बड़ा फैसला : उत्तराखंड में कक्षा 1 में दाखिले की उम्र सीमा बढ़ी

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देहरादून : उत्तराखंड सरकार ने अभिभावकों और स्कूलों के लिए एक राहत भरा निर्णय लेते हुए पहली कक्षा में दाखिले के लिए आयु सीमा में अहम संशोधन किया है। अब किसी भी बच्चे को पहली कक्षा में दाखिला तभी मिलेगा जब वह 1 जुलाई तक छह साल की उम्र पूरी कर चुका हो। इससे पहले यह सीमा 1 अप्रैल थी, जिससे हर साल हजारों बच्चे कुछ सप्ताह के अंतर से दाखिले से वंचित हो जाते थे।

शिक्षा के अधिकार नियमावली में बदलाव

राज्य सरकार ने शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम 2009 के तहत उत्तराखंड शिक्षा के अधिकार नियमावली 2011 में संशोधन करते हुए शुक्रवार को संशोधित नियमावली 2025 की अधिसूचना जारी की। इस निर्णय का उद्देश्य बच्चों को स्कूली शिक्षा के लिए मानसिक और बौद्धिक रूप से तैयार करने के साथ-साथ दाखिले की प्रक्रिया को अधिक न्यायसंगत बनाना है।

किन्हें मिलेगा लाभ?

इस संशोधन से उन हजारों बच्चों और उनके अभिभावकों को राहत मिलेगी, जिनकी उम्र पहले की निर्धारित तिथि (1 अप्रैल) से कुछ ही दिन या हफ्ते कम होती थी। अब 1 जुलाई तक छह साल पूरे करने वाले सभी बच्चे पहली कक्षा में दाखिला ले सकेंगे।

प्री-स्कूल वाले बच्चों को नहीं होगी दिक्कत

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन बच्चों ने पहले से प्री-स्कूल (प्री-प्राइमरी) में दाखिला ले लिया है, उन पर यह नया नियम लागू नहीं होगा। ऐसे बच्चे पहले की तरह निर्धारित समय पर कक्षा-एक में पढ़ाई शुरू कर सकेंगे।

स्कूलों को सुनिश्चित करनी होगी न्यूनतम आयु सीमा

राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि पहली कक्षा में केवल वही बच्चे दाखिला लें जिन्होंने छह साल की उम्र पूरी कर ली हो। यह नीति भविष्य में एकरूपता बनाए रखने और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में मदद करेगी।

बदलाव को ऐसे समझें

बिंदुपहले (पुरानी व्यवस्था)अब (संशोधित व्यवस्था 2025)
दाखिले के लिए न्यूनतम उम्र6 वर्ष6 वर्ष
उम्र पूरी करने की अंतिम तिथि1 अप्रैल1 जुलाई
प्रभावित वर्गसभी नए दाखिला लेने वाले बच्चेसभी नए दाखिला लेने वाले बच्चे
प्री-स्कूल में पढ़ चुके बच्चेनियम लागू होता थाउन पर नया नियम लागू नहीं होगा
समस्याकुछ बच्चे कुछ हफ्तों के अंतर से वंचित हो जाते थेअब उन्हें दाखिला लेने का अवसर मिलेगा
स्कूलों की जिम्मेदारीआयु सीमा की जांच अक्सर अनदेखी होती थीसभी स्कूलों को 6 साल की न्यूनतम उम्र सुनिश्चित करनी होगी

कैसे मददगार होगा यह संशोधन?

  • दाखिले की संख्या में बढ़ोतरी: अब अधिक बच्चों को समय पर स्कूली शिक्षा शुरू करने का मौका मिलेगा।
  • अभिभावकों की चिंता होगी कम: कई बार छोटे अंतर की वजह से बच्चों को दाखिले से वंचित होना पड़ता था, अब वैसी स्थिति नहीं बनेगी।
  • शैक्षणिक दक्षता में सुधार: बच्चे उम्र के अनुसार अधिक परिपक्व अवस्था में स्कूली शिक्षा शुरू करेंगे, जिससे उनकी समझ और प्रदर्शन बेहतर होगा।

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Pankaj Joshi senior Jounalist

पंकज जोशी हिंदी पत्रकारिता का जाना पहचाना नाम हैं। बिजनेस, ऑटो, टेक और आर्थिक मामलों के जानकार है। लगभग 25 वर्षों से विभिन्न संस्थानों में सेवाएं दे चुके हें। विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें प्रकाशित। कई मीडिया शो और इंटरव्यू के जरिए दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुके हैं। UNCUT TIMES के वरिष्ठ सहयोगी के रूप में टीम का मार्गदर्शन कर रहे हैं। इनसे pankajjoshi@uncuttimes.com पर संपर्क किया जा सकता है।


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