देहरादून : उत्तराखंड सरकार ने राज्य के अधिकारियों और कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति को लेकर सख्त रुख अपनाया है। अब अगर कोई कर्मचारी महीने में चार दिन देर से दफ्तर पहुंचता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में उत्तराखंड शासनादेश सचिव विनोद कुमार सुमन द्वारा जारी किया गया है।
सचिव विनोद कुमार सुमन का आदेश
उत्तराखंड शासन के सचिव विनोद कुमार सुमन ने आदेश में स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों की समयबद्ध उपस्थिति सरकारी कार्यों की गुणवत्ता और जनसेवा के लिए अत्यंत आवश्यक है। इस आदेश को लागू करने के लिए सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने कर्मचारियों की उपस्थिति पर कड़ी नजर रखें और नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें। आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि देरी से आने की स्थिति में कर्मचारियों को पहले चेतावनी दी जाएगी, ताकि वे अपनी कार्यशैली में सुधार कर सकें। हालांकि, बार-बार नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें : कैंची धाम बाईपास को केंद्र सरकार की मंजूरी
उत्तराखंड शासनादेश : नए नियमों में क्या है?
जारी आदेश के अनुसार, कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर एक स्पष्ट और क्रमबद्ध कार्रवाई प्रक्रिया निर्धारित की गई है। देरी से दफ्तर आने की स्थिति में कड़े कदम उठाए जाएंगे। ये नियम सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों पर समान रूप से लागू होंगे, और इसका उद्देश्य कार्यालयों में समय की पाबंदी को सुनिश्चित करना है।
- एक दिन देर से आने पर मौखिक चेतावनी दी जाएगी।
- दो दिन देर से आने पर लिखित चेतावनी दी जाएगी।
- तीन दिन देर से आने पर एक दिन का आकस्मिक अवकाश (CL) काटा जाएगा।
- चार या अधिक बार देर से आने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में कर्मचारियों, पेंशनर्स का डीए 2% बढ़ा
कार्यालय में समय पर उपस्थिति होगी अनिवार्य
15 मई 2025 को जारी शासनादेश संख्या-586 में यह निर्देश दिए गए हैं कि अब सभी कर्मचारी एवं अधिकारी को प्रातः 10:00 बजे तक कार्यालय में अनिवार्य रूप से उपस्थित होना होगा। यदि कोई कर्मी 10:15 बजे के बाद उपस्थित होता है, तो उसे उस दिन अनुपस्थित माना जाएगा। शासन ने स्पष्ट किया है कि इस निर्णय का उद्देश्य कार्यक्षमता और सार्वजनिक सेवा की गुणवत्ता में सुधार लाना है।
बायोमेट्रिक हाजिरी होगी अनिवार्य
- सभी कर्मचारियों को बायोमेट्रिक हाजिरी लगाना अनिवार्य है।
- कार्यालय प्रमुखों को इसकी साप्ताहिक निगरानी करनी होगी।
- सभी कार्यालयों में बायोमेट्रिक सिस्टम सक्रिय अवस्था में रहना अनिवार्य होगा।
यह भी जानें : 8th Pay Commission से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कितनी बढ़ेगी
किसे मिलेगी छूट?
इन परिस्थितियों में कर्मचारियों को छूट मिल सकती है:
- निर्वाचन कार्यों में तैनात अधिकारी/कर्मचारी
- प्राकृतिक आपदा या आपातकालीन स्थितियों में नियुक्त कार्मिक
- सक्षम अधिकारी द्वारा पूर्व स्वीकृत विशेष कारण
अनुपस्थिति की स्थिति में क्या होगा?
- वेतन में कटौती की जाएगी।
- मासिक समीक्षा में अनुपस्थित कर्मचारियों की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजनी होगी।
- कार्यालय प्रमुखों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।


शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
Discover more from Uncut Times - ब्रेकिंग न्यूज, फैक्ट चेक, विश्लेषण
Subscribe to get the latest posts sent to your email.