देहरादून/वाराणसी। उत्तराखंड के विकास की दिशा और करीबी राज्यों से बेहतर तालमेल के लिए 24 जून को काशी (वाराणसी) में एक अहम बैठक होने जा रही है। इस दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक आयोजित की जाएगी। यह बैठक उत्तराखंड के लिए इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि इसमें सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास, आपदा प्रबंधन, जल संसाधन और बुनियादी ढांचे से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लिए जा सकते हैं।
सीएम पुष्कर धामी होंगे शामिल
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने के लिए वाराणसी जाएंगे। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी बैठक में शामिल होंगे। 25वीं मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक के लिए उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के सीनियर आईएएस अधिकारी प्रमुख सचिव आरके सुधांशु को सलाहकार नामित किया है। इसके अजावा सिंचाई विभाग के मंत्री सतपाल महाराज और वन मंत्री सुबोध उनियाल को परिषद का सदस्य नामित किया गया है।
सीएम ने की बैठक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक की तैयारियों के संबंध में गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्चस्तरीय बैठक की । उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि “इकोलॉजी और इकोनॉमी के समन्वय” की भावना के अनुरूप ऐसे प्रस्ताव तैयार किए जाएं जो प्रदेश के समग्र, सतत और संतुलित विकास को नई गति प्रदान कर सकें। बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, अपर पुलिस महानिदेशक एपी अंशुमन, सचिव विनोद कुमार सुमन और महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्य सचिव ने भी दिए निर्देश
मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में मध्य क्षेत्रीय परिषद (CZC) में राज्य की ओर से रखे जाने वाले बिंदुओं की तैयारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मुख्य सचिव ने पंचायतीराज विभाग को राज्य वित्त आयोग के दिशा – निर्देशों की एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इस दौरान बैठक में सचिव चंद्रेश कुमार व विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे, सोनिका, विनीत कुमार, हिमांशु खुराना, अपूर्वा पांडेय सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
पिछली बार नरेंदगनगर, अब काशी में आयोजन
पिछली यानी 24वीं बैठक उत्तराखंड के नरेन्द्रनगर में आयोजित हुई थी, और इस बार मेजबानी की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश को सौंपी गई है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बार बैठक के आयोजन स्थल के रूप में काशी (वाराणसी) को चुना है। बैठक नदेसर स्थित होटल ताज में संपन्न होगी।बैठक को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। सुरक्षा व्यवस्था से लेकर आयोजन स्थल पर उच्चस्तरीय व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में अपने-अपने विभागों से जुड़ी रिपोर्ट्स और प्रस्तावों के साथ उपस्थित होंगे।
क्या है मध्य क्षेत्रीय परिषद?
मध्य क्षेत्रीय परिषद, देश की पांच क्षेत्रीय परिषदों में से एक है, जो केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय को बढ़ावा देने और आपसी मुद्दों के समाधान के लिए कार्य करती है। इसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। यह बैठक चारों राज्यों के बीच सीमा सुरक्षा, जल संसाधन, बुनियादी ढांचे, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन और कानून व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा और समन्वय का मंच है। उत्तराखंड के लिहाज से यह बैठक न सिर्फ अंतरराज्यीय सहयोग को मजबूत करेगी, बल्कि सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए भी नई नीतियों का रास्ता खोल सकती है।
क्यों है यह बैठक उत्तराखंड के लिए महत्वपूर्ण?
- सीमावर्ती जिलों की समस्याओं पर चर्चा की संभावना।
- आपदा प्रबंधन में केंद्रीय सहयोग को लेकर निर्णय संभव।
- राज्यों के बीच जल वितरण और नदी प्रबंधन जैसे विषयों पर समन्वय।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी को लेकर केंद्रीय योजनाओं का समर्थन।
बैठक का एजेंडा और महत्व
मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। इनमें शामिल हैं:
- बुनियादी ढांचे का विकास: सड़क, रेल, और अन्य परिवहन सुविधाओं के विस्तार पर विचार-विमर्श।
- जल आपूर्ति और पर्यावरण: जल संसाधन प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित नीतियां।
- सहकारी संघवाद: राज्यों के बीच समन्वय और केंद्र-राज्य संबंधों को मजबूत करना।
- सामाजिक और आर्थिक विकास: आयुष्मान भारत, पोषण अभियान, और स्कूली बच्चों की ड्रॉपआउट दर कम करने जैसे विषय।
इसके अलावा, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की जांच में तेजी, फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट्स की स्थापना, और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। यह बैठक चार राज्यों के लिए एक रणनीतिक रोडमैप तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। माना जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में यह बैठक इन राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देगी, जिससे क्षेत्रीय और राष्ट्रीय विकास को नई दिशा मिलेगी।


शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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