आल्पस दवा फैक्टरी फिर चालू होगी, स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार

Uttarakhand News : उत्तराखंड की 50 साल पुरानी आल्पस दवा फैक्टरी एक बार फिर चालू होगी। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के आदेश के बाद दिल्ली की सिविक सर्विसेज होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड ने इस फैक्ट्री का अधिग्रहण कर लिया है। इस अधिग्रहण के बाद फैक्ट्री को दोबारा शुरू करने की तैयारियां तेज हो गई हैं।

1975-76 में हुई स्थापना

आल्पस फार्मास्यूटिकल्स की स्थापना वर्ष 1975 में अल्मोड़ा के पातालदेवी में खजान जोशी ने एक छोटे उद्योग के रूप में की थी। उस समय यह फैक्ट्री जीवनरक्षक दवाओं के उत्पादन के लिए जानी जाती थी, जो उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, और अन्य राज्यों के सरकारी व निजी अस्पतालों में सप्लाई की जाती थीं। फैक्ट्री में 400 से अधिक कर्मचारी कार्यरत थे, जिनमें कुशल और अकुशल दोनों तरह के श्रमिक शामिल थे। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का स्रोत थी, बल्कि कुमाऊं क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देती थी। शुरुआत में फैक्टरी स्थानीय उद्यमियों द्वारा संचालित की गई, लेकिन 2005-06 में इसका प्रबंधन बदल गया, जब गुजरात के कुछ व्यवसायियों ने कंपनी के अधिकांश शेयर खरीदकर मालिकाना हक हासिल कर लिया।

20 करोड़ से अधिक का बैंक लोन बना गिरावट की वजह

नई प्रबंधन टीम द्वारा कंपनी के विस्तार और निवेश के लिए गुजरात स्थित देना बैंक की कलोल गांधीनगर शाखा से करीब 20 करोड़ रुपये से अधिक का लोन लिया गया था। लेकिन दुर्भाग्यवश, कंपनी समय पर ऋण की किश्तें नहीं चुका सकी और धीरे-धीरे वित्तीय संकट में फंस गई। नतीजतन, फैक्टरी का संचालन प्रभावित हुआ और 300 से अधिक कर्मचारियों को रोजगार देने वाली कंपनी धीरे-धीरे बंद होने की कगार पर पहुंच गई। नतीजतन, 2017 में आल्पस को बंद करना पड़ा, जिसके कारण सैकड़ों कर्मचारी बेरोजगार हो गए। स्थानीय निवासी त्रिलोचन जोशी के अनुसार, कंपनी के मालिकों के बीच आपसी विवाद भी इस बंदी का एक बड़ा कारण था।

सिविक सर्विसेज ने किया अधिग्रहण

आल्पस के बंद होने के बाद इसका मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में पहुंचा। एनसीएलटी के आदेश के बाद सिविक सर्विसेज होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली ने आल्पस की सभी परिसंपत्तियों का अधिग्रहण कर लिया। यह अधिग्रहण कुमाऊं क्षेत्र के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। कंपनी ने घोषणा की है कि अगले 6 से 7 महीनों में अल्मोड़ा के पातालदेवी में स्थित इस संयंत्र में दवा उत्पादन फिर से शुरू हो जाएगा।

आधुनिक मशीनें और संयंत्र लगाए जा रहे

सिविक सर्विसेज होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के अपर निदेशक डॉ. गिरीश मैनाली ने बताया कि फैक्ट्री को केंद्र और राज्य सरकार के नए मानकों के अनुरूप संचालित करने की योजना है। इसके लिए अत्याधुनिक मशीनरी और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादन के लिए आवश्यक संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय प्रशासन का पूरा सहयोग मिल रहा है, जो इस परियोजना को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार का अवसर

आल्पस फार्मास्यूटिकल्स के पुनरुद्धार से अल्मोड़ा और कुमाऊं क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। डॉ. गिरीश मैनाली के अनुसार, फैक्ट्री के शुरू होने पर 600 से 700 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें न केवल पुराने कर्मचारियों को उनकी योग्यता के आधार पर फिर से नियुक्त करने की योजना है, बल्कि नए स्थानीय युवाओं को भी अवसर प्रदान किए जाएंगे।

उत्तराखंड की लेटेस्ट अपडेट न्यूज के लिए जुड़े रहें Uncuttimes.com से!

SD Pandey

शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।


Discover more from Uncut Times - ब्रेकिंग न्यूज, फैक्ट चेक, विश्लेषण

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Scroll to Top