Dehradun : उत्तराखंड में चार प्रमुख शहरों में स्थित खेल परिसरों को नए नाम दिए गए हैं। उत्तराखंड खेल विभाग ने इसका आदेश जारी कर दिया गया है। इनमें देहरादून, हल्द्वानी, रुद्रपुर, और हरिद्वार के खेल परिसर शामिल हैं। खेल विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, केवल सम्पूर्ण खेल परिसर को नया नाम दिया गया है। विभिन्न खेल अवस्थापना सुविधाओं के जो नाम पूर्व से प्रचलित हैं, उनमें बदलाव नहीं है।
उत्तराखंड के स्टेडियमों का नया नाम जानें
- देहरादून: रायपुर में स्थित महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, और अन्य खेल सुविधाओं को एकीकृत कर अब रजत जयंती खेल परिसर नाम दिया गया है।
- हल्द्वानी: गौलापार में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, हॉकी ग्राउंड, तरण ताल, मल्टीपरपज हॉल, और अन्य खेल ढांचे को अब मानसखंड खेल परिसर के नाम से जाना जाएगा।
- रुद्रपुर: मनोज सरकार स्टेडियम, साइकिलिंग वेलोड्रोम, और अन्य खेल सुविधाओं को एकीकृत कर शिवालिक खेल परिसर नाम दिया गया है।
- हरिद्वार: रोशनाबाद में वंदना कटारिया हॉकी स्टेडियम, मल्टीपरपज हॉल, तरण ताल, और अन्य सुविधाओं को अब योगस्थली खेल परिसर के नाम से जाना जाएगा।
हल्द्वानी का मानसखंड खेल परिसर कब शुरू हुआ?
हल्द्वानी का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, जिसका उद्घाटन 18 दिसंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किया था, 70 एकड़ में फैला हुआ है। यह स्टेडियम 25,000 दर्शकों की क्षमता वाला है और इसमें क्रिकेट व फुटबॉल मैदान, 800 मीटर रनिंग ट्रैक, हॉकी मैदान, बैडमिंटन कोर्ट, लॉन टेनिस कोर्ट, बॉक्सिंग रिंग, और तरण ताल जैसी सुविधाएं हैं। यह स्टेडियम गौला नदी के किनारे स्थित है और हल्द्वानी बस स्टेशन से 3 किमी और रेलवे स्टेशन से 2.5 किमी की दूरी पर है।
इस स्टेडियम को अब मानसखंड खेल परिसर के नाम से जाना जाएगा, जो कुमाऊं क्षेत्र की सांस्कृतिक और पौराणिक पहचान को दर्शाता है। मानसखंड, जो कुमाऊं क्षेत्र का ऐतिहासिक नाम है, पौराणिक ग्रंथों में उल्लेखित है और इसे भगवान शिव से जोड़ा जाता है। इस नामकरण से न केवल स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह क्षेत्र खेल के क्षेत्र में एक नई पहचान स्थापित करेगा।
उत्तराखंड में खेलों की स्थिति
उत्तराखंड खेल विभाग ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। राज्य में 13 जनपदों में से 11 में 23 स्टेडियम निर्मित हैं, और देहरादून व हल्द्वानी में दो अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम हैं। इसके अलावा, 5 मल्टीपरपज क्रीड़ा हॉल, 17 इंडोर हॉल, 3 तरण ताल, और 1 आईस स्केटिंग रिंक भी मौजूद हैं। सरकार की योजना प्रत्येक जनपद में स्टेडियम और मल्टीपरपज हॉल के निर्माण की है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी खेलों को बढ़ावा मिले।
नए नामकरण पर प्रतिक्रियाएं
खेल मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि यह नामकरण नई स्पोर्ट्स लिगेसी प्लान का हिस्सा है, जिसके तहत सरकार खेल परिसरों में नई सुविधाएं और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षकों की नियुक्ति की योजना बना रही है। विपक्षी दलों, विशेष रूप से कांग्रेस के कुछ नेताओं , ने इस कदम की आलोचना की है, क्योंकि स्टेडियम का नाम गांधी-नेहरू परिवार से जुड़ा था। कुछ आलोचकों का मानना है कि यह कदम राजनीतिक है, जबकि खेल विभाग के प्रभारी अपर निदेशक खेल अजय कुमार अग्रवाल ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि विभिन्न खेल अवस्थापना सुविधाओं के जो नाम पूर्व से प्रचलित हैं, वे यथावत रहेंगे। केवल सम्पूर्ण खेल परिसर को नाम दिया गया है।
सरकार ने दिए ये तर्क
- क्षेत्रीय पहचान को बढ़ावा: रजत जयंती, मानसखंड, शिवालिक, और योगस्थली जैसे नाम उत्तराखंड की सांस्कृतिक और भौगोलिक विरासत को दर्शाते हैं।
- खेल ढांचे का एकीकरण: विभिन्न खेल सुविधाओं को एक नाम के तहत लाकर प्रबंधन और विकास को आसान बनाना।
- नई सुविधाएं और प्रशिक्षण: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कोच नियुक्त करना और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करना।


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