वाराणसी : वाराणसी के हरहुआ ब्लॉक स्थित काशी कृषक इंटर कॉलेज में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया। आरोप है कि हरहुआ सामूहिक विवाह समारोह में खाने की लूट मच गई, जिसके कारण करीब 100 से अधिक दूल्हा-दुल्हन और उनके परिजन भूखे लौटे। इससे जुड़े कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, हालांकि Uncut Times इनकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।
क्या हुआ हरहुआ सामूहिक विवाह समारोह में?
हरहुआ ब्लॉक के काशी कृषक इंटर कॉलेज में गुरुवार को आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में 197 जोड़ों ने सात फेरे लिए। यह आयोजन मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत हुआ, जिसमें कई जनप्रतिनिधि शामिल थे। लेकिन हरहुआ सामूहिक विवाह समारोह के बाद भोजन वितरण के दौरान स्थिति बेकाबू हो गई। खाने के लिए भीड़ टूट पड़ी, जिसके कारण खाने की लूट मच गई। जिस समारोह को सामाजिक समरसता और गरीबों की सहायता का प्रतीक बनना था, वह भोजन की लूट, दूल्हा-दुल्हनों की भूख और अव्यवस्था के आरोपों के चलते चर्चा का केंद्र बन गया।
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स्टाल छोड़कर भागे कर्मचारी
आरोप है कि हरहुआ सामूहिक विवाह समारोह में सबसे बड़ी अव्यवस्था भोजन को लेकर रही। मेहमानों और नवविवाहित जोड़ों के लिए जो खाना तैयार किया गया था, उसकी न तो गुणवत्ता का ख्याल रखा गया और न ही वितरण की व्यवस्था दुरुस्त थी। जैसे ही खाने का समय आया, वहां मौजूद लोगों ने स्टालों पर एक साथ भीड़ लगा दी। हालात ऐसे हो गए किस्टाल कर्मचारी स्थिति को संभाल नहीं पाए और खाना खत्म होने पर काउंटर छोड़कर भाग गए।
आराेप : भूखे लौटे दूल्हा-दुल्हन और परिजन
इस बारे में वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है कि इस पूरे घटनाक्रम का सबसे अधिक खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा जिनके लिए यह समारोह आयोजित किया गया था – यानी दूल्हा-दुल्हन और उनके परिजन। कई नवविवाहित जोड़े और उनके परिवार बिना भोजन किए ही लौटने को मजबूर हुए। कुछ लोगों को सिर्फ सब्जी मिली, तो कुछ को सिर्फ पूड़ी। मेनू को ताक पर रखकर जिसे जो मिला, जैसे मिला, वही खाता नजर आया।
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अव्यवस्था के कारण और जिम्मेदारी
सामूहिक विवाह समारोह में दुर्व्यवस्था के कई कारण सामने आए हैं:
- अधिक भीड़: आयोजन में बारातियों और परिजनों की संख्या अनुमान से कहीं अधिक थी, जिसे ठेकेदार संभाल नहीं पाया।
- खराब प्रबंधन: भोजन वितरण के लिए स्टाल कर्मचारियों की कमी और उचित व्यवस्था का अभाव।
- ठेकेदार की लापरवाही: खाने की व्यवस्था ठेकेदार के जिम्मे थी, जिसने पर्याप्त मात्रा में भोजन की व्यवस्था नहीं की।
ठेकेदार पर कार्रवाई होगी
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि स्टाम्प एवं पंजीयन राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल मौजूद रहे। अजगरा विधायक त्रिभुवन राम और एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा भी मंच पर उपस्थित थे। इसके बावजूद कार्यक्रम की अव्यवस्था किसी की नजर से छुप नहीं सकी। इस अव्यवस्था को लेकर जब सवाल उठे तो अधिकारियों ने ठेकेदार पर कार्रवाई की बात कही। सूत्रों के मुताबिक, खाद्य वितरण का ठेका एक निजी एजेंसी को दिया गया था, जिसकी लापरवाही के कारण पूरे कार्यक्रम की गरिमा प्रभावित हुई। फिलहाल, जांच के आदेश दिए गए हैं और संबंधित एजेंसी से जवाब मांगा गया है।
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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का महत्व
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शादी में सहायता करना है। इस योजना के तहत:
- प्रत्येक जोड़े को 51,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
- विवाह के लिए सामग्री और भोजन की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाती है।
- सामूहिक विवाह के माध्यम से सामाजिक समरसता को बढ़ावा दिया जाता है।
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