Voter ID EPIC number controversy : क्या एक वोटर आईडी से कई राज्यों में मतदान संभव?

election commission of india

Voter ID EPIC number controversy : भारत में चुनावी प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने के लिए निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा जारी वोटर आईडी यानी इलेक्शन फोटो आइडेंटिटी कार्ड (EPIC) एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। हालांकि, हाल के दिनों में सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह सवाल उठाया जा रहा है कि क्या एक ही EPIC नंबर का इस्तेमाल करके अलग-अलग राज्यों में मतदान किया जा सकता है? इस मुद्दे पर निर्वाचन आयोग (Election Commission of India – ECI) ने स्थिति स्पष्ट की है और जरूरी कदम उठाने का भरोसा दिया है।

निर्वाचन आयोग की प्रतिक्रिया

चुनाव आयोग ने इस विवाद पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि EPIC डेटा को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया जारी है। राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को डुप्लीकेट एंट्री हटाने के निर्देश दिए गए हैं। निर्वाचन आयोग ने “मतदाता सूची शुद्धिकरण अभियान” (Voter List Purification Drive) शुरू किया है। आयोग ने 1950 टोल-फ्री नंबर और NVSP पोर्टल के जरिए मतदाता डेटा की जांच की सुविधा दी है।

विशेषज्ञों की राय

चुनावी मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि EPIC नंबर विवाद का समाधान संभव है, बशर्ते कि मतदाताओं की जागरूकता और चुनाव आयोग की तकनीकी तैयारी बेहतर हो।

“EPIC नंबर विवाद की समस्या का हल डेटा सिंक्रनाइज़ेशन और आधार से लिंकिंग से किया जा सकता है। मतदाताओं को जागरूक होकर अपनी वोटर आईडी की स्थिति की जांच करनी चाहिए।”
राहुल शर्मा, चुनाव विशेषज्ञ 

आइए अब सात सवालों में इसके सभी पहलुओं को समझते हैं:

EPIC नंबर कैसे काम करता है?

EPIC नंबर एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है, जो हर मतदाता को उनके निवास स्थान के आधार पर जारी किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाता की पहचान सुनिश्चित करना और चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है।

  • प्रत्येक नागरिक को केवल एक ही EPIC नंबर मिलता है।
  • यदि कोई व्यक्ति अपना निवास स्थान बदलता है, तो उसे नए क्षेत्र में वोटर आईडी अपडेट करानी होती है।
  • नए पते पर पंजीकरण होने के बाद पुराना EPIC नंबर स्वतः ही डिएक्टिवेट हो जाता है।
  • EPIC नंबर का डेटाबेस पूरे देश के स्तर पर लिंक होता है, जिससे डुप्लीकेट एंट्री रोकने का प्रयास किया जाता है।

क्या एक ही EPIC से अलग-अलग राज्यों में वोटिंग संभव है?

निर्वाचन आयोग के अनुसार, एक EPIC नंबर से अलग-अलग राज्यों में मतदान करना तकनीकी रूप से असंभव है। इसका मुख्य कारण है कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र की अलग मतदाता सूची होती है। चुनाव के दिन पोलिंग बूथ पर केवल उसी क्षेत्र के पंजीकृत मतदाता के नाम शामिल होते हैं। एक बार नया EPIC नंबर जारी होने के बाद पुराना नंबर स्वतः ही डिएक्टिवेट हो जाता है। यदि किसी मतदाता का नाम अलग-अलग राज्यों की सूची में दर्ज पाया जाता है, तो यह तकनीकी गड़बड़ी या जानबूझकर की गई अनियमितता का संकेत हो सकता है। हालांकि, ऐसे मामलों में चुनाव आयोग ने सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं।

EPIC नंबर विवाद का कारण क्या है?

डेटाबेस सिंक्रनाइज़ेशन की समस्या – यदि मतदाता का नाम अपडेट नहीं हुआ है, तो डुप्लीकेट एंट्री की संभावना होती है।
तकनीकी गड़बड़ी – डुप्लीकेट एंट्री होने के कारण एक ही EPIC नंबर से दो राज्यों में नाम दर्ज हो सकता है।
फर्जीवाड़ा – जानबूझकर एक ही व्यक्ति का नाम दो जगह दर्ज करने के मामले सामने आए हैं।
स्थानांतरण के बाद अपडेट न कराना – मतदाता के पते बदलने के बाद अगर जानकारी अपडेट नहीं होती है तो EPIC नंबर डुप्लीकेट हो सकता है।

क्या EPIC नंबर से दो जगह मतदान करना अपराध है?

अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर अलग-अलग राज्यों में एक ही EPIC नंबर से मतदान करता है, तो यह भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 171F के तहत अपराध माना जाएगा।

  • दोषी पाए जाने पर एक साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
  • मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से हटाया जा सकता है।
  • फर्जी मतदान की स्थिति में निर्वाचन आयोग कानूनी कार्रवाई कर सकता है।

Voter ID Controversy : क्या है समाधान?

इस विवाद के बीच चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि डुप्लिकेट EPIC नंबर की समस्या को जल्द से जल्द निपटाया जाएगा। इसके लिए मतदाता सूची की अधिक सख्त जांच की जाएगी। इसे एक केंद्रीकृत डेटाबेस में संरक्षित किया जाएगा। आधार कार्ड और अन्य सरकारी पहचान पत्रों से EPIC को लिंक करने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। फर्जी मतदान की समस्या पर लगाम लगाने के लिए चुनाव आयोग ने डुप्लीकेट एंट्री हटाने का निर्देश दिया है। चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि अगर किसी व्यक्ति को अपने EPIC नंबर में किसी तरह की त्रुटि मिलती है, तो वह NVSP पोर्टल या 1950 हेल्पलाइन के जरिए उसे ठीक करा सकता है।

EPIC नंबर की वैधता कैसे चेक करें?

यदि आप सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आपका EPIC नंबर एक ही राज्य में पंजीकृत है, तो आप चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इसकी जांच कर सकते हैं:

डुप्लीकेट एंट्री से बचने के लिए क्या करें?

  • EPIC नंबर को आधार से लिंक करें।
  • अगर आपने निवास स्थान बदला है, तो नए क्षेत्र में फिर से पंजीकरण कराएं।
  • मतदान से पहले अपनी वोटर लिस्ट स्थिति की जांच करें।
  • किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में तुरंत निर्वाचन आयोग को सूचित करें।

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