देहरादून : टिहरी बांध पुनर्वास परियोजना में भू-आवंटन घोटाले की शिकायतें लगातार सामने आने के बाद देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने इसे गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड शासन को सीबीसीआईडी या समकक्ष एजेंसी से जांच कराने की संस्तुति भेजी है। यह कार्रवाई जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान मिली शिकायतों के आधार पर की गई, जिनमें आवासीय भूखंडों के फर्जी आवंटन और भूमि कब्जे के मामले प्रमुख रूप से उभर कर आए।
पुलमा देवी मामला बना जांच का आधार
जनता दर्शन कार्यक्रम में पुलमा देवी, निवासी शास्त्रीपुरम एन्क्लेव, रायपुर रोड, देहरादून द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत ने भू-आवंटन प्रक्रिया में व्याप्त गंभीर अनियमितताओं की पोल खोल दी। वर्ष 2007 में खसरा संख्या 399च की भूमि उन्होंने दिनेश रावत नामक डीलर से खरीदी थी, जो उनके नाम दाखिल-खारिज भी हो चुकी थी। लेकिन समय के साथ उक्त भूमि पर राजरानी पत्नी रोशन लाल द्वारा जबरन कब्जा कर लिया गया। जांच में पता चला कि जिस भूखंड पर विवाद हुआ, वही भूखंड पहले चन्दरू पुत्र अमरू को वर्ष 2007 में पुनर्वास स्थल फूलसैणी में आवंटित किया गया था और बाद में उसी पर दोबारा भूमिधरी दर्ज कर दी गई। यानी एक ही भूखंड को दो बार दो अलग-अलग लोगों को आवंटित किया गया, जिससे साफ हुआ कि विभागीय प्रक्रियाओं में भारी गड़बड़ी और लापरवाही रही है।
एक भूखंड, दो मालिक
चन्दरू के मामले में तहसील विकासनगर और पुनर्वास विभाग की लचर प्रक्रिया उजागर हुई, जब 2019 में फिर से उसी भूखंड पर भूमिधरी दर्ज कर दी गई, जबकि पहले ही वह भूमि किसी और के नाम की जा चुकी थी। यह मामला सीधे तौर पर भूमि घोटाले, फर्जीवाड़े और प्रशासनिक मिलीभगत की ओर इशारा करता है। उप जिलाधिकारी विकासनगर की जांच रिपोर्ट के आधार पर अधीक्षण अभियंता (पुनर्वास) को जिम्मेदार ठहराते हुए गलत प्रविष्टि को निरस्त कराने के निर्देश दिए गए। इसके बाद राजस्व निरीक्षक द्वारा 7 जुलाई 2025 को भूमि अभिलेख तहसील विकासनगर को भेजे गए और 11 जुलाई 2025 को पुनः आवंटन रद्द कर दिया गया।
जिलाधिकारी ने की विशेष जांच दल की सिफारिश
जिलाधिकारी ने सचिव सिंचाई उत्तराखंड शासन को पत्र भेजकर कहा कि टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित परिवारों को आवासीय भूखंड आवंटन में हुई अनियमितताओं की विस्तृत और सुनियोजित जांच आवश्यक है। इसमें विशेष जांच दल या पुलिस की समकक्ष इकाई द्वारा सीबीसीआईडी स्तर की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होनी चाहिए, जिससे प्रभावित परिवारों को न्याय मिल सके। दोषियों को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई की जा सके और पुनर्वास विभाग के भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके। साथ ही भविष्य में इस प्रकार के घोटालों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
जनता दर्शन में लगातार मिल रही हैं शिकायतें
टिहरी पुनर्वास विभाग से जुड़ी शिकायतें लगातार जनता दर्शन व जन सुनवाई कार्यक्रमों में सामने आ रही हैं। सुमेर चंद, आशीष चौहान और पुलमा देवी जैसे कई मामलों में भूमि आवंटन से जुड़ी धोखाधड़ी उजागर हुई है। इन शिकायतों में आवंटन प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेज, दोहरे मालिक, कब्जा विवाद और प्रशासनिक लापरवाही की गंभीर समस्याएं दिखीं, जो राज्य की पुनर्वास व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं। जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्पष्ट किया कि लैंड फ्रॉड में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। जिला प्रशासन ऐसे व्यक्तियों को जेल भेजने की तैयारी कर रहा है, जो पीड़ितों की जमीन पर कब्जा कर या फर्जीवाड़े से आवंटन प्राप्त कर चुके हैं।


शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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