अल्मोड़ा। रैमजे इंटर कॉलेज अल्मोड़ा में बच्चों के सर्वांगीण विकास और विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने के उद्देश्य से 23 जून से पांच दिवसीय बाल विज्ञान मेला और समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है। अल्मोड़ा से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी, बाल साहित्य संस्थान एवं भारत ज्ञान विज्ञान समिति अल्मोड़ा के संयुक्त तत्वावधान में यह अनूठी पहल हो रही है। कार्यक्रम के पहले दिन इस आयोजन में बच्चों ने विज्ञान के दैनिक जीवन से जुड़े प्रयोगों को जाना, कविताएं लिखीं, चित्र बनाए, सामान्य ज्ञान की प्रतियोगिताएं जीतीं और पारंपरिक खेलों में जमकर मस्ती की।
विज्ञान अब किचन तक
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए शिक्षाविद् डॉ. विजय ढौढियाल ने बच्चों को बताया कि विज्ञान केवल लैब में होने वाला विषय नहीं है, बल्कि हम रोज़ अपने किचन में ही कई वैज्ञानिक प्रयोग करते हैं जैसे – दूध से दही बनाना, रायता तैयार करना, सब्जियों को संरक्षित करना आदि। उन्होंने कहा कि बच्चों को विज्ञान से डरने के बजाय उसे अपने रोज़मर्रा के जीवन से जोड़ना चाहिए।
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वैज्ञानिक सोच की जरूरत
भारत ज्ञान विज्ञान समिति के प्रांतीय सचिव नीरज पंत ने कहा कि आज के समाज में कई अंधविश्वास व्याप्त हैं और विज्ञान हमें सोचने, समझने और तर्क करने की क्षमता देता है। विज्ञान ही हमें “क्या, क्यों और कैसे” जैसे सवालों का जवाब खोजने के लिए प्रेरित करता है।
बालसाहित्य से प्रेरणा
बालप्रहरी और बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा के सचिव एवं बालप्रहरी पत्रिका के संपादक उदय किरौला ने बताया कि संस्था ने अब तक देशभर के 16 राज्यों के 318 स्थानों पर ऐसे समर कैंप आयोजित किए हैं। उन्होंने कहा कि 5 दिवसीय कार्यशाला में बच्चों को लोक विज्ञान से परिचित कराते हुए उन्हें विषय पर मौखिक व लिखित अभिव्यक्ति के लिए प्रेरित किया जाना इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है। उनके अनुसार कार्यशाला में प्रत्येक बच्चे की एक हस्तलिखित पुस्तक तैयार की जाएगी। कार्यशाला में बाल कवि सम्मेलन, समूह गीत तथा नुक्कड़ नाटक आदि विधाओं से बच्चों को जोड़ा जाएगा।
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बच्चों ने खुद लिखीं कविताएं
कार्यशाला के पहले दिन कविता लेखन पर विशेष सत्र रखा गया, जिसमें कृपाल सिंह शीला ने बताया कि कविता सिखाई नहीं जाती, यह हमारे अंदर के भाव होते हैं। उन्होंने कहा कि हमें कविता व कहानी लिखने से पहले अपने पाठ्य पुस्तक व दूसरे लेखकों की कविताओं व कहानियांं को पढ़ना भी जरूरी है। बच्चों ने समूह में बादल, कंप्यूटर, मोबाइल, स्वच्छता, पर्यावरण जैसे दिए हुए शब्दों के आधार पर तुकबंदी और लय के साथ सुंदर कविताएं तैयार कीं।
अध्यक्ष मंडल में बच्चे
कार्यशाला की शुरुआत ‘ज्ञान का दीया जलाने’ समूह गीत से हुई। आज अध्यक्ष मंडल में तनुज पांडेय व हिमांशी रौतेला को शामिल किया गया। पहले दिन संपन्न नाम लेखन प्रतियोगिता, शब्द लेखन प्रतियोगिता, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता में यशस्वी जोशी, हिमांशी रौतेला, मनीषा रौतेला, हितार्थ पांडे, दर्शन गुसाई, कृति जोशी, हिमानी गुसाई को पुरस्कार में बाल साहित्य दिया गया।
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पारंपरिक खेलों से परिचय
बच्चों ने “तोता कहता है”, “कितना बड़ा पहाड़”, “पिज़्ज़ा हट” जैसे पारंपरिक खेलों में भी आनंद लिया। भारत ज्ञान विज्ञान समिति के प्रांतीय उपाध्यक्ष प्रमोद तिवारी, उदय किरौला, नीरज पंत, गरिमा राणा, भगवती गुसाई, दिनेश चंद्र पांडेय, गायत्री बिष्ट आदि ने संदर्भदाता बतौर बच्चों का मार्गदर्शन किया।


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