नैनीताल। उत्तराखंड पंचायत चुनाव को लेकर जारी असमंजस शुक्रवार को खत्म हो गया जब नैनीताल हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर लगाई गई रोक को हटा दिया। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए यह स्पष्ट किया कि राज्य चुनाव आयोग अब पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में तीन दिन की देरी करते हुए नया चुनाव कार्यक्रम जारी करे। साथ ही राज्य सरकार से तीन सप्ताह में याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों पर जवाब भी मांगा गया है। यानी अब जुलाई में पंचायत चुनाव हो सकेंगे।
क्या था मामला?
बागेश्वर निवासी गणेश कांडपाल सहित अन्य याचिकाकर्ताओं ने 9 और 11 जून 2025 को उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी की गई पंचायत चुनाव की नियमावली और परिपत्र को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया कि सरकार ने पहले लागू रहे आरक्षण रोस्टर को शून्य घोषित कर एक नया आरक्षण रोस्टर लागू किया है। यह नया रोस्टर पहली बार इसी चुनाव से लागू किया जा रहा है, जो असंवैधानिक और अनुचित है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 23 जून को हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव पर अस्थायी रोक लगा दी थी।
कोर्ट में क्या हुआ?
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से यह तर्क दिया गया कि कई ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटें लगातार एक ही वर्ग को आवंटित की जा रही हैं। यह संविधान के अनुच्छेद 243 और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीडी रावत ने तर्क रखा कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के आधार पर पहले का आरक्षण रोस्टर अमान्य घोषित किया गया। नया रोस्टर जारी करना चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता के लिए जरूरी था। 14 जून को नई नियमावली का गजट नोटिफिकेशन प्रकाशित हो चुका है, इसलिए अब कोई विधिक बाधा नहीं है।
अब कब होंगे चुनाव?
पहले प्रस्तावित कार्यक्रम की तुलना में चुनाव तीन दिन देरी से होंगे। जुलाई महीने में पंचायत चुनाव संभव हैं। नए कार्यक्रम की घोषणा जल्द करेगा राज्य निर्वाचन आयोग। कोर्ट ने सरकार को याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए आरक्षण के मुद्दों पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है। यानि चुनाव प्रक्रिया तो शुरू हो जाएगी लेकिन आरक्षण विवाद अभी भी न्यायिक प्रक्रिया में विचाराधीन रहेगा।
चुनाव आयोग हुआ सक्रिय
जैसे ही कोर्ट से रोक हटने की खबर आई, राज्य निर्वाचन आयोग तुरंत सक्रिय हो गया। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने कहा, “हम हाईकोर्ट के ऑर्डर की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही ऑर्डर पढ़ा जाएगा, अगली प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।” हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि चुनाव प्रक्रिया तीन दिन देरी से शुरू की जा सकती है, लेकिन पंचायत चुनाव जुलाई में ही कराए जाएं।


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