देहरादून-मसूरी रोपवे : 15 मिनट में मसूरी पहुंच सकेंगे, परियोजना में आई तेजी

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देहरादून। उत्तराखंड में बहुप्रतीक्षित देहरादून-मसूरी रोपवे परियोजना का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस 300 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना के अंतर्गत 26 में से 24 टावरों का फाउंडेशन कार्य पूर्ण हो चुका है। फिलहाल बारिश के कारण कार्य की रफ्तार धीमी है, लेकिन पर्यटन विभाग का दावा है कि वर्ष 2026 के अंत तक यह परियोजना पूरी हो जाएगी।

क्या है देहरादून-मसूरी रोपवे परियोजना?

देहरादून और मसूरी के बीच लगातार बढ़ते ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (UTDB) द्वारा इस महत्वाकांक्षी रोपवे परियोजना की शुरुआत की गई है। यह परियोजना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत मसूरी स्काईवॉर कंपनी द्वारा निर्मित की जा रही है। रोपवे की कुल लंबाई लगभग 5.5 किलोमीटर होगी, जिससे देहरादून से मसूरी की यात्रा केवल 15 मिनट में पूरी की जा सकेगी। परियोजना की कुल लागत ₹300 करोड़ आंकी गई है। इसमें 26 टावर प्रस्तावित हैं, जिनमें से 24 का फाउंडेशन कार्य पूर्ण हो चुका है। इस अत्याधुनिक रोपवे में 55 केबिन लगाए जाएंगे, जिनमें एक घंटे में लगभग 1,000 यात्रियों को लाने-ले जाने की क्षमता होगी। पर्यटन विभाग का लक्ष्य है कि यह परियोजना वर्ष 2026 के अंत तक पूरी कर ली जाए।

लोअर और अपर टर्मिनल का कार्य लगभग पूर्ण

  • लोअर टर्मिनल स्टेशन देहरादून के पुरकुल गांव में बन रहा है, जहां 90% कार्य पूरा हो चुका है। जल्द ही फिनिशिंग वर्क शुरू होगा।
  • वहीं, अपर टर्मिनल स्टेशन मसूरी के गांधी पार्क क्षेत्र में बनाया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है।

पार्किंग और सुविधाएं

पर्यटकों की सुविधा के लिए पुरकुल टर्मिनल पर 10 मंजिला पार्किंग भवन का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें एक बार में 2000 से अधिक वाहन खड़े किए जा सकेंगे। साथ ही कैफेटेरिया, शौचालय और रेस्ट एरिया जैसी आधुनिक सुविधाएं भी विकसित की जा रही हैं।

बारिश बनी रुकावट, लेकिन नहीं थमेगा विकास

इन दिनों उत्तराखंड में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण निर्माण सामग्री और मशीनरी के उपयोग में कुछ बाधाएं उत्पन्न हुई हैं। लेबर की उपलब्धता और कार्य दक्षता पर भी इसका असर पड़ा है। हालांकि, वर्षा रुकते ही कार्य को और गति देने की योजना है।

पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

इस परियोजना के पूरा होने से न केवल देहरादून-मसूरी के बीच सफर आसान और सुविधाजनक होगा, बल्कि इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। इसके अलावा, यह परियोजना सस्टेनेबल टूरिज्म के दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

वन विभाग की अनुमति के बाद शुरू होगा बाकी टावरों का काम

शेष बचे 2 टावरों का निर्माण कार्य वन विभाग की अनुमति के पश्चात शुरू किया जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही यह अनुमति प्राप्त हो जाएगी जिससे परियोजना को तय समय में पूरा किया जा सके।

Manisha Mediaperson

मनीषा हिंदी पत्रकारिेता में 20 वर्षों का गहन अनुभव रखती हैं। हिंदी पत्रकारिेता के विभिन्न संस्थानों के लिए काम करने का अनुभव। खेल, इंटरटेनमेंट और सेलीब्रिटी न्यूज पर गहरी पकड़। Uncut Times के साथ सफर आगे बढ़ा रही हैं। इनसे manisha.media@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।


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