क्षेत्रीय सशक्त समिति (REC) की बैठक में लिया गया। इस बाईपास के निर्माण से भवाली-कैंची धाम क्षेत्र में बढ़ते यातायात दबाव से निपटने में मदद मिलेगी, जिससे लाखों श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों को जाम की समस्या से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। इस बाईपास मार्ग के बनने से न केवल कैंची धाम की पहुंच आसान होगी, बल्कि यह उत्तराखंड के अन्य पर्यटक स्थलों, जैसे नैनीताल, भवाली और अल्मोड़ा की कनेक्टिविटी को भी बढ़ाएगा।
12.15 करोड़ की धनराशि जारी
करीब 19 किलोमीटर लंबा यह बाईपास मार्ग भवाली से कैंची धाम तक यातायात को सुगम बनाएगा। इस मार्ग में शिप्रा नदी पर एक पुल का निर्माण भी प्रस्तावित है, जो क्षेत्र की कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा। परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जा रहा है। इस बाईपास के पहले चरण में 8 किलोमीटर खंड के चौड़ीकरण और डामरीकरण का कार्य पहले ही आरंभ हो चुका है। इसके लिए ₹12.15 करोड़ की धनराशि लोक निर्माण विभाग (PWD) को पहले ही उपलब्ध कराई जा चुकी है। वर्तमान में इस खंड का कार्य प्रगति पर है और निर्धारित समय में पूर्ण होने की संभावना है।
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वन भूमि पर प्रस्तावित मार्ग भी स्वीकृत
मार्ग का शेष 11 किलोमीटर हिस्सा वन भूमि से होकर गुजरता है, जिसके लिए केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को वन भूमि हस्तांतरण का प्रस्ताव भेजा गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्री से भेंट कर प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने का अनुरोध किया था। इन प्रयासों का ही परिणाम है कि REC की बैठक में इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई, जिससे अब शेष मार्ग के निर्माण कार्य को भी शीघ्र प्रारंभ किया जा सकेगा।
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
कैंची धाम में हर वर्ष हजारों देशी-विदेशी श्रद्धालु और पर्यटक बाबा नीम करौली महाराज के दर्शन हेतु आते हैं। खासकर गर्मियों और त्योहारी सीजन में, भवाली-कैंची धाम मार्ग पर यातायात का दबाव बढ़ जाता है, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। यह न केवल श्रद्धालुओं के लिए असुविधा का कारण बनता है, बल्कि स्थानीय निवासियों के दैनिक आवागमन को भी प्रभावित करता है। प्रस्तावित बाईपास मार्ग इस समस्या का स्थायी समाधान प्रदान करेगा। यह मार्ग न केवल यातायात को सुचारू करेगा, बल्कि पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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मुख्यमंत्री धामी ने जताई प्रसन्नता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मंजूरी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “कैंची धाम में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु आते हैं। यह बाईपास मार्ग न केवल यातायात जाम से राहत दिलाएगा, बल्कि पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को भी बेहतर आवागमन सुविधा प्रदान करेगा। हमारी सरकार उत्तराखंड के तीर्थस्थलों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।” उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और REC के अधिकारियों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस प्रस्ताव को मंजूरी देकर परियोजना को आगे बढ़ाने में सहयोग किया।
अगले पर्यटक सीजन तक शुरू होने की उम्मीद
केंद्र सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी के बाद, अब वन भूमि हस्तांतरण की औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। इसके बाद शेष 11 किलोमीटर मार्ग का निर्माण कार्य शुरू होगा। लोक निर्माण विभाग ने परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की योजना बनाई है, ताकि अगले पर्यटक सीजन से पहले मार्ग का उपयोग शुरू हो सके। इस मंजूरी की खबर से कैंची धाम के आसपास के निवासी और श्रद्धालु उत्साहित हैं। स्थानीय व्यापारी रमेश जोशी ने कहा, “यह बाईपास मार्ग हमारे लिए बहुत बड़ी राहत लेकर आएगा। जाम की वजह से पर्यटकों को परेशानी होती थी, और हमारा व्यवसाय भी प्रभावित होता था। अब यह मार्ग क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा।” सोशल मीडिया पर भी इस खबर को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।


पंकज जोशी हिंदी पत्रकारिता का जाना पहचाना नाम हैं। बिजनेस, ऑटो, टेक और आर्थिक मामलों के जानकार है। लगभग 25 वर्षों से विभिन्न संस्थानों में सेवाएं दे चुके हें। विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें प्रकाशित। कई मीडिया शो और इंटरव्यू के जरिए दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुके हैं। UNCUT TIMES के वरिष्ठ सहयोगी के रूप में टीम का मार्गदर्शन कर रहे हैं। इनसे pankajjoshi@uncuttimes.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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