पर्यटकों के लिए खुली फूलों की घाटी, 600 प्रजातियों के दुर्लभ फूल

पर्यटकों के लिए खुली फूलों की घाटी, 600 प्रजातियों के दुर्लभ फूल

चमोली (उत्तराखंड)। विश्व धरोहर स्थल और जैव विविधता का खजाना मानी जाने वाली फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। घांघरिया में आयोजित एक समारोह के दौरान नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी तरुण एस ने इसकी औपचारिक शुरुआत की। नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आने वाली यह घाटी 31 अक्तूबर तक सैलानियों के लिए खुली रहेगी।

प्राकृतिक सौंदर्य और दुर्लभ फूलों का खजाना

उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमालय की गोद में बसी फूलों की घाटी (Valley of Flowers) अपनी अनुपम प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए विश्व प्रसिद्ध है। हर साल की तरह, इस साल भी 1 जून 2025 से फूलों की घाटी को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है।  यह घाटी, जो 87.50 वर्ग किलोमीटर में फैली है, 600 से अधिक प्रजातियों के फूलों और दुर्लभ वनस्पतियों का खजाना है। इस घाटी में मुख्य रूप से जो फूल देखे जा सकते हैं, उनमें ब्रह्मकमल, फेनकमल, ब्लूपॉपी, मारीसियस, मैरीगोल्ड, गोल्डन रॉड, जैस्मिन, रोवन, हेलमेट प्लावर और गोल्डन लीली शामिल हैं।

ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा

नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी तरुण एस ने बताया कि रविवार सुबह 7 बजे से घाटी को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। उन्होंने बताया कि पर्यटकों को प्रवेश के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा मौके पर ही उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे किसी को भी परेशानी का सामना न करना पड़े। फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को लगभग 16 किलोमीटर लंबा ट्रेक तय करना होता है, जो घांघरिया से शुरू होता है। यह ट्रेकिंग मार्ग घने जंगलों, झरनों और पहाड़ों के बीच से गुजरता है और प्रकृति के साथ गहरा जुड़ाव महसूस करने का मौका देता है।

उत्तराखंड में फूलों की घाटी कैसे पहुंचें?

  • नजदीकी हवाई अड्डा: जॉली ग्रांट हवाई अड्डा, देहरादून (लगभग 295 किमी दूर)।

  • नजदीकी रेलवे स्टेशन: ऋषिकेश रेलवे स्टेशन (लगभग 273 किमी दूर)।

  • सड़क मार्ग: देहरादून, हरिद्वार, या ऋषिकेश से गोविंदघाट तक बस या टैक्सी उपलब्ध हैं। गोविंदघाट से घांघरिया तक 13 किमी का ट्रेक है, जिसके लिए खच्चर और पालकी की सुविधा भी उपलब्ध है।

  • ट्रेक: घांघरिया से फूलों की घाटी तक 3-5 किमी का ट्रेक है, जो मध्यम स्तर का है और सामान्य फिटनेस वाले लोग आसानी से पूरा कर सकते हैं।

फूलों की घाटी में ये हैं प्रमुख आकर्षण

फूलों की घाटी का प्राकृतिक सौंदर्य इसे पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग बनाता है। यह घाटी समुद्र तल से 3,200 से 6,700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और हिमालय की बर्फीली चोटियों से घिरी हुई है। मानसून के दौरान (जुलाई-अगस्त) यह घाटी अपने पूर्ण वैभव में होती है, जब रंग-बिरंगे फूल पूरे क्षेत्र को एक प्राकृतिक चित्रकला में बदल देते हैं।

  1. दुर्लभ फूल और वनस्पतियां: ब्रह्मकमल, जो उत्तराखंड का राज्य पुष्प है, और फेनकमल जैसे फूल केवल यहीं देखे जा सकते हैं।

  2. प्रकृति का शांत वातावरण: हिमालय की गोद में बसी यह घाटी शांति और सुकून प्रदान करती है।

  3. ट्रेकिंग का रोमांच: घांघरिया से घाटी तक का ट्रेक प्रकृति प्रेमियों और साहसिक पर्यटकों के लिए खास है।

  4. नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क: घाटी के साथ-साथ पर्यटक नंदा देवी चोटी के दर्शन भी कर सकते हैं।

पर्यटकों के लिए सुविधाएं

फूलों की घाटी को पर्यटकों के लिए और अधिक सुगम बनाने के लिए प्रशासन ने कई व्यवस्थाएं की हैं:

  • ऑनलाइन पंजीकरण: पर्यटकों को घाटी में प्रवेश के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है, जिससे भीड़ प्रबंधन आसान हो गया है।

  • गाइड और सूचना केंद्र: घांघरिया और गोविंदघाट में सूचना केंद्र उपलब्ध हैं, जहां पर्यटक घाटी के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

  • आवास और खानपान: घांघरिया में कई गेस्ट हाउस, होटल, और भोजनालय उपलब्ध हैं। इसके अलावा, गोविंदघाट और जोशीमठ में भी रुकने की अच्छी व्यवस्था है।

  • पर्यावरण संरक्षण: घाटी में प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध है, और पर्यटकों को पर्यावरण संरक्षण के नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

ये सावधानियां जरूरी

फूलों की घाटी एक संवेदनशील पारिस्थितिकी क्षेत्र है, और इसे संरक्षित रखना हर पर्यटक की जिम्मेदारी है। निम्नलिखित सावधानियां बरतें:

  • प्लास्टिक का उपयोग न करें: घाटी में प्लास्टिक की बोतलें, बैग, या अन्य सामग्री ले जाना मना है।

  • प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान: फूलों को तोड़ने या वनस्पतियों को नुकसान पहुंचाने से बचें।

  • निर्देशों का पालन: नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के नियमों का पालन करें, जैसे निर्धारित रास्तों पर चलना और कूड़ा न फैलाना।

  • स्वास्थ्य सावधानी: ट्रेकिंग के लिए उचित जूते, गर्म कपड़े, और पानी की बोतल साथ रखें। ऊंचाई पर सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, इसलिए पहले से तैयारी करें।

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