उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल होगा ऑपरेशन सिंदूर

उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल होगा ऑपरेशन सिंदूर

Dehradun News : उत्तराखंड के मदरसों में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पढ़ाया जाएगा। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य मदरसा छात्रों में देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देना और भारतीय सेना की वीरता और बलिदान की कहानियों से उन्हें अवगत कराना है। उत्तराखंड के 450 से ज्यादा मदरसों में करीब पांच हजार बच्चे तालीम लेते हैं।

उत्तराखंड मदरसा बोर्ड का निर्णय

उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने कहा, “हम अपने बच्चों को ऑपरेशन सिंदूर की सफल कहानी साझा करना चाहते हैं ताकि भावी पीढ़ियां समझ सकें कि हमारे सैनिकों ने इसे कितनी ताकत, बहादुरी और साहस के साथ अंजाम दिया, यह सुनिश्चित करते हुए कि कोई नागरिक हताहत न हो।” उन्होंने पाकिस्तान को “नापाक देश” करार देते हुए कहा कि पहलगाम हमले में मारे गए निहत्थे लोगों को सबक सिखाना जरूरी था। मुफ्ती कासमी ने कहा, “उत्तराखंड न केवल देवभूमि है, बल्कि सैनिकों की भूमि भी है। हमारे छात्रों को हमारी सेना के पराक्रम के बारे में जानना चाहिए।” इस निर्णय की घोषणा नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद की गई, जिसमें शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों, और सूफी विद्वानों का एक प्रतिनिधिमंडल भी शामिल था।

पाठ्यक्रम में बदलाव के लिए बैठक जल्द

ऑपरेशन सिंदूर को मदरसा पाठ्यक्रम में एक पूर्ण अध्याय के रूप में शामिल किया जाएगा, जो आलिया (इंटरमीडिएट) स्तर तक लागू होगा। ऑपरेशन सिंदूर को राज्य के 451 मान्यता प्राप्त मदरसों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा, जहां लगभग 50,000 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। मदरसा बोर्ड जल्द ही एक पाठ्यक्रम समिति की बैठक आयोजित करेगा ताकि इस अध्याय को अंतिम रूप दिया जा सके। यह कदम उत्तराखंड के मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने और NCERT पाठ्यक्रम को लागू करने की दिशा में एक और कदम है।

मदरसों में सुधार और सख्ती

उत्तराखंड सरकार ने हाल के महीनों में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के खिलाफ सख्ती भी दिखाई है। दिसंबर 2024 से अब तक, 180 से अधिक गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों को सील किया गया है। मदरसा बोर्ड की मान्यता समिति, जो पिछले पांच वर्षों से निष्क्रिय थी, ने 27 फरवरी 2025 को बैठक की और गैर-पंजीकृत मदरसों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है।

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की पहल

राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि सरकार मदरसों को आधुनिक बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। ऑपरेशन सिंदूर को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय बेहतर कदम है। यह विषय छात्रों को यह समझाने में मदद करेगा कि राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता को बनाए रखना हर नागरिक का कर्तव्य है। मदरसों के पाठ्यक्रम में “नैतिक शिक्षा”, “राष्ट्रीय एकता”, “भारत का संविधान”, और अब ऑपरेशन सिंदूर जैसे केस स्टडी आधारित विषय शामिल होने से बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा, “हमने देश भर के मदरसों में NCERT पाठ्यक्रम लागू किया है, जिससे बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा गया है। यह सुधार इन संस्थानों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा लाया है।” उत्तराखंड के मदरसों में ऑपरेशन सिंदूर को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय न केवल शैक्षिक सुधार की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह छात्रों में देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देने का एक प्रयास भी है। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि धार्मिक शिक्षण संस्थानों में समकालीन विषयों को शामिल किया जाए, तो इससे छात्रों का मानसिक विकास व्यापक होगा। साथ ही वे धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने को भी प्रेरित होंगे।

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

ऑपरेशन सिंदूर, उत्तराखंड पुलिस और खुफिया एजेंसियों द्वारा चलाया गया एक विशेष अभियान है, जिसका उद्देश्य भारत-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त संदिग्ध तत्वों की पहचान करना, धर्मांतरण जैसे मामलों की जांच करना और सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों को चिह्नित करना है। इस अभियान के तहत कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया और कई आपत्तिजनक दस्तावेज और उपकरण जब्त किए गए। अब इस अभियान को शैक्षिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया जाएगा ताकि छात्र यह समझ सकें कि राष्ट्र की सुरक्षा में उनकी क्या भूमिका हो सकती है और देश में आतंकी गतिविधियों का स्वरूप क्या होता है।

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