थराली में बैली ब्रिज ढहने पर 4 इंजीनियर सस्पेंड, ठेकेदार पर केस दर्ज

थराली में बैली ब्रिज ढहने पर 4 इंजीनियर सस्पेंड, ठेकेदार पर केस दर्ज

थराली (चमोली) : थराली में निर्माणाधीन बैली ब्रिज ढहने के मामले में इंजीनियरों और ठेकेदार पर कार्रवाई की गई है। बैली ब्रिज निर्माण में लापरवाही बरतने के आरोप में दो अधिशासी अभियंता समेत चार अभियंताओं को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, पुलिस ने ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।

काम में लापरवाही का आरोप

चमोली जनपद में थराली तहसील के रतगांव क्षेत्र में बन रहे बैली ब्रिज का ढांचा एक दिन पहले अचानक भरभराकर गिर गया। यह पुल निर्माणाधीन था और इसके 60 मीटर लंबे स्पान का काम लगभग पूरा कर लिया गया था। लोक निर्माण विभाग ने निर्माण दो महीने पहले शुरू किया था, और यह लगभग पूरा होने वाला था। गनीमत रही कि हादसे के समय कोई मजदूर पुल पर मौजूद नहीं था, अन्यथा जान-माल की भारी क्षति हो सकती थी।  हादसे के बाद निर्माण कार्य को तत्काल रोक दिया गया है, और विभाग ने जांच शुरू कर दी है।

इन इंजीनियरों पर हुई कार्रवाई

इस प्रकरण में लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने लोनिवि निर्माण खंड थराली के अधिशासी अभियंता दिनेश मोहन गुप्ता, प्रांतीय खंड कर्णप्रयाग (अतिरिक्त कार्यभार निर्माण खंड थराली) के अधिशासी अभियंता नवीन लाल के साथ निर्माण खंड थराली के सहायक अभियंता आकाश हुड़िया को सस्पेंड कर दिया है। इसी प्रकरण में प्रमुख अभियंता राजेश चंद्र शर्मा ने निर्माण खंड थराली के जेई मयंक को निलंबित किया है। चारों इंजीनियरों को मुख्य अभियंता कार्यालय पौड़ी से संबद्ध कर दिया गया है।

ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज

निर्माणाधीन बैली ब्रिज के क्षतिग्रस्त होने के मामले में विभाग ने एक्शन लिया है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर अवर अभियंता ने पुलिस को ठेकेदार के खिलाफ की तहरीर दी है। थराली थाना अध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। सहायक अभियंता जगदीश कुमार टमटा ने बताया कि ठेकेदार ने बैली ब्रिज के सपोर्ट और वर्थ को एक साथ हटा दिया, जिससे पुल अपना भार सहन नहीं कर पाया और बीच से ढह गया।

ग्रामीणों का आक्रोश और आरोप

रतगांव और आसपास के गांवों के निवासियों ने इस हादसे को लोक निर्माण विभाग और ठेकेदार की घोर लापरवाही का परिणाम बताया। गेरूड़ के प्रधान जगमोहन सिंह रावत ने कहा, “ठेकेदार और विभाग की मिलीभगत ने जनता के धन का दुरुपयोग किया गया। इतने बड़े प्रोजेक्ट को अनुभवहीन ठेकेदार को देना गलत था।” रतगांव ग्राम प्रधान महिपाल फरस्वाण, पृथ्वी सिंह, सुजान सिंह, बलवंत सिंह, प्रदीप फरस्वाण आदि ने जांच की मांग की है।

बैली ब्रिज की लागत 2.8 करोड़ रुपये

60 मीटर लंबा यह बैली पुल रतगांव के 4000 से अधिक निवासियों को थराली, पैनगढ़, और अन्य क्षेत्रों से जोड़ने के लिए बनाया जा रहा था। इसकी लागत 2.8 करोड़ रुपये थी, जिसे 2024 में शासन ने स्वीकृत किया था। लोक निर्माण विभाग ने हादसे की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। सहायक अभियंता टमटा ने बताया कि बैली पुल को नए सिरे से जोड़ने का कार्य शुरू किया जाएगा। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तकनीकी खामियों को दूर किया जाएगा। हालांकि, ग्रामीणों ने विभाग की इस प्रतिक्रिया को अपर्याप्त बताया और उच्च स्तरीय जांच की मांग की। निर्माण विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में पुल निर्माण के लिए जियोटेक्निकल सर्वे, उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री, और नियमित मॉनिटरिंग अनिवार्य है।

पहले भी हो चुके हैं हादसे

  • गूलर, टिहरी (2020): निर्माणाधीन फोर-लेन पुल ढहने से एक मजदूर की मौत हुई और 13 घायल हुए। तकनीकी खामियों की जांच के बाद अधिकारियों पर कार्रवाई की गई।
  • चमोली (2013 और 2018): रतगांव में पहले भी वैली ब्रिज बाढ़ में बह चुके हैं।

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