6G network in India : 5G के बाद अब दुनिया 6G टेक्नोलॉजी की ओर तेजी से बढ़ रही है। यह न केवल इंटरनेट की स्पीड और कनेक्टिविटी को अगले स्तर पर ले जाएगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवा (Healthcare), बिना ड्राइवर वाले वाहनों (Autonomous Vehicles), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और स्मार्ट सिटी जैसे क्षेत्रों में क्रांति लाएगा। टेक्नोलॉजी क्षेत्र में काम करने वाली कई बड़ी कंपनियों और सरकारों ने 6G के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट शुरू कर दिया है।
6G स्पेक्ट्रम क्या है?
6G स्पेक्ट्रम की शुरुआत के साथ तकनीकी जगत में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इसकी अल्ट्रा-हाई स्पीड, लो लेटेंसी और AI इंटीग्रेशन इसे एक नई क्रांति बनाएगा। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता है, तो 2030 तक 6G दुनिया के लिए एक हकीकत बन जाएगा।6G (Sixth Generation) स्पेक्ट्रम मोबाइल कम्युनिकेशन की अगली पीढ़ी है, जो 5G से 100 गुना तेज स्पीड और लगभग शून्य लेटेंसी (0.1 मिलीसेकंड) प्रदान करेगा। 6G नेटवर्क का उपयोग टेराहर्ट्ज़ (THz) फ्रीक्वेंसी बैंड (0.1-10 THz) पर किया जाएगा, जो कि 5G में उपयोग की जाने वाली मिलीमीटर वेव्स (mmWave) से कहीं अधिक फ्रीक्वेंसी है।
6G नेटवर्क की खास बातें
स्पीड: 6G नेटवर्क में डेटा ट्रांसफर की स्पीड 1 टेराबाइट प्रति सेकंड (1 Tbps) तक हो सकती है।
लो लेटेंसी: 6G की लेटेंसी 0.1 मिलीसेकंड से भी कम हो सकती है, जिससे डेटा ट्रांसफर लगभग रियल-टाइम में होगा।
थ्रूपुट: 6G का नेटवर्क थ्रूपुट 5G के मुकाबले 100 गुना अधिक होगा।
AI और मशीन लर्निंग: नेटवर्क की परफॉर्मेंस को बढ़ाने और उपयोगकर्ता के व्यवहार के अनुसार नेटवर्क को ऑप्टिमाइज़ करने के लिए AI और मशीन लर्निंग का उपयोग किया जाएगा।
होलोग्राफिक कम्युनिकेशन: 6G नेटवर्क में होलोग्राफिक कॉलिंग संभव होगी। उपयोगकर्ता एक-दूसरे को थ्री-डायमेंशनल (3D) फॉर्मेट में देख सकेंगे।
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भारत में 6G की तैयारी (6G in India)
भारत में अभी 5G नेटवर्क का रोलआउट जोर-शोर से चल रहा है। Jio और Airtel ने रिकॉर्ड समय में देश के सभी जिला मुख्यालयों में 5G नेटवर्क पहुंचा दिया है। वहीं, Vodafone-Idea और BSNL भी अपनी 5G नेटवर्क पैन-इंडिया लेवल पर लॉन्च करने की तैयारी में हैं। 5G में यूजर्स को 1Gbps तक की इंटरनेट स्पीड मिल रही है, जो पिछली जनरेशन (4G) से 10 गुना तेज है। 5G के लॉन्च के बाद दुनियाभर में इंटरनेट की क्रांति आ गई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) का तेजी से विकास हो रहा है। भारत सरकार ने भी 6G के लिए अभी से रिसर्च और डेवलपमेंट शुरू कर दिया है। दूरसंचार विभाग (DoT) ने 6G टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रुप (6G-TIG) की स्थापना की है, जो भारत में 6G की संभावनाओं को तलाशने का काम कर रही है। DoT ने इसके लिए अकादमिक संस्थानों, इंडस्ट्री और सरकारी एजेंसियों के साथ साझेदारी की है।
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भारत में 6G कब लॉन्च होगा?
दुनियाभर में 6G टेक्नोलॉजी को लेकर रिसर्च और डेवलपमेंट तेजी से हो रहा है। जापान में इसकी सफल टेस्टिंग की जा चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 में भारत का पहला 6G टेस्ट बेड लॉन्च किया था। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि भारत दुनिया के सबसे पहले देशों में से एक होगा जो 6G को लॉन्च करेगा। उम्मीद है कि 2030 तक भारत में 6G नेटवर्क पूरी तरह से लॉन्च हो जाएगा।
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6G के फायदे (6G Benefits in Hindi)
अल्ट्रा-हाई स्पीड कनेक्टिविटी
6G नेटवर्क की स्पीड 1 Tbps तक हो सकती है। इससे आप 4K/8K वीडियो स्ट्रीमिंग, वर्चुअल रियलिटी (VR) और हाई-स्पीड गेमिंग का अनुभव बिना किसी लैग के कर सकेंगे।
हेल्थकेयर में बदलाव
6G नेटवर्क के जरिए रियल-टाइम टेलीमेडिसिन, रिमोट सर्जरी और AI-आधारित डायग्नोसिस में सुधार होगा। डॉक्टर मरीज का इलाज दूर से ही कर सकेंगे।
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स्मार्ट सिटीज (Smart Cities)
6G से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में तेजी आएगी। ट्रैफिक मैनेजमेंट, वेस्ट मैनेजमेंट और एनर्जी डिस्ट्रिब्यूशन को AI और IoT के माध्यम से ऑटोमेट किया जाएगा।
ऑटोनॉमस व्हीकल्स (Autonomous Vehicles)
6G की हाई स्पीड और लो लेटेंसी से सेल्फ-ड्राइविंग कारें और ड्रोन्स अधिक सटीक और सुरक्षित तरीके से काम करेंगे।
6G के सामने चुनौतियां
- स्पेक्ट्रम आवंटन: 6G के लिए THz बैंड की जरूरत होगी, जो अधिक बैंडविड्थ के साथ हाई-स्पीड कनेक्टिविटी देगा।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी: टेलीकॉम ऑपरेटरों को अधिक संख्या में स्मॉल सेल्स, एज कंप्यूटिंग और एडवांस एंटेना टेक्नोलॉजी स्थापित करनी होगी।
- साइबर सुरक्षा: हाई-स्पीड नेटवर्क पर डेटा लीक और साइबर अटैक का खतरा बढ़ जाएगा।
- ऊर्जा की खपत: 6G नेटवर्क के हाई बैंडविड्थ के कारण ऊर्जा की खपत अधिक होगी।
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