‘गुप्ता चाट भंडार’ चला रहा था गुलफाम, पुलिस ने दबोचा

Uttarakhand News : उत्तराखंड में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने ‘गुप्ता चाट भंडार’ के नाम से खाने-पीने की दुकान चलाकर लोगों के साथ धोखाधड़ी की। गुलफाम नामक इस व्यक्ति को हरिद्वार पुलिस ने जनभावनाओं के साथ छल करने और नाम छिपाकर व्यवसाय करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही, दुकान के मालिक के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है, जिसने यह दुकान गुलफाम को किराए पर दी थी।

नाम से लोगों को कर रहा था भ्रमित, दुकान पर चला छापा

पुलिस और प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गुलफाम छह माह पूर्व से हरिद्वार के नारसन बॉर्डर क्षेत्र में ‘गुप्ता चाट भंडार’ नामक दुकान चला रहा था। दुकान के बाहर लगे साइनबोर्ड और खाद्य लाइसेंस में भी यही नाम दर्ज था। लेकिन जब यह जानकारी स्थानीय निवासियों को हुई कि दुकान का संचालन किसी अन्य समुदाय विशेष का व्यक्ति कर रहा है, तो नाराज नागरिकों ने पुलिस से शिकायत की। शिकायत मिलते ही पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दुकान पर छापा मारा। जांच में पुष्टि हुई कि दुकान वास्तव में गुलफाम चला रहा था, जिसने अपना नाम छिपाकर हिंदू पहचान वाले नाम से दुकान का संचालन कर रहा था। इस पर पुलिस ने तुरंत गुलफाम को हिरासत में ले लिया।

दुकान मालिक पर भी मामला दर्ज

एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने मीडिया से जानकारी साझा करते हुए बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि दुकान किसी अन्य व्यक्ति की थी, जिसने इसे छह माह पहले गुलफाम को किराए पर दिया था। गुलफाम ने न केवल फर्जी नाम से दुकान का संचालन किया बल्कि जनमानस को गुमराह कर व्यावसायिक लाभ भी उठाया। इस मामले में दुकान मालिक के विरुद्ध भी मामला दर्ज कर लिया गया है। एसएसपी ने कहा कि इस तरह की गतिविधियां न केवल समाज में भ्रम पैदा करती हैं बल्कि सांप्रदायिक सद्भाव को भी प्रभावित कर सकती हैं।

पूरे हरिद्वार में वेरिफिकेशन शुरू

हरिद्वार पुलिस ने पूरे जिले में नाम छिपाकर व्यवसाय करने वालों की जांच के लिए विशेष वेरिफिकेशन ड्राइव शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि यदि भविष्य में कोई भी व्यक्ति या समूह इस प्रकार का छल करता पाया गया, तो उनके खिलाफ भी संबंधित धाराओं में कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

लोगों में आक्रोश

घटना की जानकारी सोशल मीडिया पर फैलने के बाद स्थानीय नागरिकों और धार्मिक संगठनों में आक्रोश है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि फर्जी पहचान के सहारे दुकान खोलना और जनभावनाओं का दोहन करना एक गहरी साजिश का हिस्सा है या प्रशासन की लापरवाही? स्थानीय निवासी राकेश शर्मा ने कहा, “यह न केवल धोखाधड़ी है, बल्कि हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। हमें ऐसी दुकानों पर भरोसा होता है, लेकिन इस तरह की घटनाएं विश्वास तोड़ देती हैं।” कई लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए जाएं और सभी दुकानों का नियमित निरीक्षण किया जाए।

इस तरह के मामले बढ़े

हरिद्वार में नाम छिपाकर व्यवसाय करने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। 2024 में हरकी पैड़ी क्षेत्र में एक दुकान के मालिक ने फर्जी नाम से खाद्य लाइसेंस प्राप्त किया था, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई की थी। इस तरह की घटनाएं न केवल स्थानीय लोगों के विश्वास को तोड़ती हैं, बल्कि हरिद्वार के पर्यटन और धार्मिक महत्व को भी प्रभावित करती हैं। हरिद्वार में हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक गंगा स्नान और अन्य धार्मिक आयोजनों के लिए आते हैं। एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने कहा कि प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वेरिफिकेशन अभियान को पूरे जिले में प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

उपभोक्ताओं और पर्यटकों के लिए सलाह

  • दुकान की विश्वसनीयता जांचें: खाने-पीने की दुकानों से खरीदारी करने से पहले उनके फूड लाइसेंस और मालिक की पहचान की जांच करें।

  • शिकायत दर्ज करें: यदि किसी दुकान या व्यवसाय में धोखाधड़ी का संदेह हो, तो तुरंत स्थानीय पुलिस या जिला प्रशासन से संपर्क करें।

  • जागरूक रहें: पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे हरिद्वार में केवल विश्वसनीय और लाइसेंस प्राप्त दुकानों से ही खरीदारी करें।

  • हेल्पलाइन: हरिद्वार पुलिस की हेल्पलाइन नंबर 112 पर किसी भी आपात स्थिति में संपर्क करें।

SD Pandey

शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।


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