कैंची धाम स्थापना दिवस : लखनऊ में उत्तराखंड महापरिषद की भजन संध्या में झूमे लोग

कैंची धाम स्थापना दिवस : लखनऊ में उत्तराखंड महापरिषद की भजन संध्या में झूमे लोग

लखनऊ : उत्तराखंड महापरिषद ने बाबा नीब करौरी कैंची धाम मंदिर का 61वां स्थापना दिवस रविवार को लखनऊ में मनाया। इस अवसर पर भजन संध्या और महाप्रसाद का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों भक्तों ने उत्साह से भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन विधायक ओपी श्रीवास्तव ने किया, जबकि भूपेंद्र शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

भजन संध्या में झूमे भक्त

आयोजन की शुरुआत विधायक ओपी श्रीवास्तव द्वारा दीप प्रज्ज्वलन और उद्घाटन के साथ हुई। इसके बाद भजन संध्या ने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर कर दिया। भक्तों ने हनुमान चालीसा, राम भजनों, और बाबा नीब करौरी महाराज के प्रिय भजनों का गायन किया। मधुर स्वर लहरियों और भक्तों की उत्साहपूर्ण सहभागिता ने सभी के हृदय को भाव-विभोर कर दिया। उत्तराखंड महापरिषद के आयोजक से जुड़े भारत सिंह बिष्ट ने बताया कि, “बाबा नीब करौरी महाराज की कृपा से यह आयोजन हर साल भक्तों को एकजुट करने और उनकी आध्यात्मिकता को प्रज्ज्वलित करने का माध्यम बनता है। भजन संध्या ने सभी के मन को शांति और भक्ति से भर दिया।”

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महाप्रसाद का वितरण

आयोजन के समापन पर सभी श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसाद का भव्य आयोजन किया गया। कैंची धाम की परंपरा के अनुसार प्रसाद का वितरण हुआ, जिसे भक्तों ने बड़े उत्साह के साथ ग्रहण किया। महाप्रसाद ने न केवल भक्तों के बीच एकता को बढ़ावा दिया, बल्कि बाबा के सेवा और प्रेम के संदेश को भी जीवंत किया। विशिष्ट अतिथि श्री भूपेंद्र शर्मा ने अपने संबोधन में बाबा की सादगी, सेवा भाव, और मानवता के प्रति उनके प्रेम को याद किया। उन्होंने कहा कि बाबा का जीवन हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति और सेवा ही जीवन का सच्चा उद्देश्य है।

उत्तराखंड महापरिषद ने किया आयोजन

उत्तराखंड महापरिषद ने लखनऊ में इस आयोजन को भव्य और सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संगठन ने भक्तों, सेवकों, और आयोजकों के सहयोग से इस पावन पर्व को आध्यात्मिक उत्साह के साथ मनाया। आयोजन समिति ने सभी सहभागियों का हृदय से आभार व्यक्त किया और बाबा की शिक्षाओं को समाज में फैलाने का संकल्प दोहराया। यह आयोजन केवल एक धार्मिक समारोह नहीं था, बल्कि समाज में आस्था, एकता, और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने वाला एक मंच साबित हुआ। कैंची धाम का स्थापना दिवस भक्तों को बाबा के प्रेम, सेवा, और सादगी के सिद्धांतों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।

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हनुमान अवतार माने जाते हैं बाबा नीब करौरी

बाबा नीब करौरी महाराज, जिनका वास्तविक नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था, एक सिद्ध संत थे, जिनकी चमत्कारिक लीलाएं और भक्तों के प्रति असीम करुणा आज भी चर्चा का विषय हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गांव में हुआ था। उन्होंने अपने जीवनकाल में कई आश्रमों की स्थापना की, जिनमें कैंची धाम सबसे प्रमुख है। कैंची धाम में हनुमान जी, राम-सीता, शिव-पार्वती, और वैष्णवी देवी के मंदिर हैं, जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। बाबा की समाधि 1973 में वृंदावन में हुई, लेकिन उनकी अस्थियां कैंची धाम में स्थापित हैं। उनकी ख्याति वैश्विक स्तर पर फैली हुई है, और स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग, और विराट कोहली जैसी हस्तियां उनके भक्त रहे हैं।

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