त्रिजुगीनारायण मंदिर में डेस्टिनेशन वेडिंग का क्रेज बढ़ा, हर महीने 100 विवाह

त्रिजुगीनारायण मंदिर में डेस्टिनेशन वेडिंग का क्रेज बढ़ा, हर महीने 100 विवाह

रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड)। उत्तराखंड के ऐतिहासिक त्रिजुगीनारायण मंदिर में डेस्टिनेशन वेडिंग का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। शिव-पार्वती के दिव्य विवाह स्थल माने जाने वाले इस मंदिर में अब हर साल देश-विदेश से जोड़े अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए पहुंच रहे हैं। धार्मिक आस्था और हिमालय की गोद में बसे इस स्थल की अलौकिक सुंदरता इसे डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए परफेक्ट बनाती है। मदिर समिति से जुड़े लोगों ने बताया कि यहां हर महीने लगभग 100 विवाह हो रहे हैं।

त्रिजुगीनारायण मंदिर क्यों है खास?

त्रिजुगीनारायण मंदिर उत्तराखंड में सोनप्रयाग के पास स्थित है। हाल के वर्षों में, यह न केवल तीर्थ और पर्यटन के लिए, बल्कि डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए भी एक लोकप्रिय गंतव्य बन गया है। रुद्रप्रयाग जिले में 6,495 फीट की ऊंचाई पर स्थित त्रिजुगीनारायण मंदिर में विवाह की परेपरा पहले से रही है लेकिन अब इसे डेस्टिनेशन वेडिंग के तौर पर प्रसिद्धि मिल रही है। मंदिर प्रांगण में एक पवित्र अग्निकुंड है, जिसमें कहा जाता है कि शिव-पार्वती के विवाह के समय अग्नि जलाई गई थी और वह आज भी जलती रहती है।

शिव-पार्वती के विवाह स्थल के रूप में प्रसिद्ध

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहीं पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। त्रिजुगीनारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, लेकिन इसे भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह स्थल के रूप में अधिक जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में भगवान विष्णु ने पार्वती के भाई के रूप में कन्यादान किया था, और यहीं पर शिव-पार्वती ने पवित्र अग्नि के समक्ष सात फेरे लिए थे। मंदिर के प्रांगण में आज भी यह अखंड अग्नि जलती है, जिसे नवविवाहित जोड़े अपनी शादी की रस्मों के लिए उपयोग करते हैं। मंदिर की वास्तुकला केदारनाथ मंदिर से मिलती-जुलती है, और हिमालय की गोद में बसा यह स्थल अपनी शांति और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है।

डेस्टिनेशन वेडिंग का बढ़ता क्रेज

पिछले कुछ वर्षों में त्रिजुगीनारायण मंदिर में शादी करने की मांग में जबरदस्त वृद्धि हुई है। साल 2018 में उत्तराखंड सरकार द्वारा इस मंदिर को डेस्टिनेशन वेडिंग स्थल के रूप में प्रचारित करने के बाद से यहां शादियों की संख्या में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। पहले जहां साल में दो-तीन शादियां होती थीं, वहीं अब हर महीने औसतन 100 से अधिक शादियां संपन्न हो रही हैं।

रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी

  • रजिस्ट्रेशन: जोड़ों को मंदिर समिति के पास दूल्हा-दुल्हन का आधार कार्ड, फोन नंबर, और माता-पिता की सहमति दर्ज करानी होती है। इसके बाद शादी की तारीख तय की जाती है। मंदिर में शादी के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क मात्र 1,100 रुपये से शुरू होता है।
  • संपर्क: शादी की बुकिंग के लिए मंदिर समिति के नंबरों (9690366214, 9675924898) पर संपर्क किया जा सकता है। हालांकि, इस क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क सीमित है, और केवल जियो का नेटवर्क उपलब्ध है।
  • सुविधाएं: शादी से जुड़ी सभी व्यवस्थाएं, जैसे पुजारी, मांगल दल, ढोल-दमाऊ वादक, खानपान, सजावट, और आवास, मंदिर के आसपास के होटलों और रिसॉर्ट्स में उपलब्ध हैं। आसपास के होटल भी वैवाहिक समारोहों का आयोजन करते हैं।

अन्य उभरते वेडिंग डेस्टिनेशन

त्रिजुगीनारायण के अलावा, उत्तराखंड में अन्य मंदिर और स्थान भी डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए लोकप्रिय हो रहे हैं:

  • ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ: बाणासुर की बेटी उषा और श्रीकृष्ण के पोते अनिरुद्ध के विवाह स्थल के रूप में प्रसिद्ध।
  • परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश: धार्मिक और आध्यात्मिक वातावरण में शादी के लिए उपयुक्त।
  • कॉर्बेट नगरी, रामनगर: मार्च-अप्रैल तक 800 से अधिक शादियां हो चुकी हैं।

बॉलीवुड से लेकर एनआरआई कपल्स तक की पसंद

त्रिजुगीनारायण मंदिर अब सिर्फ उत्तर भारत के नहीं बल्कि विदेशों से आने वाले एनआरआई कपल्स की भी पसंद बन रहा है। हाल के महीनों में कुछ नामी एनआरआई जोड़ों ने यहां पारंपरिक हिंदू रीति-रिवाजों से शादी की है। इसरो के वैज्ञानिक, अभिनेत्री कविता कौशिक, निकिता शर्मा, चित्रा शुक्ला, गायक हंसराज रघुवंशी, और यूट्यूबर आदर्श सुयाल जैसी हस्तियों ने यहां शादी रचाई है, जिसने इसकी लोकप्रियता को और बढ़ाया है। वहीं, बॉलीवुड की नजर भी इस जगह पर है। कई प्रोडक्शन हाउस यहां शूटिंग और वेडिंग सीक्वेंस फिल्माने में रुचि दिखा रहे हैं, जिससे इस क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं।

चुनौतियां और समाधान

हालांकि त्रिजुगीनारायण मंदिर की लोकप्रियता बढ़ रही है, लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं। मंदिर तक पहुंचने वाला सड़क मार्ग अभी भी बदहाल है, जिससे यात्रियों को परेशानी होती है। मंदिर के आसपास पार्किंग की उचित व्यवस्था न होने से भीड़भाड़ की समस्या होती है। सीमित मोबाइल नेटवर्क (केवल जियो) के कारण बुकिंग और संचार में कठिनाई होती है। इन समस्याओं के समाधान के लिए सरकार ने सड़क सुधार, हेलीपैड निर्माण, और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की योजनाएं शुरू की हैं। पर्यटन विभाग ने वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए एक रोडमैप तैयार किया है, जिसमें चरणबद्ध तरीके से इन समस्याओं का समाधान शामिल है।

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