कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को वर्ष 2016 में बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई ने फिर से नोटिस भेजा है। इतना ही नहीं बल्कि उन्हें इसी माह 26 सितंबर को नई दिल्ली स्थित हेड क्वार्टर में बुलाया गया है। जहाँ पर सीबीआई की ओर से उनकी आवाज का नमूना लिया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीबीआई की ओर से भेजे गए नोटिस के मिलने की पुष्टि की है।
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2016 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत का एक स्टिंग ऑपरेशन वायरल हुआ था इसके बाद राज्य की राजनीति में उथल-पुथल हुआ। इतना ही नहीं बल्कि स्टिंग में आरोप लगे थे कि रावत सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त की डीलिंग की जा रही थी, जिसमें रूपयो के लेनदेन की बात भी सामने आने का संकीर्ण आरोप लगा था। इसके बाद इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दी गई थी। इससे पहले भी कई बार सीबीआई की ओर से हरीश रावत को नोटिस जारी किए जा चुके हैं और एक बार फिर उन्हें सीबीआई ने नोटिस भेजकर मुख्यालय बुलाया है।
सीबीआई का नोटिस मिलते ही हरीश रावत ने कसा तंज, कहा विधानसभा चुनाव से पहले आ गई मेरी याद
सीबीआई का नोटिस प्राप्त करने के बाद हरीश रावत ने कहा कि लंबे समय बाद सीबीआई के दोस्तों ने मुझे याद किया है। नोटिस से ऐसा लगता है कि अब फिर विधानसभा के चुनाव आने जा रहे हैं। भाजपा के दोस्त के हाथों में सीबीआई ने अपनी स्वतंत्रता और जिम्मेदारी सौंपकर समझौता कर लिया है। उन्होंने मुझे चुनाव के लायक समझा है। मैं कह रहा हूं कि अब मैं नहीं और लोग आगे आएंगे मगर लगता है केंद्र सरकार में बैठे हुए लोग अब भी मानते हैं कि हरीश रावत चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकता है।
हरीश रावत ने अक्टूबर माह का मांगा समय
सीबीआई का नोटिस प्राप्त करने की जानकारी हरीश रावत ने अपने अकाउंट पर साझा की है जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा है। हरीश रावत ने बताया कि अभी वो सितंबर तक कहीं यात्रा करने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में उन्हे अक्टूबर माह के दूसरे या तीसरे सप्ताह का समय दिए जाने की माँग की है। उन्होंने अंत मे कहा कि मुझे इस बात की खुशी होगी कि मैंने अपने बयान रिकॉर्ड कराने या जिस चीज के लिए बुलाया जा रहा है उसके लिए सीबीआई मुख्यालय हाजिर रहूंगा।
जानें क्या था स्टिंग प्रकरण
वर्ष 2016 में जब हरीश रावत मुख्यमंत्री थे, तब एक स्टिंग ऑपरेशन हुआ था जिसमें वो कथित तौर पर विधायकों को कुछ लेने-देने की बात करते हुए दिखाई दिए थे। इस प्रकरण के कारण उत्तराखंड की सियासत में हलचल हो गई थी। इतना ही नही बल्कि आरोप लगा था कि यह स्टिंग ऑपरेशन खानपुर विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक और पूर्व पत्रकार उमेश कुमार ने किया। इसी बीच एक और स्टिंग का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें हरक सिंह रावत और कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट के शामिल होने का दावा किया गया। इस स्टिंग के सामने आने के बाद देहरादून से दिल्ली तक मामला गरमाया था।
स्टिंग ऑपरेशन के दौरान कांग्रेसी नेता पहले ही बीजेपी मे हुए शामिल
मामले ने तूल पकड़ा तो जांच सीबीआई को दे दी गई। इस मामले में सीबीआई ने शिकायत दर्ज करते हुए तमाम नेताओं को नोटिस सौंपा था। जिसमे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, द्वाराहाट विधायक मदन बिष्ट के साथ ही खानपुर विधायक उमेश कुमार का नाम शामिल था। जब स्टिंग ऑपरेशन हुआ था, उस दौरान हरक सिंह रावत समेत कई कांग्रेसी नेता पहले ही बीजेपी चले गए थे। आरोप लगा कि विधायकों को कांग्रेस में बनाए रखने के लिए लेन-देन की बात हुई थी।


मनीषा हिंदी पत्रकारिेता में 20 वर्षों का गहन अनुभव रखती हैं। हिंदी पत्रकारिेता के विभिन्न संस्थानों के लिए काम करने का अनुभव। खेल, इंटरटेनमेंट और सेलीब्रिटी न्यूज पर गहरी पकड़। Uncut Times के साथ सफर आगे बढ़ा रही हैं। इनसे manisha.media@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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