नई दिल्ली/देहरादून : मानसून का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है। केरल में मानसून ने दस्तक दे दी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, उत्तराखंड में इस बार मानसून समय पर दस्तक देगा और सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है। विशेषज्ञों ने 10 जून से 20 जून के बीच मानसून के आगमन की संभावना जताई है।
उत्तराखंड में इस बार अच्छे मानसून की उम्मीद
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, इस बार मानसून का मिजाज कुछ ज्यादा ही मेहरबान रहेगा। प्रदेश में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज हो सकती है, जो एक ओर जहां खेती और जल स्रोतों के लिए फायदेमंद होगी, वहीं दूसरी ओर पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन, सड़कों के टूटने और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बढ़ा सकती है। IMD ने अपने लॉन्ग-रेंज फोरकास्ट में अनुमान जताया है कि मानसून 2025 के दौरान देशभर में औसत से 105% बारिश होने की संभावना है। उत्तराखंड में यह आंकड़ा 10-20% अधिक रह सकता है। मौसम विभाग के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने बताया, “पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश का प्रभाव अधिक होगा, जिससे भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं का खतरा बढ़ सकता है।”
अभी तक की बारिश के आंकड़े क्या कहते हैं?
उत्तराखंड में पिछले 24 दिनों में 59% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है, जो औसत से काफी ज्यादा है। यह ट्रेंड मानसून सीजन के दौरान और भी तेज़ होने की संभावना की ओर इशारा कर रहा है। उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक रोहित थपलियाल के अनुसार, “जून से सितंबर के बीच उत्तराखंड सहित देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है। खासतौर पर राज्य के पर्वतीय जिलों में तेज बारिश के कई दौर आ सकते हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।”
मानसून कब आएगा?
राज्य | संभावित आगमन तिथि | स्थिति |
---|---|---|
केरल | 25 मई | मानसून प्रवेश कर चुका |
उत्तराखंड | 10 जून – 20 जून | समय पर दस्तक के आसार |
पर्वतीय जिलों के लिए अलर्ट
उत्तराखंड में प्री-मानसून बारिश ने पहले ही अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। पिछले 24 दिनों में राज्य में 59% अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है, खासकर हरिद्वार, देहरादून, और चमोली जैसे जिलों में। मई 2025 में प्री-मानसून शावर ने तापमान को नियंत्रित करने में मदद की, जिससे गर्मी से राहत मिली। हालांकि, चमोली के पीपलकोटी और गोपेश्वर जैसे क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश ने सड़कों और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया। चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर जैसे पर्वतीय जिलों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन, जलभराव और सड़क अवरुद्ध होने जैसी घटनाएं आम हो सकती हैं। प्रशासन ने पहले ही मानसून से पहले की तैयारियों को लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं।


Uncut Times हिंदी पत्रकारिता के अनुभवी मीडियाकर्मी। पिछले 30 सालों से प्रिंट और डिजिटल के विभिन्न माध्यमों के जरिए पत्रकारिता का लंबा अनुभव। हिंदी मीडिया की लेटेस्ट खबरें और सटीक जानकारियां। आप uncuttimesnews@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।
Discover more from Uncut Times - ब्रेकिंग न्यूज, फैक्ट चेक, विश्लेषण
Subscribe to get the latest posts sent to your email.