सीएम ने बैठाई जांच : एंबुलेंस मिलने में देरी, पांच अस्पताल में भटककर मासूम की मौत

Uttarakhand News : उत्तराखंड के सरकारी स्वास्थ्य तंत्र की लापरवाही ने एक सैनिक के परिवार की दुनिया उजाड़ दी। जम्मू-कश्मीर में देश की सीमाओं की रक्षा करने वाला फौजी, अपने ही घर के नन्हे चिराग को सिस्टम की बेरुखी से नहीं बचा पाया। इलाज के लिए पांच अस्पतालों में भटकते हुए डेढ़ साल के मासूम शुभांशु की जान चली गई। अब इस मामले ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है। सीएम ने मामले का संज्ञान लेते हुए कुमाऊं कमिश्नर को जांच के आदेश दिए हैं।

इलाज के इंतजार में मासूम ने तोड़ा दम

गढ़वाल और कुमाऊं के ग्वालदम, बैजनाथ, बागेश्वर, अल्मोड़ा और हल्द्वानी के अस्पतालों में डेढ़ साल के शुभांशु को इलाज नहीं मिल सका। डॉक्टरों ने “हायर सेंटर” कहकर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टाल दी, नतीजतन कीमती समय हाथ से निकल गया। मासूम की मौत का दर्द उस सैनिक दिनेश चंद्र के लिए असहनीय है, जो चमोली जिले के चिड़ंगा गांव से हैं और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं।

मां ने बेटे को सीने से लगाए अस्पतालों के चक्कर काटे

10 जुलाई की दोपहर शुभांशु की तबीयत बिगड़ी। मां और परिजन पहले ग्वालदम अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां इलाज न मिलने पर उन्हें बैजनाथ और फिर बागेश्वर जिला अस्पताल भेजा गया। शाम 6 बजे शुभांशु को भर्ती किया गया लेकिन गंभीर हालत बताते हुए डॉक्टरों ने उसे फिर रेफर कर दिया।

डीएम को कॉल करने के बाद आई एंबुलेंस

परिजनों ने 108 एंबुलेंस के लिए कॉल किया, लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी कोई सहायता नहीं मिली। मजबूरी में सैनिक पिता दिनेश ने खुद डीएम को कॉल किया, तब जाकर रात साढ़े 9 बजे एंबुलेंस उपलब्ध हो सकी। बच्चे को अल्मोड़ा, फिर हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। शुभांशु की सांसें टूट चुकी थीं।

सोशल मीडिया पर छलका फौजी पिता का दर्द

बेटे के अंतिम संस्कार के बाद दिनेश चंद्र ने सोशल मीडिया पर एक मार्मिक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने सिस्टम से सीधा सवाल पूछा — “देश के लिए मैं बॉर्डर पर खड़ा हूं, लेकिन अपने बेटे को एक वक्त की एंबुलेंस और इलाज नहीं दिला पाया। क्या यही है हमारी व्यवस्था?” उन्होंने बागेश्वर जिला अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ पर भी आरोप लगाए। जब उन्होंने अस्पताल के इमरजेंसी डॉक्टर डॉ. भूपेंद्र घटियाल से बात की, तो उन्हें एंबुलेंस की कोई जानकारी नहीं दी गई और कथित तौर पर अभद्र व्यवहार किया गया।

मुख्यमंत्री ने जताया दुख, दिए जांच के आदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दर्दनाक घटना पर गहरा शोक जताया और कहा कि “यह अत्यंत पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रारंभिक रिपोर्ट्स से प्रतीत होता है कि कुछ स्तरों पर अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरती गई है।” मुख्यमंत्री ने कुमाऊं आयुक्त को तत्काल जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनता के विश्वास और जीवन की रक्षा में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

CMO ने दी सफाई, कार्रवाई का भरोसा

बागेश्वर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. कुमार आदित्य तिवारी ने कहा कि “परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच कराई जाएगी। 108 सेवा के प्रभारी को नोटिस भेजा गया है। अगर किसी स्वास्थ्यकर्मी की लापरवाही सामने आती है तो सख्त कार्रवाई होगी।”

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