अभ्यर्थी सुरेंद्र कुमार की ओर से अपलोड किए गए दस्तावेजों में जब स्थायी निवास व ओबीसी देखे गए तो पुलिस ने इसकी जांच की।

पुलिस सूत्रों की मानें तो प्राथमिक जांच में दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं, क्योंकि इसमें आवेदन संख्या में कुछ गड़बड़ी सामने आ रही है। ऐसे में पुलिस जल्द मिलीभगत करके इस तरह से दस्तावेज तैयार करने वालों को भी गिरफ्तार कर सकती है। पुलिस पता कर रही है कि किसकी मिलीभगत से यह दस्तावेज तैयार जा रहे हैं। यदि यह दस्तावेज भी फर्जी बन रहे हैं तो मामला और भी गंभीर हो सकता है।