Uttarakhand News : अभिभावकों से मनमानी फीस वसूलना उत्तराखंड के नामी स्कूल को भारी पड़ गया। अभिभावकों की शिकायत पर स्कूल के खिलाफ भारी जुर्माना लगाया गया है। द प्रेसिडेंसी इंटरनेशनल स्कूल पर यह कार्रवाई देहरादून जिला प्रशासन ने की है। स्कूल पर मान्यता नियमों के उल्लंघन का भी आरोप है।
₹5.20 लाख का भारी जुर्माना
जिलाधिकारी सविन बंसल की सख्ती के बाद भानियावाला स्थित द प्रेसिडेंसी इंटरनेशनल स्कूल पर ₹5,20,000 का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना स्कूल की मान्यता समाप्त होने के बावजूद संचालन करने और मनमानी फीस वृद्धि के मामलों को लेकर लगाया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 18(5) के तहत की गई है, जिसमें बिना वैध मान्यता के विद्यालय संचालन को अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
अभिभावकों की 100 से अधिक शिकायतें
स्कूल प्रबंधन द्वारा अचानक और भारी फीस वृद्धि के खिलाफ 100 से अधिक अभिभावकों ने जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद मुख्य विकास अधिकारी (CDO) की अध्यक्षता में स्कूल प्रबंधन को तलब किया गया, लेकिन प्रबंधन ने बार-बार बुलाने के बावजूद प्रशासन के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ।
मान्यता मार्च में हो चुकी थी समाप्त
जांच में पता चला कि स्कूल को प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक के लिए मार्च 2020 से मार्च 2025 तक की मान्यता प्राप्त थी। इसके बाद नवीनीकरण हेतु कोई आवेदन नहीं किया गया, बावजूद इसके स्कूल का संचालन जारी रखा गया था। प्रशासन की इस सख्ती से जिले के अन्य बड़े स्कूलों में भी खलबली मच गई है। कई नामी स्कूल अब फीस बढ़ोतरी को लेकर बैकफुट पर हैं। यह पहली बार है जब किसी जिले में शिक्षा विभाग ने इस प्रकार सीधा, निर्णायक और प्रभावशाली एक्शन लिया है।
हर दिन ₹10,000 के हिसाब से लगाया गया जुर्माना
स्कूल प्रबंधन द्वारा 1 अप्रैल 2025 से 22 मई 2025 तक कुल 52 दिनों तक अवैध रूप से विद्यालय संचालित किया गया। इसी आधार पर प्रशासन ने ₹10,000 प्रतिदिन के हिसाब से कुल ₹5,20,000 का जुर्माना लगाया है। प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यह जुर्माना पत्र प्राप्ति के तीन कार्यदिवस के भीतर जमा किया जाए। ऐसा न करने की स्थिति में यह भू-राजस्व की भांति वसूला जाएगा।
शिक्षा में पारदर्शिता के लिए जीरो टॉलरेंस
जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और छात्रों-अभिभावकों के हितों की रक्षा के लिए “जीरो टॉलरेंस” नीति अपना रहा है। भविष्य में किसी भी स्कूल द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर इसी प्रकार की कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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